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Assembly Election Results 2022: इन सियासी दिग्गजों की बेटे-बेटी और पत्नी की किस्मत दांव पर, जानिए कौन आगे, कौन पीछे 

सार

आज नतीजे का दिन है और हम आपको ऐसे ही कुछ उम्मीदवारों की सीटों का अपडेट दे रहे हैं जो सियासी परिवार से आते हैं। जानिए कौन आगे है और कौन पीछे। 

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पांच राज्यों का सियासी घमासान खत्म हो चुका है और अब समय है नतीजों का। पूरे देश की नजरें परिणामों पर टिकी है। साथ ही लोग यह जानने के लिए भी बेताब हैं कि इस चुनाव में सियासत के दिग्गजों के पुत्रों-पुत्रियों और बाकी रिश्तेदारों की किस्मत क्या करवट लेती है। हम आपको ऐसे ही कुछ उम्मीदवारों की सीटों का अपडेट दे रहे हैं जो सियासी परिवार से आते हैं। 
 
पंकज सिंह – नोएडा (आगे) 
यूपी के नोएडा सीट से चुनावी मैदान में उतरे पंकज सिंह के सामने अपने पिता यूपी के पूर्व सीएम और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सियासी साख मजबूत बनाए रखने की चुनौती है। वह इस सीट से मौजूदा विधायक हैं। अभी तक के रुझान में वह आगे चल रहे हैं। पंकज सिंह के खिलाफ सपा ने सुनील चौधरी को उतारा है तो कांग्रेस ने पंखुड़ी पाठक और बसपा ने कृपाराम शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है। 

संदीप सिंह – अतरौली (आगे)  
अलीगढ़ जिले की अतरौली विधानसभा सीट से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे संदीप सिंह पूर्व सीएम कल्याण सिंह के पोते और एटा के मौजूदा सांसद राजवीर सिंह के बेटे हैं। जाहिर है उनके सामने बड़ी चुनौती है। संदीप सिंह के सामने सपा ने वीरेश यादव को उतारा है तो बसपा से प्रत्याशी ओमवीर सिंह मैदान में है।

अब्दुल्ला आजम – स्वार  – (पीछे) 
अब्दुल्ला आजम खान उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा के सदस्य रहे थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के स्वार निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था और समाजवादी पार्टी के सदस्य हैं। वह समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे हैं। 16 दिसंबर 2019 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा चुनावी हलफनामे में विसंगति पाए जाने के कारण उन्हें विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। 

मृगांका सिंह- कैराना (आगे) 
पश्चिमी यूपी के शामली जिले की कैराना विधानसभा सीट पर दो सियासी परिवार के राजनीतिक वारिसों के बीच सियासी जंग है. सपा ने नाहिद हसन को उतारा है, जिनके पिता मुनव्वर हसन से लेकर मां तबस्सुम हसन तक सांसद रही हैं। वहीं, इसी सीट पर बीजेपी से मृगांका सिंह चुनावी मैदान में उतरी हैं, जो पूर्व सांसद हुकुम सिंह की बेटी हैं। मृगांका यहां से दो बार चुनाव हार चुकी हैं। 

अनुकृति गुसाईं रावत – लैंसडौन – (पीछे) 
लैंसडाउन सीट से कांग्रेस ने हाल में पार्टी में दोबारा शामिल हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं को चुनावी मैदान में उतारा है। दबंग छवि वाले हरक सिंह की चुनाव जीतने की क्षमता का लाभ पार्टी को मिलेगा या नहीं ये आज तय होगा। इस सीट पर अनुकृति का मुकाबला भाजपा के दो बार के विधायक दिलीप सिंह रावत से है जिन्होंने 2012 में अपने पिता व क्षेत्र के कद्दावर नेता भारत सिंह रावत की राजनीतिक विरासत संभाली थी। 

अनुपमा रावत – हरिद्वार ग्रामीण (आगे)  
कांग्रेस ने पूर्व सीएम हरीश रावत की पुत्री अनुपमा को हरिद्वार ग्रामीण से टिकट दिया था। इसके नतीजे पर सबकी नजरें हैं।

सुमित हृदयेश – हल्द्वानी – (पीछे)  
कांग्रेस ने अपनी कद्दावर नेता इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद हल्द्वानी सीट से उनके पुत्र सुमित को टिकट दिया है। पार्टी को उम्मीद है कि वह अपनी मां की परंपरागत सीट पर पार्टी का कब्जा बरकरार रखेंगे। 

सविता कपूर – देहरादून कैंट – (आगे) 
देहरादून कैंट विधानसभा सीट पर रिकॉर्ड आठ बार विधायक रहे हरबंस कपूर के हाल में निधन के बाद भाजपा ने उनकी पत्नी सविता को चुनाव मैदान में उतारा है। सविता के साथ ही पार्टी को भी पूरा भरोसा है कि हरबंस कपूर के कद का चुनावी लाभ जरूर मिलेगा।

