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अमेरिका: किताबों पर प्रतिबंध लगाने और जलाने की मांग के दौर की शुरुआत, रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं ने उठाई आवाज

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: सुभाष कुमार
Updated Tue, 16 Nov 2021 11:51 PM IST

सार

जेंडर क्वीयरः ए मेमॉयर नाम के इस उपन्यास की लेखिका मेया कोबाबे हैं। प्रकाशक ने इसे दसवीं कक्षा में पढ़ाने की सिफारिश की थी। आरोप है कि इस उपन्यास में यौन अंगों का विस्तृत चित्रण किया गया है और यह पोर्नोग्राफी की श्रेणी में आता है।

रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं ने कई स्कूली किताबों को प्रतिबंधित करने की मांग उठाई है।
– फोटो : सोशल मीडिया

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अमेरिका में भी अब पुस्तकों पर प्रतिबंध लगवाने का दौर आ गया है। हाल में रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं ने कई स्कूली किताबों को प्रतिबंधित करने की मांग उठाई है। इसके बाद कैलिफॉर्निया के गवर्नर हेनरी मैकमास्टर ने अपने राज्य के शिक्षा विभाग को क्वीयर (स्त्री या पुरुष से अलग पहचान वाले मनुष्यों) अस्मिता के बारे में स्कूलों की लाइब्रेरी में मौजूद एक किताब की जांच करने का आदेश दिया है। आरोप है कि इस उपन्यास में यौन अंगों का विस्तृत चित्रण किया गया है और यह पोर्नोग्राफी की श्रेणी में आता है।

जेंडर क्वीयरः ए मेमॉयर नाम के इस उपन्यास की लेखिका मेया कोबाबे हैं। प्रकाशक ने इसे दसवीं कक्षा में पढ़ाने की सिफारिश की थी। बताया जाता है कि यह एक ऐसे व्यक्ति की आत्म कथा है, जिसे लिंग और यौन की पहचान संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। वेबसाइट एनपीआर के मुताबिक मैकमास्टर ने जांच का जो आदेश दिया है, वह हाल में हुई ऐसी कई घटनाओं में से सिर्फ एक है। रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं और कई जगहों पर स्कूल बोर्डों के सदस्यों ने हाल में स्कूल पुस्तकालयों में मौजूद ऐसी किताबों पर आपत्तियां उठाई हैं, जिनका संबंध क्वीयर पहचान, नस्ल भेद या यौन शिक्षा से है।

टेक्सस राज्य के गवर्नर ग्रेग एबॉट ने स्कूल बोर्डों को भेजे एक पत्र में कहा है कि स्कूलों में पोर्नोग्राफी या अश्लील श्रेणी में आने वाली किताबें नहीं होनी चाहिए। लेकिन किन किताबों को ऐसी श्रेणी में माना जाएगा, इसका उन्होंने कोई स्पष्ट उल्लेख अपने पत्र में नहीं किया। इस बीच खबर है कि टेक्सस में राज्य विधायिका के रिपब्लिकन सदस्य जेफ केसॉन ने ‘सरकारी स्कूलों में मौजूद यौन उत्तेजक’ किताबों की जांच का जिम्मा दिया गया है। जिन किताबों का इसमें जिक्र है, उनमें जेंडर क्वीयर भी है।

टेक्सस विधायिका के एक अन्य सदस्य ने 850 ऐसी किताबों की सूची तैयार की है, जिन्हें उन्होंने आपत्तिजनक माना है। इनमें ज्यादातर किताबें ऐसी हैं, जिनके लेखक महिलाएं, अश्वेत या एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोग हैँ। उधर वर्जीनिया, नॉर्थ कैरोलाइना, माइन और मिसौरी राज्यों में भी स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली कई किताबों को निशाना बनाया गया है। इनमें ऐसी किताबें भी हैं, जिनमें अमेरिका में नस्लभेद और ब्लैक समुदाय पर हुए अत्याचारों की कहानियां शामिल हैं।

वर्जीनिया राज्य में स्थित स्पॉटसिल्वेनिया काउंटी में हाल में एक स्कूल बोर्ड ने हाल में ‘यौन उत्तेजक’ किताबों को लाइब्रेरी से हटाने का फैसला किया। उनमें एक किताब 33-स्नोफिश भी है, जिसमें समाज में मौजूद मादक पदार्थों के सेवन, वेश्यावृत्ति और हिंसा की मौजूद प्रवृत्ति का उल्लेख है।

