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अमेरिका: एक स्टार्टअप कंपनी ने बनाया विशेष कैप्सूल, अंतरिक्ष से सूटकेस के जरिये होगी सामान की डिलीवरी 

सार

अमेरिका की ‘इनवर्जन स्पेस’ नामक कंपनी के मुताबिक, वह अपने नए स्पेस कैप्सूल के जरिये दुनिया में कहीं भी अंतरिक्ष से सामान पहुंचा सकती है। लास एंजेलिस की इस स्टार्टअप कंपनी ने साल 2021 में एक करोड़ डॉलर जुटाए हैं। इससे वह अंतरिक्ष से पृथ्वी पर सामान लाने के लिए एक रीएंट्री कैप्सूल विकसित कर सके।

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अमेरिका की एक स्टार्टअप कंपनी ने एक ऐसा विशेष स्पेस कैप्सूल बनाया है, जो बाहरी अंतरिक्ष से दुनिया के कोने-कोने में सामान पहुंचाने का काम करेगा। इस तकनीक से दुनिया में सामान पहुंचाने के तंत्र और आपूर्ति शृंखला के तंत्र में बहुत बड़ा बदलाव आने की संभावना है।

अमेरिका की ‘इनवर्जन स्पेस’ नामक कंपनी के मुताबिक, वह अपने नए स्पेस कैप्सूल के जरिये दुनिया में कहीं भी अंतरिक्ष से सामान पहुंचा सकती है। लास एंजेलिस की इस स्टार्टअप कंपनी ने साल 2021 में एक करोड़ डॉलर जुटाए हैं। इससे वह अंतरिक्ष से पृथ्वी पर सामान लाने के लिए एक रीएंट्री कैप्सूल विकसित कर सके।

कंपनी इस वापसी यान को व्यवसायिक और रक्षा उद्योगों के लिए बनाना चाहती है, जिससे वैश्विक आपूर्ति वितरण करने के साथ साथ स्पेस स्टेशन से आपूर्ति और वापसी में मदद कर सकता है।  यह रीयूजेबल कैप्सूल अंतरिक्ष से कई बार आने जाने में सक्षम होगा और साथ ही अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में भी सामान पहुंचा सकेगा। कंपनी को उम्मीद है कि इसकी सरकारी और निजी दोनों ही क्षेत्रों में मांग बढ़ेगी और कैप्सूल किसी भी तरह के व्यवसायिक यान प्रक्षेपित कर सकेगा।

नासा भी इस तरह के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए शोध कर रहा है और निजी क्षेत्र को बढ़ावा दे रहा है। रीयूजेबल कैप्सूल नए अंतरिक्ष बाजार में काफी बड़ा योगदान दे सकता है। इस समय कंपनी एक चार फीट के व्यास के कैप्सूल को विकसित करने पर काम कर रही है। इसमें इस आकार के सूटकेस में समा जाने वाला सामान ले जाया जा सकेगा।

पैराशूट परीक्षण
इस विशेष तरह के सूटकेस और उसके तंत्र के साल 2025 तक विकसित होने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल 1.5 फीट के व्यास के कैप्सूल (रे) का  परीक्षण किया जा रहा है। यह तकनीकी प्रदर्शक के रूप में काम करेगा। कंपनी ने हाल ही में ‘रे’ का पैराशूट परीक्षण किया है जिसमें 30000 फुट की ऊंचाई से हवाई जहाज के जरिए एक तश्तरी के जैसी वस्तु को गिराया गया था।

अंतरिक्ष में खुद ही घूमेगा कैप्सूल
इस तंत्र के पूरी तरह से विकसित होने पर अंतरिक्ष यान पृथ्वी के बाहरी वायुमंडल से आवाज की गति से 25 गुना ज्यादा तेजी से टकराएगा और सॉफ्टलैंडिंग के लिए पैराशूट का उपयोग करेगा। कंपनी ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि एक बार अपनी कक्षा में पहुंचने पर कैप्सूल निजी व्यवसायिक स्पेस स्टेशन के लिए खुद ही अपना रास्ता खोज लेगा या अपनी ही कक्षा में बना रहेगा।

आने वाले समय में हजारों कंटेनर्स
इसके लिए कैप्सूल सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाएगा। छोटे कैप्सूल की तकनीक का प्रदर्शन कंपनी साल 2023 में करेगी। कंपनी को उम्मीद है कि एक दिन वह भी हजारों कंटेनर्स को पांच साल के लिए अंतरिक्ष में कायम रखने का खर्चा उठा सकेंगे।

पृथ्वी से टकराने से कुछ घंटे पहले मिला एक क्षुद्रग्रह 
खगोलविदों ने पृथ्वी से टकराने से पहले एक छोटे से क्षुद्रग्रह को आकाश में घूमते हुए देखा। 10 फीट चौड़ा क्षुद्रग्रह 11 मील प्रति सेकंड की गति से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा था। हालांकि, इससे किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा है। खोगलविदों के मुताबिक, या तो क्षुद्रग्रह पूरी तरह से आकाश में जल गया होगा या आर्कटिक महासागर में गिर गया होगा। हालांकि, कुछ लोगों को 12 मार्च को आइसलैंड के ऊपर प्रकाश की चमक दिखाई दी थी। माना जा रहा है कि यह वही क्षुद्रग्रह रहा होगा। 2022 ईबी5 ऐसा पांचवां क्षुद्रग्रह है जिसका पृथ्वी को प्रभावित करने से पहले पता लगाया गया है।

