वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, मॉस्को
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Mon, 14 Mar 2022 08:58 AM IST
सार
यूक्रेन में पिछले 19 दिन से जंग लड़ रहे रूस ने चीन से सैन्य व आर्थिक मदद की मांग की है। रूस की ओर से यह मदद ऐसे समय पर मांगी गई है, जब अमेरिका की ओर से सीधे तौर पर चीन को धमकाया गया है।
रूस और यूक्रेन में चल रही जंग के बीच एक सवाल उठने लगा है कि क्या रूस पर यूक्रेन भारी पड़ने लगा है? यह बात इसलिए कही जा रही है क्योंकि युद्ध में रूस को चीन की सहायता की जरूरत पड़ गई है। दरअसल, यूक्रेन से चल रही जंग के बीच रूस ने चीन से सहायता के रूप में सैन्य उपकरण की मांग की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अधिकारी की ओर से यह दावा किया गया है कि रूस ने सैन्य के अल्वा ड्रोन की भी मदद चीन से मांगी है। रूस की ओर से यह मदद ऐसे समय पर मांगी गई है, जब अमेरिका की ओर से सीधे तौर पर चीन को धमकाया गया है। दरअसल, अमेरिका ने रविवार को चीन को चेतावनी जारी की थी। इसके तहत कहा गया था कि, आर्थिक प्रतिबंध झेल रहे रूस की मदद के लिए अगर चीन आगे आता है, तो उसे भी बुरे परिणाम भुगतने होंगे। बताया जा रहा है वित्तीय प्रतिबंध लगने के बाद से रूस आर्थिक तौर पर कमजोर हो रहा है और इसलिए उसे चीन की शरण में जाने की जरूरत पड़ गई। बता दें कि अमेरिका समेत कई बड़े देशों ने रूस के बैंको पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इतना ही नहीं कई बड़ी कंपनियों ने भी रूस में अपनी सेवा रोक दी है।
इस तरह की कोई जानकारी नहीं: अमेरिका में चीनी दूतावास
अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यु ने कहा कि रूस द्वारा मदद मांगने को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं है। उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि चीन रूस की मदद करने के लिए तैयार भी हो सकता है। हालांकि, पेंग्यू ने यूक्रेन में मौजूदा स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा कि चीन ने यूक्रेन को मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखा है और आगे भी जारी रखेगा। पेंग्यु ने कहा कि फिलहाल हमारी उच्च प्राथमिकता तनावपूर्ण स्थिति को बढ़ने से रोकने की है. चीन संयम बरतने के साथ बड़े पैमाने पर होने वाले मानवीय संकट को रोकने के पक्ष में है।
रूस और यूक्रेन के बीच सुलह का रास्ता नहीं दिख रहा
रूस-यूक्रेन के बीच जंग का आज 19वां दिन है। दोनों देशों के बीच सुलह का कोई रास्ता निकलता नहीं दिख रहा है। इस बीच खबर है कि रूस और यूक्रेन के बीच चौथे दौर की बातचीत एक से दो दिन में हो सकती है। इस बीच रूस की ओर से यूक्रेन पर हमले और भी ज्यादा तेज कर दिए गए हैं। यूक्रेन के 24 शहरों को निशाना बनाया जा रहा है। इसमें से 19 में तो रेड अलर्ट जारी किया गया है। यहां रूस लगातार बम बरसा रहा है।
विस्तार
रूस और यूक्रेन में चल रही जंग के बीच एक सवाल उठने लगा है कि क्या रूस पर यूक्रेन भारी पड़ने लगा है? यह बात इसलिए कही जा रही है क्योंकि युद्ध में रूस को चीन की सहायता की जरूरत पड़ गई है। दरअसल, यूक्रेन से चल रही जंग के बीच रूस ने चीन से सहायता के रूप में सैन्य उपकरण की मांग की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अधिकारी की ओर से यह दावा किया गया है कि रूस ने सैन्य के अल्वा ड्रोन की भी मदद चीन से मांगी है। रूस की ओर से यह मदद ऐसे समय पर मांगी गई है, जब अमेरिका की ओर से सीधे तौर पर चीन को धमकाया गया है। दरअसल, अमेरिका ने रविवार को चीन को चेतावनी जारी की थी। इसके तहत कहा गया था कि, आर्थिक प्रतिबंध झेल रहे रूस की मदद के लिए अगर चीन आगे आता है, तो उसे भी बुरे परिणाम भुगतने होंगे। बताया जा रहा है वित्तीय प्रतिबंध लगने के बाद से रूस आर्थिक तौर पर कमजोर हो रहा है और इसलिए उसे चीन की शरण में जाने की जरूरत पड़ गई। बता दें कि अमेरिका समेत कई बड़े देशों ने रूस के बैंको पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इतना ही नहीं कई बड़ी कंपनियों ने भी रूस में अपनी सेवा रोक दी है।
इस तरह की कोई जानकारी नहीं: अमेरिका में चीनी दूतावास
अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यु ने कहा कि रूस द्वारा मदद मांगने को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं है। उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि चीन रूस की मदद करने के लिए तैयार भी हो सकता है। हालांकि, पेंग्यू ने यूक्रेन में मौजूदा स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा कि चीन ने यूक्रेन को मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखा है और आगे भी जारी रखेगा। पेंग्यु ने कहा कि फिलहाल हमारी उच्च प्राथमिकता तनावपूर्ण स्थिति को बढ़ने से रोकने की है. चीन संयम बरतने के साथ बड़े पैमाने पर होने वाले मानवीय संकट को रोकने के पक्ष में है।
रूस और यूक्रेन के बीच सुलह का रास्ता नहीं दिख रहा
रूस-यूक्रेन के बीच जंग का आज 19वां दिन है। दोनों देशों के बीच सुलह का कोई रास्ता निकलता नहीं दिख रहा है। इस बीच खबर है कि रूस और यूक्रेन के बीच चौथे दौर की बातचीत एक से दो दिन में हो सकती है। इस बीच रूस की ओर से यूक्रेन पर हमले और भी ज्यादा तेज कर दिए गए हैं। यूक्रेन के 24 शहरों को निशाना बनाया जा रहा है। इसमें से 19 में तो रेड अलर्ट जारी किया गया है। यहां रूस लगातार बम बरसा रहा है।
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