वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: Amit Mandal
Updated Tue, 15 Mar 2022 07:21 PM IST
सार
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने जवाबी हमले की तैयारी कर ली थी, लेकिन फिर रुक गया। कुछ वजहों से उसने कदम रोक लिए।
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विस्तार
मिसाइल में नहीं था वॉरहेड
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की ओर से कार्रवाई न करने की दो वजहें थीं। पहली यह कि इस मिसाइल पर कोई वॉरहेड यानी हथियार नहीं था। दूसरा, पहली नजर में यह लग रहा था कि यह जानबूझकर फायर नहीं की गई। दरअसल, इस तरह के हालात से निपटने के लिए दोनों देशों के पास हॉटलाइन मौजूद है, लेकिन बताया जा रहा है कि हॉटलाइन पर इस संबंध में कोई बातचीत नहीं हुई।
मानवीय और तकनीकी गलती शामिल
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने जवाबी हमले की तैयारी कर ली थी, लेकिन फिर रुक गया। पाकिस्तानी फौज के जिम्मेदार अफसरों को लगा कि कुछ गड़बड़ी हुई है। पाकिस्तान के अफसरों का दावा है कि मिसाइल सिरसा से फायर हुई, जबकि रिपोर्ट में बताया गया है कि यह अम्बाला से दागी गई। माना जा रहा है कि इसमें मानवीय और तकनीकी गलती दोनों शामिल थे। यह गड़बड़ी रूटीन चेकिंग सिस्टम के दौरान हुई।
हॉटलाइन की सुविधा मौजूद
भारत और पाकिस्तान के सैन्य कमांडर्स के बीच इस तरह के हालात से निपटने के लिए मैकेनिज्म मौजूद है। दोनों ओर के कमांडर हॉटलाइन पर संपर्क करते हैं। पाकिस्तान इस बात पर हैरान है कि भारत ने इसका इस्तेमाल क्यों नहीं किया? पाकिस्तान ने 10 मार्च को प्रेस ब्रीफिंग में इस मामले की जानकारी दी। भारत ने 11 मार्च को माना कि यह मिसाइल गलती से फायर हुई थी। 15 मार्च को डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने संसद को विस्तार से इसकी जानकारी दी।
कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी के आदेश
हादसे के बाद भारत ने उच्चस्तरीय कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी के आदेश जारी कर दिए। पाकिस्तान की फौज तो नहीं, लेकिन सियासतदान इस मामले को तूल देने की कोशिश में हैं। पाक पीएम इमरान खान और विदेशी नेताओं से भारत की शिकायत कर रहे हैं। चीन ने दबे सुर पाकिस्तान की इस बात का समर्थन किया है इस मामले की संयुक्त जांच होनी चाहिए। वहीं, अमेरिका ने साफ कह दिया है कि यह महज हादसा है, साजिश नहीं।
