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हिंदी पर सियासत: कांग्रेस ने शाह पर हिंदी थोपने की कोशिश करने का आरोप लगाया, कहा- यह जनता का ध्यान हटाने की कोशिश

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Fri, 08 Apr 2022 11:01 PM IST

सार

शाह ने गुरुवार को कहा था कि हिंदी को स्थानीय भाषाओं के नहीं, बल्कि अंग्रेजी के विकल्प के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। शाह ने संसदीय राजभाषा समिति की 37वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्णय किया है कि सरकार चलाने का माध्यम राजभाषा है और यह निश्चित तौर पर हिंदी के महत्व को बढ़ाएगा।

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कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह पर हिंदी थोपने की कोशिश करने का आरोप लगाया। पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि ऐसा करके वह इस भाषा का नुकसान कर रहे हैं। शाह महंगाई और अन्य मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि हिंदी राजभाषा है, न कि राष्ट्रभाषा, जैसा कि राजनाथ सिंह ने संसद में तब कहा था, जब वह गृह मंत्री थे।

रमेश ने ट्विटर पर कहा कि मैं हिंदी के साथ बहुत सहज हूं, लेकिन मैं नहीं चाहता कि इसे किसी पर थोपा जाएं। अमित शाह इसे थोपकर हिंदी का नुकसान कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि गृह मंत्री ने हिंदी के बारे में उपदेश देने की कोशिश की है, जो उन्हें नहीं करना चाहिए।

उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गृह मंत्री ने हमें हिंदी के बारे में उपदेश देने की कोशिश की है। मैं पहले ही हिंदी में उत्तर दे चुका हूं। मैं हिंदी का बहुत बड़ा समर्थक हूं, लेकिन थोपने का नहीं, भड़काऊ राजनीति का नहीं, विभाजनकारी राजनीति का नहीं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हिंदी का मुद्दा उठाकर गृह मंत्री महंगाई के मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्या आपका हिंदी उपदेश महंगाई या बेरोजगारी का समाधान करेगा- नहीं। आपका उद्देश्य चीजों को थोपकर, जबरदस्ती करके आपसी अविश्वास पैदा करना है।

सिंघवी ने केन्द्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भारत ने एलपीजी की कीमतों के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में नंबर एक का दर्जा हासिल किया है, दुनिया में पेट्रोल के मामले में तीसरा स्थान और डीजल के मामले में आठवें स्थान पर है।

इससे पहले शाह ने गुरुवार को कहा था कि हिंदी को स्थानीय भाषाओं के नहीं, बल्कि अंग्रेजी के विकल्प के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। शाह ने संसदीय राजभाषा समिति की 37वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्णय किया है कि सरकार चलाने का माध्यम राजभाषा है और यह निश्चित तौर पर हिंदी के महत्व को बढ़ाएगा।

विस्तार

कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह पर हिंदी थोपने की कोशिश करने का आरोप लगाया। पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि ऐसा करके वह इस भाषा का नुकसान कर रहे हैं। शाह महंगाई और अन्य मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि हिंदी राजभाषा है, न कि राष्ट्रभाषा, जैसा कि राजनाथ सिंह ने संसद में तब कहा था, जब वह गृह मंत्री थे।

रमेश ने ट्विटर पर कहा कि मैं हिंदी के साथ बहुत सहज हूं, लेकिन मैं नहीं चाहता कि इसे किसी पर थोपा जाएं। अमित शाह इसे थोपकर हिंदी का नुकसान कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि गृह मंत्री ने हिंदी के बारे में उपदेश देने की कोशिश की है, जो उन्हें नहीं करना चाहिए।

उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गृह मंत्री ने हमें हिंदी के बारे में उपदेश देने की कोशिश की है। मैं पहले ही हिंदी में उत्तर दे चुका हूं। मैं हिंदी का बहुत बड़ा समर्थक हूं, लेकिन थोपने का नहीं, भड़काऊ राजनीति का नहीं, विभाजनकारी राजनीति का नहीं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हिंदी का मुद्दा उठाकर गृह मंत्री महंगाई के मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्या आपका हिंदी उपदेश महंगाई या बेरोजगारी का समाधान करेगा- नहीं। आपका उद्देश्य चीजों को थोपकर, जबरदस्ती करके आपसी अविश्वास पैदा करना है।

सिंघवी ने केन्द्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भारत ने एलपीजी की कीमतों के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में नंबर एक का दर्जा हासिल किया है, दुनिया में पेट्रोल के मामले में तीसरा स्थान और डीजल के मामले में आठवें स्थान पर है।

इससे पहले शाह ने गुरुवार को कहा था कि हिंदी को स्थानीय भाषाओं के नहीं, बल्कि अंग्रेजी के विकल्प के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। शाह ने संसदीय राजभाषा समिति की 37वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्णय किया है कि सरकार चलाने का माध्यम राजभाषा है और यह निश्चित तौर पर हिंदी के महत्व को बढ़ाएगा।

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