न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Sat, 12 Mar 2022 09:21 PM IST
सार
आज कांग्रेस पांच ही राज्यों में सिमटकर रह गई है और भाजपा का परचम कई राज्यों में लहरा रहा है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों ने कांग्रेस को जबरदस्त झटका दिया है।
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विस्तार
वाजपेयी ने कहा था- पूरा देश कांग्रेस पर हंस रहा होगा…
वाजपेयी ने सरकार गिरने पर कहा था- आज हमारी सरकार मात्र एक वोट से गिर गई है। हमारे कम सदस्य होने पर कांग्रेस हम पर हंस रही है। लेकिन मेरी बात कांग्रेस कतई न भूले। एक दिन ऐसा आएगा जब पूरे भारत में हमारी सरकार होगी और पूरा देश कांग्रेस पर हंस रहा होगा।
पांच राज्यों में सिमटी कांग्रेस
आज कमोबेश वहीं स्थिति पैदा हो गई है। कांग्रेस पांच ही राज्यों में सिमटकर रह गई है और भाजपा का परचम कई राज्यों में लहरा रहा है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों ने कांग्रेस को कमजोर किया है और भाजपा को और अधिक मजबूत। इस चुनाव में कांग्रेस पंजाब में भी सत्ता गंवा बैठी। उसे गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में एंटी इंकम्बेंसी के सहारे वापसी की उम्मीद थी, लेकिन यहां भी भाजपा ने उसे बुरी तरह पटखनी दे डाली।
उत्तर प्रदेश में भी प्रियंका गांधी वाड्रा का अभियान काम नहीं आया। सरकार बनाने का दावा करने वाली कांग्रेस महज दो सीटों पर ही सिमट गई। गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में वह मुकाबले में भी नहीं आ पाई। इसके उलट भाजपा ने सत्ता विरोधी लहर के बावजूद यूपी, मणिपुर और उत्तराखंड में जबरदस्त वापसी करते हुए अपने ही दम पर सरकार बना ली। गोवा में वह बहुमत से महज एक सीट ही दूर रही।
अपनों ने कांग्रेस को घेरा
इन चुनावी नतीजों ने पूर्व पीएम वाजपेयी के 25 साल पुराने बयान को ताजा कर दिया। आज कांग्रेस चौतरफा घिरी है। विरोधियों ही नहीं, अपनों के सवालों से भी जूझ रही है। पार्टी के भीतर बने जी-23 गुट ने हमले तेज कर दिए हैं। सोनिया गांधी पर दबाव बढ़ गया है। कई युवा नेता पहले ही पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं और पुराने दिग्गज खफा बैठे हैं। विपक्ष कांग्रेस की खिल्ली उड़ा रहा है।
2014 में 13 राज्यों पर काबिज थी कांग्रेस
2014 में कांग्रेस अपने सहयोगियों के साथ 13 राज्यों पर काबिज थी। 2018 आते-आते उसी स्थिति बिगड़ी और वह महज दो राज्यों में ही सत्ता में रह गई। हालांकि अगले कुछ सालों में उसकी स्थिति में सुधार आया। लेकिन 2022 में वह पांच राज्यों में ही काबिज है। इनमें से भी तीन राज्यों तमिलनाडु, महाराष्ट्र और झारखंड में गठबंधन सरकार है और उसकी अपनी सीटें बहुत कम हैं। उसके पास अपने दम पर एक बड़ा राज्य राजस्थान ही रह गया है। पार्टी बुरी तरह बिखर चुकी है और 2024 के आम चुनाव में वह मजबूत भाजपा से किस तरह मुकाबला करेगी, इसका कोई रोडमैप नहीं दिखता।