टीवी चैनल एनबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्पॉटसिल्वेनिया स्कूल बोर्ड के दो सदस्यों ने मांग की है कि जिन किताबों को प्रतिबंधित किया गया है, उन्हें जला दिया जाना चाहिए। उनमें से एक सदस्य ने इस टीवी चैनल से कहा- ‘हमें इन किताबों को आग के हवाले कर देना चाहिए। मुझे लगता है कि हम ऐसी दुनिया में पहुंच गए हैं, जहां सरकारी स्कूलों में ईसा मसीह से ज्यादा समलैंगिक पोर्नोग्राफी के बारे में पढ़ाया जाता है।’

विस्तार

अमेरिका में भी अब पुस्तकों पर प्रतिबंध लगवाने का दौर आ गया है। हाल में रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं ने कई स्कूली किताबों को प्रतिबंधित करने की मांग उठाई है। इसके बाद कैलिफॉर्निया के गवर्नर हेनरी मैकमास्टर ने अपने राज्य के शिक्षा विभाग को क्वीयर (स्त्री या पुरुष से अलग पहचान वाले मनुष्यों) अस्मिता के बारे में स्कूलों की लाइब्रेरी में मौजूद एक किताब की जांच करने का आदेश दिया है। आरोप है कि इस उपन्यास में यौन अंगों का विस्तृत चित्रण किया गया है और यह पोर्नोग्राफी की श्रेणी में आता है।

जेंडर क्वीयरः ए मेमॉयर नाम के इस उपन्यास की लेखिका मेया कोबाबे हैं। प्रकाशक ने इसे दसवीं कक्षा में पढ़ाने की सिफारिश की थी। बताया जाता है कि यह एक ऐसे व्यक्ति की आत्म कथा है, जिसे लिंग और यौन की पहचान संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। वेबसाइट एनपीआर के मुताबिक मैकमास्टर ने जांच का जो आदेश दिया है, वह हाल में हुई ऐसी कई घटनाओं में से सिर्फ एक है। रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं और कई जगहों पर स्कूल बोर्डों के सदस्यों ने हाल में स्कूल पुस्तकालयों में मौजूद ऐसी किताबों पर आपत्तियां उठाई हैं, जिनका संबंध क्वीयर पहचान, नस्ल भेद या यौन शिक्षा से है।

टेक्सस राज्य के गवर्नर ग्रेग एबॉट ने स्कूल बोर्डों को भेजे एक पत्र में कहा है कि स्कूलों में पोर्नोग्राफी या अश्लील श्रेणी में आने वाली किताबें नहीं होनी चाहिए। लेकिन किन किताबों को ऐसी श्रेणी में माना जाएगा, इसका उन्होंने कोई स्पष्ट उल्लेख अपने पत्र में नहीं किया। इस बीच खबर है कि टेक्सस में राज्य विधायिका के रिपब्लिकन सदस्य जेफ केसॉन ने ‘सरकारी स्कूलों में मौजूद यौन उत्तेजक’ किताबों की जांच का जिम्मा दिया गया है। जिन किताबों का इसमें जिक्र है, उनमें जेंडर क्वीयर भी है।

टेक्सस विधायिका के एक अन्य सदस्य ने 850 ऐसी किताबों की सूची तैयार की है, जिन्हें उन्होंने आपत्तिजनक माना है। इनमें ज्यादातर किताबें ऐसी हैं, जिनके लेखक महिलाएं, अश्वेत या एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोग हैँ। उधर वर्जीनिया, नॉर्थ कैरोलाइना, माइन और मिसौरी राज्यों में भी स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली कई किताबों को निशाना बनाया गया है। इनमें ऐसी किताबें भी हैं, जिनमें अमेरिका में नस्लभेद और ब्लैक समुदाय पर हुए अत्याचारों की कहानियां शामिल हैं।

वर्जीनिया राज्य में स्थित स्पॉटसिल्वेनिया काउंटी में हाल में एक स्कूल बोर्ड ने हाल में ‘यौन उत्तेजक’ किताबों को लाइब्रेरी से हटाने का फैसला किया। उनमें एक किताब 33-स्नोफिश भी है, जिसमें समाज में मौजूद मादक पदार्थों के सेवन, वेश्यावृत्ति और हिंसा की मौजूद प्रवृत्ति का उल्लेख है।

टीवी चैनल एनबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्पॉटसिल्वेनिया स्कूल बोर्ड के दो सदस्यों ने मांग की है कि जिन किताबों को प्रतिबंधित किया गया है, उन्हें जला दिया जाना चाहिए। उनमें से एक सदस्य ने इस टीवी चैनल से कहा- ‘हमें इन किताबों को आग के हवाले कर देना चाहिए। मुझे लगता है कि हम ऐसी दुनिया में पहुंच गए हैं, जहां सरकारी स्कूलों में ईसा मसीह से ज्यादा समलैंगिक पोर्नोग्राफी के बारे में पढ़ाया जाता है।’

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