एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: योगेश साहू
Updated Fri, 22 Apr 2022 02:37 AM IST
सार
अधिकारियों का कहना है कि अभी की बाजार स्थितियों के आधार पर सरकार 5 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी बेचने का इरादा नहीं रखी है। एलआईसी के आईपीओ से सरकार को विनिवेश का लक्ष्य पूरा करने में मदद मिलेगी। 2022-23 के लिे 65,000 करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य रखा गया है जो एक साल पहले की तुलना में 13.531 करोड़ रुपये ज्यादा है।
देश के सबसे बड़े इश्यू एलआईसी के आईपीओ की तारीख पर सरकार इस हफ्ते फैसला कर सकती है। 5 फीसदी या 31.6 करोड़ शेयर बेचने के लिए मार्च में इसके इश्यू को लाने की तैयारी थी, लेकिन यूक्रेन-रूस के संकट के चलते इसे टाल दिया गया था। सरकार के पास 12 मई तक का समय आईपीओ लाने के लिए है।
अगर उसके बाद वह इसे लाना चाहती तो सेबी के पास नए सिरे से मसौदा जमा कराना होगा, जिसमें एलआईसी का मार्च तिमाही का वित्तीय परिणाम भी शामिल करना होगा। हालांकि एक अधिकारी ने कहा कि अभी यह फैसला लेना मुश्किल है कि खुदरा और घरेलू निवेशकों की मांग के आधार पर इश्यू लाया जाए या फिर विदेशी निवेशकों की वापसी का इंतजार किया जाए।
एंबेडेड वैल्यू 5.4 लाख करोड़ रुपये
एलआईसी का एंबेडेड वैल्यू सितंबर तिमाही के आधार पर 5.4 लाख करोड़ रुपये था जबकि इसका बाजार मूल्यांकन इसकी तुलना में 2 से 3 गुना होगा। इस आधार पर बाजार मूल्यांकन 11 से 15 लाख करोड़ रुपये हो सकता है। जानकारों का मानना है कि अगर आईपीओ इस समय नहीं आया तो फिर इसे अगस्त-सितंबर तक टाला जा सकता है क्योंकि तब तक मार्च के रिजल्ट के साथ नया मसौदा जमा हो जाएगा।
5 फीसदी हिस्सा ही बेचने की योजना
अधिकारियों का कहना है कि अभी की बाजार स्थितियों के आधार पर सरकार 5 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी बेचने का इरादा नहीं रखी है। एलआईसी के आईपीओ से सरकार को विनिवेश का लक्ष्य पूरा करने में मदद मिलेगी। 2022-23 के लिे 65,000 करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य रखा गया है जो एक साल पहले की तुलना में 13.531 करोड़ रुपये ज्यादा है।
विस्तार
देश के सबसे बड़े इश्यू एलआईसी के आईपीओ की तारीख पर सरकार इस हफ्ते फैसला कर सकती है। 5 फीसदी या 31.6 करोड़ शेयर बेचने के लिए मार्च में इसके इश्यू को लाने की तैयारी थी, लेकिन यूक्रेन-रूस के संकट के चलते इसे टाल दिया गया था। सरकार के पास 12 मई तक का समय आईपीओ लाने के लिए है।
अगर उसके बाद वह इसे लाना चाहती तो सेबी के पास नए सिरे से मसौदा जमा कराना होगा, जिसमें एलआईसी का मार्च तिमाही का वित्तीय परिणाम भी शामिल करना होगा। हालांकि एक अधिकारी ने कहा कि अभी यह फैसला लेना मुश्किल है कि खुदरा और घरेलू निवेशकों की मांग के आधार पर इश्यू लाया जाए या फिर विदेशी निवेशकों की वापसी का इंतजार किया जाए।
एंबेडेड वैल्यू 5.4 लाख करोड़ रुपये
एलआईसी का एंबेडेड वैल्यू सितंबर तिमाही के आधार पर 5.4 लाख करोड़ रुपये था जबकि इसका बाजार मूल्यांकन इसकी तुलना में 2 से 3 गुना होगा। इस आधार पर बाजार मूल्यांकन 11 से 15 लाख करोड़ रुपये हो सकता है। जानकारों का मानना है कि अगर आईपीओ इस समय नहीं आया तो फिर इसे अगस्त-सितंबर तक टाला जा सकता है क्योंकि तब तक मार्च के रिजल्ट के साथ नया मसौदा जमा हो जाएगा।
5 फीसदी हिस्सा ही बेचने की योजना
अधिकारियों का कहना है कि अभी की बाजार स्थितियों के आधार पर सरकार 5 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी बेचने का इरादा नहीं रखी है। एलआईसी के आईपीओ से सरकार को विनिवेश का लक्ष्य पूरा करने में मदद मिलेगी। 2022-23 के लिे 65,000 करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य रखा गया है जो एक साल पहले की तुलना में 13.531 करोड़ रुपये ज्यादा है।
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