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संयुक्त राष्ट्र महासभा : विश्व सौर गठबंधन को पर्यवेक्षक का मिला दर्जा, भारत ने फैसले को बताया ऐतिहासिक

एजेंसी, संयुक्त राष्ट्र
Published by: Kuldeep Singh
Updated Sat, 11 Dec 2021 12:55 AM IST

सार

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) को पर्यवेक्षक का दर्जा दे दिया है। भारत ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि यह गठबंधन व संयुक्त राष्ट्र के बीच एक अच्छी तरह से परिभाषित सहयोग प्रदान करने में मदद करेगा ताकि वैश्विक ऊर्जा वृद्धि और विकास को बढ़ावा मिल सके।
 

टीएस तिरुमूर्ति, यूएन में स्थायी प्रतिनिधि
– फोटो : ANI

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यूएनजीए (संयुक्त राष्ट्र महासभा) ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) को पर्यवेक्षक का दर्जा प्रदान किया है। भारत ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि यह गठबंधन व संयुक्त राष्ट्र के बीच एक अच्छी तरह से परिभाषित सहयोग प्रदान करने में मदद करेगा ताकि वैश्विक ऊर्जा वृद्धि और विकास को बढ़ावा मिल सके।

पीयूष गोयल का ट्वीट, प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण को जोरदार स्वीकृति
सौर ऊर्जा समाधानों के जरिये जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत और फ्रांस द्वारा साझा कोशिशों के रूप में आईएसए की कल्पना की गई थी। इसे 2015 में पेरिस में आयोजित जलवायु परिवर्तन पर ‘संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन’ (यूएनएफसीसीसी) में पक्षकारों के 21वें सम्मेलन (सीओपी21) में दोनों देशों के नेताओं द्वारा पेश किया गया था।

यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, मैं इस मौके पर आईएसए को पर्यवेक्षक का दर्जा प्रदान करने वाले प्रस्ताव को अपनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों को धन्यवाद देता हूं। मुझे विशेष रूप से खुशी है कि यूएनजीए अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद के नेतृत्व में महासभा ने ऐसा ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस बीच, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया, जलवायु कार्रवाई पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण की जोरदार स्वीकृति।

विस्तार

यूएनजीए (संयुक्त राष्ट्र महासभा) ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) को पर्यवेक्षक का दर्जा प्रदान किया है। भारत ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि यह गठबंधन व संयुक्त राष्ट्र के बीच एक अच्छी तरह से परिभाषित सहयोग प्रदान करने में मदद करेगा ताकि वैश्विक ऊर्जा वृद्धि और विकास को बढ़ावा मिल सके।

पीयूष गोयल का ट्वीट, प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण को जोरदार स्वीकृति

सौर ऊर्जा समाधानों के जरिये जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत और फ्रांस द्वारा साझा कोशिशों के रूप में आईएसए की कल्पना की गई थी। इसे 2015 में पेरिस में आयोजित जलवायु परिवर्तन पर ‘संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन’ (यूएनएफसीसीसी) में पक्षकारों के 21वें सम्मेलन (सीओपी21) में दोनों देशों के नेताओं द्वारा पेश किया गया था।

यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, मैं इस मौके पर आईएसए को पर्यवेक्षक का दर्जा प्रदान करने वाले प्रस्ताव को अपनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों को धन्यवाद देता हूं। मुझे विशेष रूप से खुशी है कि यूएनजीए अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद के नेतृत्व में महासभा ने ऐसा ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस बीच, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया, जलवायु कार्रवाई पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण की जोरदार स्वीकृति।

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