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SEBI News: सेटलमेंट एप्लिकेशन अब 180 दिन की जगह 60 दिन में करना होगा जमा, सेबी ने घटाई समयसीमा

SEBI News: सेटलमेंट एप्लिकेशन अब 180 दिन की जगह 60 दिन में करना होगा जमा, सेबी ने घटाई समयसीमा

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Tue, 18 Jan 2022 09:46 AM IST

सार

SEBI Reduces Timeline For Settlement Application: पूंजी एवं बाजार नियामक सेबी ने सेटलमेंट एप्लिकेशन दाखिल करने की समयसीमा को घटा दिया है। अब से एप्लिकेशन 180 दिनों के बजाय 60 दिनों में जमा करना होगा। सेबी ने यह कदम सिस्टम को अधिक कुशल बनाने के इरादे से उठाया है। 
 

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पूंजी एवं बाजार नियामक सेबी ने सेटलमेंट एप्लिकेशन दाखिल करने की समयसीमा को घटा दिया है। अब से एप्लिकेशन 180 दिनों के बजाय 60 दिनों में जमा करना होगा। सेबी ने यह कदम सिस्टम को अधिक कुशल बनाने के इरादे से उठाया है। 

अभी तक जारी था यह नियम
गौरतलब है कि अभी तक कारण बताओ नोटिस मिलने की तारीख से 60 दिन के भीतर सेटलमेंट या रिजॉल्यूशन एप्लिकेशन जमा करना होता है। हालांकि अभी यह सुविधा थी कि आवेदक रिजॉल्यूशन फीस पर 25 फीसदी का अतिरिक्त भुगतान कर समयसीमा को अतिरिक्त 120 दिन बढ़वा सकते थे। इस तरह सेटलमेंट एप्लिकेशन जमा करने की कुल समयसीमा 180 दिन हो जाती थी। इस नियम को बदलते हुए सेबी ने इसे घटकाकर 60 दिन निर्धारित कर दिया है। 

सेबी ने प्रावधान में किया बदलाव
बाजार नियामक ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी कर कहा कि सेटलमेंट एप्लिकेशन जमा करने के लिए 120 अतिरिक्त दिनों के प्रावधान को हटा दिया गया है। इस कदम का मकसद निपटान प्रक्रिया के नियमों को युक्तिसंगत बनाना है। इसके अलावा सेबी ने आंतरिक समिति की बैठक के बाद संशोधित निपटान शर्तों का फॉर्म जमा करने की समयसीमा को भी युक्तिसंगत कर 15 दिन कर दिया है। ये 15 दिन की बैठक के दिन से गिने जाएंगे। मौजूदा नियमों के तहत 10 दिन के ऊपर 20 अतिरिक्त दिनों की अनुमति है।

आईपीओ से जुड़े नियम भी सख्त किए
इसके साथ ही आपको बता दें कि सेबी ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) और उसके साथ आने वाले ऑफर-फॉर-सेल (ओएफएस) से जुड़े नियमों को भी सख्त किया है। सोमवार 17 जनवरी को जारी एक विज्ञप्ति के जरिए बाजार नियामक ने बताया कि अब भविष्य के अज्ञात अधिग्रहणों के लिए आईपीओ से एक सीमित राशि ही जुटाई जा सकेगी। साथ ही प्रमुख शेयरहोल्डरों की तरफ से बिक्री के लिए जाने वाले शेयरों की संख्या को भी सीमित कर दिया गया है। सेबी ने कहा कि एंकर निवेशकों की लॉक-इन अवधि 90 दिनों तक बढ़ा दी गई है और अब सामान्य कंपनी कामकाज के लिए रिजर्व किए गए फंड की निगरानी भी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां करेंगी।

विस्तार

पूंजी एवं बाजार नियामक सेबी ने सेटलमेंट एप्लिकेशन दाखिल करने की समयसीमा को घटा दिया है। अब से एप्लिकेशन 180 दिनों के बजाय 60 दिनों में जमा करना होगा। सेबी ने यह कदम सिस्टम को अधिक कुशल बनाने के इरादे से उठाया है। 

अभी तक जारी था यह नियम

गौरतलब है कि अभी तक कारण बताओ नोटिस मिलने की तारीख से 60 दिन के भीतर सेटलमेंट या रिजॉल्यूशन एप्लिकेशन जमा करना होता है। हालांकि अभी यह सुविधा थी कि आवेदक रिजॉल्यूशन फीस पर 25 फीसदी का अतिरिक्त भुगतान कर समयसीमा को अतिरिक्त 120 दिन बढ़वा सकते थे। इस तरह सेटलमेंट एप्लिकेशन जमा करने की कुल समयसीमा 180 दिन हो जाती थी। इस नियम को बदलते हुए सेबी ने इसे घटकाकर 60 दिन निर्धारित कर दिया है। 

सेबी ने प्रावधान में किया बदलाव

बाजार नियामक ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी कर कहा कि सेटलमेंट एप्लिकेशन जमा करने के लिए 120 अतिरिक्त दिनों के प्रावधान को हटा दिया गया है। इस कदम का मकसद निपटान प्रक्रिया के नियमों को युक्तिसंगत बनाना है। इसके अलावा सेबी ने आंतरिक समिति की बैठक के बाद संशोधित निपटान शर्तों का फॉर्म जमा करने की समयसीमा को भी युक्तिसंगत कर 15 दिन कर दिया है। ये 15 दिन की बैठक के दिन से गिने जाएंगे। मौजूदा नियमों के तहत 10 दिन के ऊपर 20 अतिरिक्त दिनों की अनुमति है।

आईपीओ से जुड़े नियम भी सख्त किए

इसके साथ ही आपको बता दें कि सेबी ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) और उसके साथ आने वाले ऑफर-फॉर-सेल (ओएफएस) से जुड़े नियमों को भी सख्त किया है। सोमवार 17 जनवरी को जारी एक विज्ञप्ति के जरिए बाजार नियामक ने बताया कि अब भविष्य के अज्ञात अधिग्रहणों के लिए आईपीओ से एक सीमित राशि ही जुटाई जा सकेगी। साथ ही प्रमुख शेयरहोल्डरों की तरफ से बिक्री के लिए जाने वाले शेयरों की संख्या को भी सीमित कर दिया गया है। सेबी ने कहा कि एंकर निवेशकों की लॉक-इन अवधि 90 दिनों तक बढ़ा दी गई है और अब सामान्य कंपनी कामकाज के लिए रिजर्व किए गए फंड की निगरानी भी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां करेंगी।

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