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अवमानना मामला: सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की सजा पर फैसला सुरक्षित रखा, यहां जानें क्या है पूरा मामला

अवमानना मामला: सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की सजा पर फैसला सुरक्षित रखा, यहां जानें क्या है पूरा मामला

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Thu, 10 Mar 2022 04:45 PM IST

सार

भगोड़े कारोबारी विजय माल्या पर अवमानना के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने माल्या के खिलाफ सजा पर आदेश सुरक्षित रख लिया। बता दें कि इससे पहले यह सुनवाई बुधवार को होने वाली थी जिसे स्थगित कर आज के लिए निर्धारित किया गया था। 
 

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भगोड़े कारोबारी विजय माल्या पर अवमानना के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने माल्या के खिलाफ सजा पर आदेश सुरक्षित रख लिया। बता दें कि इससे पहले यह सुनवाई बुधवार को होने वाली थी जिसे स्थगित कर आज के लिए निर्धारित किया गया था। 

बुधवार को जस्टिस यूयू ललित, रवींद्र एस भट और पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध मामला एमिकस क्यूरी के वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता के अनुरोध पर स्थगित कर दिया गया था। शीर्ष अदालत ने माल्या को अदालत के आदेश का उल्लंघन करते हुए अपने बच्चों को चार करोड़ डॉलर हस्तांतरित करने के लिए अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया था। इससे पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को जवाब देने का आखिरी मौका देते हुए कहा था कि माल्या की अनुपस्थिति में ही सजा के मुद्दे पर आगे बढ़ने का फैसला किया जाएगा। 

कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर माल्या अपना पक्ष नहीं रखते हैं तो अदालत इस मामले को कानूनी आधार पर आगे बढ़ाएगी। माल्या को संपत्ति का सही ब्यौरा न देने के लिए 2017 में अदालत के आदेशों की अवहेलना का दोषी माना गया था। कोर्ट के इस फैसले पर माल्या की ओर से दाखिल पुनर्विचार याचिका भी सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है। 10 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को अपने खिलाफ अवमानना मामले में व्यक्तिगत रूप से या वकील के माध्यम से पेश होने के लिए दो सप्ताह का अंतिम अवसर दिया था। 

विस्तार

भगोड़े कारोबारी विजय माल्या पर अवमानना के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने माल्या के खिलाफ सजा पर आदेश सुरक्षित रख लिया। बता दें कि इससे पहले यह सुनवाई बुधवार को होने वाली थी जिसे स्थगित कर आज के लिए निर्धारित किया गया था। 

बुधवार को जस्टिस यूयू ललित, रवींद्र एस भट और पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध मामला एमिकस क्यूरी के वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता के अनुरोध पर स्थगित कर दिया गया था। शीर्ष अदालत ने माल्या को अदालत के आदेश का उल्लंघन करते हुए अपने बच्चों को चार करोड़ डॉलर हस्तांतरित करने के लिए अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया था। इससे पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को जवाब देने का आखिरी मौका देते हुए कहा था कि माल्या की अनुपस्थिति में ही सजा के मुद्दे पर आगे बढ़ने का फैसला किया जाएगा। 

कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर माल्या अपना पक्ष नहीं रखते हैं तो अदालत इस मामले को कानूनी आधार पर आगे बढ़ाएगी। माल्या को संपत्ति का सही ब्यौरा न देने के लिए 2017 में अदालत के आदेशों की अवहेलना का दोषी माना गया था। कोर्ट के इस फैसले पर माल्या की ओर से दाखिल पुनर्विचार याचिका भी सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है। 10 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को अपने खिलाफ अवमानना मामले में व्यक्तिगत रूप से या वकील के माध्यम से पेश होने के लिए दो सप्ताह का अंतिम अवसर दिया था। 

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