एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 15 Mar 2022 02:28 AM IST
सार
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके बाद भी याचिकाकर्ताओं की कोई शिकायत शेष रहती है तो हम उन्हें कानून के मुताबिक उचित कार्यवाही करने की स्वतंत्रता प्रदान करते हैं। इसके साथ ही याचिका का निपटारा किया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के नीट-पीजी दाखिले में 15 पर्सेंटाइल कटौती के फैसले के चलते कटऑफ में कटौती की मांग करने वाली याचिका का निपटारा कर दिया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में निर्णय लिया है कि नीट-पीजी कोर्स में दाखिल के लिए हर श्रेणी में 15 पर्सेंटाइल की कटौती की जाएगी।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि डॉक्टरों द्वारा दायर याचिका का निपटारा किया जाता है क्योंकि वे अब दाखिला हासिल करने में सक्षम होंगे और उनकी शिकायतों का भी समाधान हो गया है। पीठ ने केंद्र सरकार के 12 मार्च 2022 के संवाद पर गौर किया।
इसके मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने नेशनल मेडिकल कमीशन से चर्चा के बाद फैसला किया कि नीट-पीजी कोर्सेज में दाखिले के लिए हर श्रेणी में 15 पर्सेंटाइल की कमी की जाएगी। अब सामान्य श्रेणी की कटऑफ पर्सेंटाइल 35 और सामान्य श्रेणी के शारीरिक रूप से दिव्यांगों के लिए 30 और एससी-एसटी के कटऑफ पर्सेंटाइल 25 होगा।
पीठ ने कहा कि इसके बाद भी याचिकाकर्ताओं की कोई शिकायत शेष रहती है तो हम उन्हें कानून के मुताबिक उचित कार्यवाही करने की स्वतंत्रता प्रदान करते हैं। इसके साथ ही याचिका का निपटारा किया जाता है। याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि काउंसिलिंग 30 मार्च को खत्म हो रही है और सरकार ने अब कटऑफ में कटौती की है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल भी कटऑफ अंकों में कमी की गई थी लेकिन 7,000 सीटें खाली रह गईं थीं। उन्होंने कहा कि कटऑफ अंक नहीं होने संबंधी एक आवेदन अभी लंबित है और कोर्ट को इस पर विचार के लिए निर्देश देना चाहिए। वहीं वकील गौरव शर्मा ने कहा कि पीजी की वे ही सीटें खाली रहती हैं जो आमतौर पर अकादमिक अध्ययन से जुड़ी हैं।
विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के नीट-पीजी दाखिले में 15 पर्सेंटाइल कटौती के फैसले के चलते कटऑफ में कटौती की मांग करने वाली याचिका का निपटारा कर दिया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में निर्णय लिया है कि नीट-पीजी कोर्स में दाखिल के लिए हर श्रेणी में 15 पर्सेंटाइल की कटौती की जाएगी।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि डॉक्टरों द्वारा दायर याचिका का निपटारा किया जाता है क्योंकि वे अब दाखिला हासिल करने में सक्षम होंगे और उनकी शिकायतों का भी समाधान हो गया है। पीठ ने केंद्र सरकार के 12 मार्च 2022 के संवाद पर गौर किया।
इसके मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने नेशनल मेडिकल कमीशन से चर्चा के बाद फैसला किया कि नीट-पीजी कोर्सेज में दाखिले के लिए हर श्रेणी में 15 पर्सेंटाइल की कमी की जाएगी। अब सामान्य श्रेणी की कटऑफ पर्सेंटाइल 35 और सामान्य श्रेणी के शारीरिक रूप से दिव्यांगों के लिए 30 और एससी-एसटी के कटऑफ पर्सेंटाइल 25 होगा।
पीठ ने कहा कि इसके बाद भी याचिकाकर्ताओं की कोई शिकायत शेष रहती है तो हम उन्हें कानून के मुताबिक उचित कार्यवाही करने की स्वतंत्रता प्रदान करते हैं। इसके साथ ही याचिका का निपटारा किया जाता है। याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि काउंसिलिंग 30 मार्च को खत्म हो रही है और सरकार ने अब कटऑफ में कटौती की है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल भी कटऑफ अंकों में कमी की गई थी लेकिन 7,000 सीटें खाली रह गईं थीं। उन्होंने कहा कि कटऑफ अंक नहीं होने संबंधी एक आवेदन अभी लंबित है और कोर्ट को इस पर विचार के लिए निर्देश देना चाहिए। वहीं वकील गौरव शर्मा ने कहा कि पीजी की वे ही सीटें खाली रहती हैं जो आमतौर पर अकादमिक अध्ययन से जुड़ी हैं।
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