ऋतु खंडूरी – कोटद्वार
पूर्व मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूरी की पुत्री ऋतु खंडूरी कोटद्वार से चुनाव लड़ रही हैं।

सौरभ बहुगुणा- सितारगंज 
पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के पुत्र सौरभ बहुगुणा सितारगंज से किस्मत आजमा रहे हैं। सबकी निगाहें इसके नतीजे पर है।

चंद्रा पंत – पिथौरागढ़ 
पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवंगत प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत पिथौरागढ़ से चुनावी मैदान में हैं। 

संजीव आर्य – नैनीताल
पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के पुत्र संजीव आर्य नैनीताल से अपनी किस्मत आजामा रहे हैं। 

कामिल अमर सिंह – रायकोट 
 पंजाब में कांग्रेसी सांसद अमर सिंह के बेटे कामिल अमर सिंह लुधियाना की रायकोट सीट से चुनावी मैदान में है। कांग्रेस में तमाम विरोध के बावजूद पार्टी ने इन्हें उम्मीदवार बनाया है। 

विक्रमजीत सिंह -फिल्लौर 
पंजाब में जालंधर की फिल्लौर विधानसभा सीट की बात करें तो यहां से कांग्रेसी सांसद चौधरी संतोख सिंह के बेटे विक्रमजीत सिंह चौधरी टिकट दिया गया है। विक्रमजीत सिंह चौधरी इससे पहले पिछला चुनाव हार चुके हैं।

संदीप जाखड़-अबोहर 
पंजाब की अबोहर सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता सुनील जाखड़ के भतीजे संदीप जाखड़ कांग्रेस की टिकट पर परिवार की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए चुनावी मैदान में है। 

जसविंदर धीमान- संगरूर  
पंजाब की संगरूर सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे सुरजीत धीमान के भतीजे जसविंदर धीमान कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं।

उत्पल पर्रिकर – पणजी (आगे) 
इस बार पूर्व सीएम मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर गोवा की पणजी सीट से निर्दलीय ही मैदान में उतरे हैं। उनकी लंबे समय भाजपा के साथ तनातनी चलती रही और बात नहीं बनने पर उन्होंने अलग चुनाव लड़ने का फैसला ले लिया। पूर्व सीएम के पुत्र होने के नाते इस सीट के नतीजे पर सभी की नजरें हैं। 
 

विस्तार

पांच राज्यों का सियासी घमासान खत्म हो चुका है और अब समय है नतीजों का। पूरे देश की नजरें परिणामों पर टिकी है। साथ ही लोग यह जानने के लिए भी बेताब हैं कि इस चुनाव में सियासत के दिग्गजों के पुत्रों-पुत्रियों और बाकी रिश्तेदारों की किस्मत क्या करवट लेती है। हम आपको ऐसे ही कुछ उम्मीदवारों की सीटों का अपडेट दे रहे हैं जो सियासी परिवार से आते हैं। 

 

पंकज सिंह – नोएडा (आगे) 

यूपी के नोएडा सीट से चुनावी मैदान में उतरे पंकज सिंह के सामने अपने पिता यूपी के पूर्व सीएम और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सियासी साख मजबूत बनाए रखने की चुनौती है। वह इस सीट से मौजूदा विधायक हैं। अभी तक के रुझान में वह आगे चल रहे हैं। पंकज सिंह के खिलाफ सपा ने सुनील चौधरी को उतारा है तो कांग्रेस ने पंखुड़ी पाठक और बसपा ने कृपाराम शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है। 

संदीप सिंह – अतरौली (आगे)  

अलीगढ़ जिले की अतरौली विधानसभा सीट से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे संदीप सिंह पूर्व सीएम कल्याण सिंह के पोते और एटा के मौजूदा सांसद राजवीर सिंह के बेटे हैं। जाहिर है उनके सामने बड़ी चुनौती है। संदीप सिंह के सामने सपा ने वीरेश यादव को उतारा है तो बसपा से प्रत्याशी ओमवीर सिंह मैदान में है।

अब्दुल्ला आजम – स्वार  – (पीछे) 

अब्दुल्ला आजम खान उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा के सदस्य रहे थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के स्वार निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था और समाजवादी पार्टी के सदस्य हैं। वह समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे हैं। 16 दिसंबर 2019 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा चुनावी हलफनामे में विसंगति पाए जाने के कारण उन्हें विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। 

मृगांका सिंह- कैराना (आगे) 

पश्चिमी यूपी के शामली जिले की कैराना विधानसभा सीट पर दो सियासी परिवार के राजनीतिक वारिसों के बीच सियासी जंग है. सपा ने नाहिद हसन को उतारा है, जिनके पिता मुनव्वर हसन से लेकर मां तबस्सुम हसन तक सांसद रही हैं। वहीं, इसी सीट पर बीजेपी से मृगांका सिंह चुनावी मैदान में उतरी हैं, जो पूर्व सांसद हुकुम सिंह की बेटी हैं। मृगांका यहां से दो बार चुनाव हार चुकी हैं। 

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