न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: Amit Mandal
Updated Fri, 08 Apr 2022 11:04 PM IST
सार
केंद्रीय जांच ब्यूरो के निष्कर्षों में कहा गया है कि प्रतिद्वंद्विता दो समूहों के बीच लंबे समय से चली आ रही थी। एक गुट भादू शेख का और दूसरा गुट था पलाश शेख और सोना शेख का।
सीबीआई ने पश्चिम बंगाल में बीरभूम हत्याकांड पर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा कि नरसंहार योजनाबद्ध और संगठित तरीके से किया गया था। यह स्थानीय टीएमसी नेता भादु शेख की हत्या का नतीजा था। केंद्रीय जांच एजेंसी ने 20 से अधिक पन्नों की रिपोर्ट में यह भी कहा है कि जिन सात लोगों के जले हुए शव बोगतुई गांव में एक जले हुए घर के अंदर से बरामद किए गए थे, उन्हें जिंदा जलाने से पहले उन पर हमला किया गया था।
रिपोर्ट की एक प्रति पीटीआई को मिली है, जिसमें कहा गया है कि बोगतुई में आग लगाने और हत्या करने की नृशंस घटना उसी दिन (21 मार्च) को रात साढ़े आठ बजे भादू शेख की हत्या का सीधा नतीजा है।
भादू शेख की हत्या के बाद उसके करीबी सहयोगी और उसके समूह के लोग उग्र हो गए, गैरकानूनी तरीके से जमा हुए और प्रतिद्वंद्वी समूह के परिवार के सदस्यों को एक बहुत ही योजनाबद्ध और संगठित तरीके से मारना और उनके घरों को जलाना शुरू कर दिया। केंद्रीय जांच ब्यूरो के निष्कर्षों में कहा गया है कि प्रतिद्वंद्विता दो समूहों के बीच लंबे समय से चली आ रही थी। एक गुट भादू शेख का और दूसरा गुट था पलाश शेख और सोना शेख का।
घरों को जलाने और परिवार के सदस्यों और प्रतिद्वंद्वी समूहों के समर्थकों को मारने की बदले की कार्रवाई में पलाश शेख और अन्य के घरों को जला दिया गया था। सोना शेख के परिवार के सात सदस्यों और रिश्तेदारों पर हमला किया गया और उन्हें जिंदा जला दिया गया। दो लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई। सीबीआई रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रतिद्वंद्विता का कारण स्थानीय इलाके में प्रभुत्व कायम करने के लिए उनकी पिछली दुश्मनी और वाहनों से अवैध उगाही और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों से पैसा कमाना था।
पिछले महीने बोगतुई में बदमाशों द्वारा घरों में आग लगाने के बाद नौ लोगों की जलने से मौत हो गई थी। सीबीआई ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जांच अपने हाथ में ली और 25 मार्च को मामला दर्ज किया। जांच एजेंसी ने गुरुवार को हत्याओं के सिलसिले में मुंबई से चार लोगों को गिरफ्तार किया था।
विस्तार
सीबीआई ने पश्चिम बंगाल में बीरभूम हत्याकांड पर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा कि नरसंहार योजनाबद्ध और संगठित तरीके से किया गया था। यह स्थानीय टीएमसी नेता भादु शेख की हत्या का नतीजा था। केंद्रीय जांच एजेंसी ने 20 से अधिक पन्नों की रिपोर्ट में यह भी कहा है कि जिन सात लोगों के जले हुए शव बोगतुई गांव में एक जले हुए घर के अंदर से बरामद किए गए थे, उन्हें जिंदा जलाने से पहले उन पर हमला किया गया था।
रिपोर्ट की एक प्रति पीटीआई को मिली है, जिसमें कहा गया है कि बोगतुई में आग लगाने और हत्या करने की नृशंस घटना उसी दिन (21 मार्च) को रात साढ़े आठ बजे भादू शेख की हत्या का सीधा नतीजा है।
भादू शेख की हत्या के बाद उसके करीबी सहयोगी और उसके समूह के लोग उग्र हो गए, गैरकानूनी तरीके से जमा हुए और प्रतिद्वंद्वी समूह के परिवार के सदस्यों को एक बहुत ही योजनाबद्ध और संगठित तरीके से मारना और उनके घरों को जलाना शुरू कर दिया। केंद्रीय जांच ब्यूरो के निष्कर्षों में कहा गया है कि प्रतिद्वंद्विता दो समूहों के बीच लंबे समय से चली आ रही थी। एक गुट भादू शेख का और दूसरा गुट था पलाश शेख और सोना शेख का।
घरों को जलाने और परिवार के सदस्यों और प्रतिद्वंद्वी समूहों के समर्थकों को मारने की बदले की कार्रवाई में पलाश शेख और अन्य के घरों को जला दिया गया था। सोना शेख के परिवार के सात सदस्यों और रिश्तेदारों पर हमला किया गया और उन्हें जिंदा जला दिया गया। दो लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई। सीबीआई रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रतिद्वंद्विता का कारण स्थानीय इलाके में प्रभुत्व कायम करने के लिए उनकी पिछली दुश्मनी और वाहनों से अवैध उगाही और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों से पैसा कमाना था।
पिछले महीने बोगतुई में बदमाशों द्वारा घरों में आग लगाने के बाद नौ लोगों की जलने से मौत हो गई थी। सीबीआई ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जांच अपने हाथ में ली और 25 मार्च को मामला दर्ज किया। जांच एजेंसी ने गुरुवार को हत्याओं के सिलसिले में मुंबई से चार लोगों को गिरफ्तार किया था।
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