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Russia Ukraine dispute: यूक्रेन पर अमेरिका ने रूस की शर्तें ठुकराईं, समझौते की उम्मीद घटीं, क्षेत्र में तनाव बढ़ा

अमेरिका ने यूक्रेन को उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का हिस्सा बनने से रोकने की रूसी शर्त को ठुकरा दिया है। रूस की प्रमुख मांग को खारिज करने के बाद अब यूक्रेन के विवादित क्षेत्र में तनाव चरम पर है। उधर, रूसी संसद भवन ‘क्रेमलिन’ ने भी स्पष्ट कर दिया है कि अब नाटो देशों के साथ समझौते की उम्मीद लगभग खत्म हो गई है।

यूक्रेन समस्या के समाधान के लिए रूस की शर्त को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि रूसी शर्तें बहुत काम की नहीं थीं। रूस ने अपनी पश्चिमी सीमाओं के पास नाटो सैन्य संगठन के विस्तार और अन्य संबंधित सुरक्षा मुद्दों को लेकर अपनी चिंताओं की एक सूची सौंपी थी जिसमें यह मांग शामिल की गई कि नाटो देश यूक्रेन और अन्य देशों के गठबंधन में शामिल होने की संभावना को खारिज कर दें।

नाटो देशों का मानना है कि रूस की शर्त मानने पर वह क्षेत्र में अपना प्रभुत्व बेरोकटोक बढ़ा देगा। इससे क्षेत्र में असंतुलन का खतरा बढ़ जाएगा। इन शर्तों के ठुकराने के बाद रूसी संसद ने स्पष्ट किया कि अब समझौते की उम्मीद बहुत कम बची है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा, हम कूटनीतिक कोशिशें जारी रखे हैं लेकिन उसकी पेशकश खारिज होने से समझौता बहुत मुश्किल है।

यूक्रेन संकट से निपटने के लिए अब अमेरिका हर तरह से तैयार : ब्लिंकन
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रूस से कहा है कि उनका देश यूक्रेन संकट से निपटने के लिए अब ‘हर तरह से तैयार’ है। रूस में अमेरिकी राजदूत जॉन सुलिवन के मॉस्को में रूसी सरकार को कुछ दस्तावेज सौंपने के तुरंत बाद ब्लिंकन ने पत्रकारों से कहा, सब बता दिया गया है, इससे एक गंभीर कूटनीतिक रास्ता खुलता है, रूस को इसे चुनना चाहिए।

विदेश मंत्री ने कहा, हमारे द्वारा दिए गए दस्तावेजों में अमेरिका, हमारे सहयोगियों तथा भागीदारों की रूस के उन कदमों को लेकर चिंताएं शामिल हैं, जिनसे सुरक्षा कमजोर होती है। इनमें रूस द्वारा उठाई गई चिंताओं का एक सैद्धांतिक तथा व्यावहारिक मूल्यांकन और उन क्षेत्रों के लिए हमारे अपने प्रस्ताव जहां हम साझा आधार खोजने में सक्षम हो सकते हैं आदि भी शामिल हैं।

ब्लिंकन ने कहा, हम यह स्पष्ट करते हैं कि ऐसे मूल सिद्धांत हैं, जिन्हें हम बनाए रखने और जिनकी रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसमें यूक्रेन की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता शामिल है। उन्होंने कहा, अमेरिका बातचीत को तैयार है। ब्लिकेन ने कहा, हम कूटनीति को प्राथमिकता देते हैं और यदि रूस, यूक्रेन के प्रति अपनी आक्रामकता को कम कर, भड़काऊ बयानबाजी रोकता है तो हम आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं जहां संचार एवं सहयोग की संभावना है।

यूक्रेन के समर्थन में आया कनाडा
यूक्रेन की सैन्य मदद के लिए कनाडा भी अपनी सेना के 400 कर्मी विवादित क्षेत्र में तैनात करेगा। इनमें से 60 कर्मी आगामी कुछ दिनों में ही तैनात होंगे। यह बात कनाडा की रक्षामंत्री अनीता आनंद ने पीएम जस्टिन त्रूदो के साथ एक पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा, हम 34 करोड़ डॉलर के साथ यूक्रेन में अपने प्रशिक्षण मिशन की क्षमता में बढ़ावा करेंगे। पीएम त्रूदो ने कहा, हम अपना ऑपरेशन तीन और वर्ष के लिए बढ़ा रहे हैं। यूक्रेन में सैन्य संख्या भी 200 से बढ़ाकर 400 की जा रही है। त्रूदो ने कहा, कनाडा के सैन्य कर्मियों की सुरक्षा सर्वोपरि है।

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