टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रदीप पाण्डेय
Updated Sat, 11 Dec 2021 03:23 PM IST
सार
इस डाटा चोरी का असर सेफ्टी और सिक्योरिटी पर नहीं पड़ेगा। इसके अलावा कंपनी ने इस बात की भी पुष्टि की है कि इस अटैक में ग्राहकों के डाटा चोरी नहीं हुए हैं। Volvo की प्लानिंग 2030 तक पूरी तरह से इलेक्ट्रिक गाड़ियों के उत्पादन पर है।
स्वीडेन की कार निर्माता कंपनी Volvo पर साइबर अटैक हुआ है। Volvo ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि इस साइबर अटैक में रिसर्च एंड डेवलपमेंट डाटा चोरी हुआ है। चीन के Geely की स्वामित्व वाली कंपनी ने कहा है कि उसकी रिपॉजिटरी फाइल को थर्ड पार्टी के द्वारा एक्सेस किया गया है।
इस साइबर अटैर पर वोल्वो ने कहा, ‘अब तक की जांच से पुष्टि हुई इस अटैक में दौरान कंपनी की आरएंडडी डाटा की कुछ फाइल चोरी हुई हैं जिसका असर कंपनी के संचालन पर पड़ सकता है।’ इस अटैक के बाद कंपनी के शेयर में 3.5 फीसदी की गिरावट देखी गई है।
कंपनी ने कहा है कि इस डाटा चोरी का असर सेफ्टी और सिक्योरिटी पर नहीं पड़ेगा। इसके अलावा कंपनी ने इस बात की भी पुष्टि की है कि इस अटैक में ग्राहकों के डाटा चोरी नहीं हुए हैं। Volvo की प्लानिंग 2030 तक पूरी तरह से इलेक्ट्रिक गाड़ियों के उत्पादन पर है।
कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया है कि यह एक बड़ा अटैक नहीं था। कंपनी पर रैनसमवेयर अटैक नहीं, बल्कि एक मामूली साइबर अटैक हुआ है और कंपनी के पास उसके डाटा पर उसका पूरा कंट्रोल है। हैकर ने कहा बिना फिरौती मांगे कहा है कि उसके पास कंपनी का डाटा है। बता दें कि Volvo ने 1999 में ट्रक बनाने वाले वॉल्वो ग्रुप से खुद को अलग कर लिया था। 2010 में Volvo को चीन की Geely ने खरीद लिया था।
विस्तार
स्वीडेन की कार निर्माता कंपनी Volvo पर साइबर अटैक हुआ है। Volvo ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि इस साइबर अटैक में रिसर्च एंड डेवलपमेंट डाटा चोरी हुआ है। चीन के Geely की स्वामित्व वाली कंपनी ने कहा है कि उसकी रिपॉजिटरी फाइल को थर्ड पार्टी के द्वारा एक्सेस किया गया है।
इस साइबर अटैर पर वोल्वो ने कहा, ‘अब तक की जांच से पुष्टि हुई इस अटैक में दौरान कंपनी की आरएंडडी डाटा की कुछ फाइल चोरी हुई हैं जिसका असर कंपनी के संचालन पर पड़ सकता है।’ इस अटैक के बाद कंपनी के शेयर में 3.5 फीसदी की गिरावट देखी गई है।
कंपनी ने कहा है कि इस डाटा चोरी का असर सेफ्टी और सिक्योरिटी पर नहीं पड़ेगा। इसके अलावा कंपनी ने इस बात की भी पुष्टि की है कि इस अटैक में ग्राहकों के डाटा चोरी नहीं हुए हैं। Volvo की प्लानिंग 2030 तक पूरी तरह से इलेक्ट्रिक गाड़ियों के उत्पादन पर है।
कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया है कि यह एक बड़ा अटैक नहीं था। कंपनी पर रैनसमवेयर अटैक नहीं, बल्कि एक मामूली साइबर अटैक हुआ है और कंपनी के पास उसके डाटा पर उसका पूरा कंट्रोल है। हैकर ने कहा बिना फिरौती मांगे कहा है कि उसके पास कंपनी का डाटा है। बता दें कि Volvo ने 1999 में ट्रक बनाने वाले वॉल्वो ग्रुप से खुद को अलग कर लिया था। 2010 में Volvo को चीन की Geely ने खरीद लिया था।
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