इस वजह से मजाक उड़ाते थे बच्चे
मैथिली ठाकुर ने मीडिया चैनल से एक खास बातचीत में बताया कि जब वो पहली बार दिल्ली आई थीं और उन्होंने स्कूल में एडमिशन लिया था तो लोग उनका अंग्रेजी भाषा को लेकर उनका खूब मजाक उड़ाते थे। मैथिली ने कहा, ‘शुरुआत में मैं स्कूल नहीं जाती थी, लेकिन जब मैंने देखा सभी बच्चे स्कूल जाते हैं तो मैंने स्कूल जाना शुरू किया और मेरा दाखिला छठी क्लास में हुआ। लेकिन उस दौरान मुझे कुछ समझ नहीं आता था। मेरी अंग्रेजी की वजह से मुझे कई दिक्कतें आती थी।
मैथिली ने आगे कहा, ‘जब भी टीचर अंग्रेजी में कुछ पढ़ा रही होती थीं या फिर बच्चे कुछ पूछ लेते थे तो मैं बिलकुल ब्लैंक हो जाती थी। जब उन्हें ये पता चला कि मैं बिहार से हूं तो वो जानबूझकर मुझे अंग्रेजी में बात करते थे सिर्फ ये देखने के लिए कि मैं उसका जवाब कैसे देती हूं। मुझे याद है एक बार मेरी टीचर ने मुझसे किसी किताब के बारे में पूछा तो मैंने बोला खोज रही हूं। मेरे ऐसा कहते ही क्लास के सभी बच्चे जोर-जोर से हंसने लगे।
मैथिली ने आगे बातचीत करते हुए कहा कि मुझे बाद में पता लगा यहां खोजने को ढूंढना कहते हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे यहां हिन्दी में ही काफी कुछ नए शब्द सीखने को मिले, मैंने धीरे-धीरे खुद को सुधारना शुरू किया। मैंने दिल लगाकर पढ़ाई की ताकि सबके सामने मेरा आत्मविश्वास हमेशा बना रहे। मैंने अपने अंदर काफी कुछ बदलाव लाए।
मैथिली ने कहा, ‘स्कूल में पूरे दिन जो भी मेरे साथ होता था वो मैं अपने माता-पिता को बताती थी। लेकिन मेरे पिता रोने पर मुझे हमेशा शांत करवाकर एक ही बात कहते थे जो बोलता है बोलने दो तुम बस अपना काम करो। मैथिली ने स्कूल में रहने के दौरान ही कई राज्य और राष्ट्रीय स्तर की सिंगिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और जीत भी हासिल की।
मैथिली ठाकुर ने 10 साल की उम्र में जागरण में गाना शुरू किया था। उन्होंने कई सिंगिंग रिएलिटी शो में हिस्सा लिया, लेकिन उन्हें जो असली पहचान मिली वो ‘राइजिंग स्टार’ से मिली। इस शो में उनके गाने को काफी पसंद किया गया और वो शो की पहली रनरअप बनीं। इस शो ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान दिलाई।