विस्तार

अमेरिका की एक स्टार्टअप कंपनी ने एक ऐसा विशेष स्पेस कैप्सूल बनाया है, जो बाहरी अंतरिक्ष से दुनिया के कोने-कोने में सामान पहुंचाने का काम करेगा। इस तकनीक से दुनिया में सामान पहुंचाने के तंत्र और आपूर्ति शृंखला के तंत्र में बहुत बड़ा बदलाव आने की संभावना है।

अमेरिका की ‘इनवर्जन स्पेस’ नामक कंपनी के मुताबिक, वह अपने नए स्पेस कैप्सूल के जरिये दुनिया में कहीं भी अंतरिक्ष से सामान पहुंचा सकती है। लास एंजेलिस की इस स्टार्टअप कंपनी ने साल 2021 में एक करोड़ डॉलर जुटाए हैं। इससे वह अंतरिक्ष से पृथ्वी पर सामान लाने के लिए एक रीएंट्री कैप्सूल विकसित कर सके।

कंपनी इस वापसी यान को व्यवसायिक और रक्षा उद्योगों के लिए बनाना चाहती है, जिससे वैश्विक आपूर्ति वितरण करने के साथ साथ स्पेस स्टेशन से आपूर्ति और वापसी में मदद कर सकता है।  यह रीयूजेबल कैप्सूल अंतरिक्ष से कई बार आने जाने में सक्षम होगा और साथ ही अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में भी सामान पहुंचा सकेगा। कंपनी को उम्मीद है कि इसकी सरकारी और निजी दोनों ही क्षेत्रों में मांग बढ़ेगी और कैप्सूल किसी भी तरह के व्यवसायिक यान प्रक्षेपित कर सकेगा।

नासा भी इस तरह के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए शोध कर रहा है और निजी क्षेत्र को बढ़ावा दे रहा है। रीयूजेबल कैप्सूल नए अंतरिक्ष बाजार में काफी बड़ा योगदान दे सकता है। इस समय कंपनी एक चार फीट के व्यास के कैप्सूल को विकसित करने पर काम कर रही है। इसमें इस आकार के सूटकेस में समा जाने वाला सामान ले जाया जा सकेगा।

पैराशूट परीक्षण

इस विशेष तरह के सूटकेस और उसके तंत्र के साल 2025 तक विकसित होने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल 1.5 फीट के व्यास के कैप्सूल (रे) का  परीक्षण किया जा रहा है। यह तकनीकी प्रदर्शक के रूप में काम करेगा। कंपनी ने हाल ही में ‘रे’ का पैराशूट परीक्षण किया है जिसमें 30000 फुट की ऊंचाई से हवाई जहाज के जरिए एक तश्तरी के जैसी वस्तु को गिराया गया था।

अंतरिक्ष में खुद ही घूमेगा कैप्सूल

इस तंत्र के पूरी तरह से विकसित होने पर अंतरिक्ष यान पृथ्वी के बाहरी वायुमंडल से आवाज की गति से 25 गुना ज्यादा तेजी से टकराएगा और सॉफ्टलैंडिंग के लिए पैराशूट का उपयोग करेगा। कंपनी ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि एक बार अपनी कक्षा में पहुंचने पर कैप्सूल निजी व्यवसायिक स्पेस स्टेशन के लिए खुद ही अपना रास्ता खोज लेगा या अपनी ही कक्षा में बना रहेगा।

आने वाले समय में हजारों कंटेनर्स

इसके लिए कैप्सूल सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाएगा। छोटे कैप्सूल की तकनीक का प्रदर्शन कंपनी साल 2023 में करेगी। कंपनी को उम्मीद है कि एक दिन वह भी हजारों कंटेनर्स को पांच साल के लिए अंतरिक्ष में कायम रखने का खर्चा उठा सकेंगे।

पृथ्वी से टकराने से कुछ घंटे पहले मिला एक क्षुद्रग्रह 

खगोलविदों ने पृथ्वी से टकराने से पहले एक छोटे से क्षुद्रग्रह को आकाश में घूमते हुए देखा। 10 फीट चौड़ा क्षुद्रग्रह 11 मील प्रति सेकंड की गति से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा था। हालांकि, इससे किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा है। खोगलविदों के मुताबिक, या तो क्षुद्रग्रह पूरी तरह से आकाश में जल गया होगा या आर्कटिक महासागर में गिर गया होगा। हालांकि, कुछ लोगों को 12 मार्च को आइसलैंड के ऊपर प्रकाश की चमक दिखाई दी थी। माना जा रहा है कि यह वही क्षुद्रग्रह रहा होगा। 2022 ईबी5 ऐसा पांचवां क्षुद्रग्रह है जिसका पृथ्वी को प्रभावित करने से पहले पता लगाया गया है।

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