अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 18 Jan 2022 03:47 AM IST
सार
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी देहरादून में 2020 बैच के 64 भारतीय वन सेवा- आईएफएस अधिकारियों को संबोधित करते हुए केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि अधिकारियों को स्थानीय समुदायों की आकांक्षाओं और जरूरतों के साथ मानवीय संवेदना और संवेदनशीलता के साथ वन के पारिस्थितिक तंत्र-( इकोसिस्टम) को समझकर काम करने की जरूरत है।
केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव
– फोटो : ANI (फाइल फोटो)
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विस्तार
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी देहरादून में 2020 बैच के 64 भारतीय वन सेवा- आईएफएस अधिकारी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। बैच को संबोधित करते हुए यादव ने कहा कि अधिकारियों को स्थानीय समुदायों की आकांक्षाओं और जरूरतों के साथ मानवीय संवेदना और संवेदनशीलता के साथ वन के पारिस्थितिक तंत्र-( इकोसिस्टम) को समझकर काम करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘मौजूदा राष्ट्रीय नेतृत्व देश में विकास के साथ सभी मोर्चों पर परिवर्तनकारी कार्य प्रगति की उम्मीद करता है। इतना ही नहीं उन्हें विभिन्न पर्यावरणीय सीमाओं और उनकी अभिव्यक्ति की चुनौतियों के मध्य संकट से निपटने की कार्यकुशलता का परिचय देना है।’
उन्होंने कहा, ‘जलवायु परिवर्तन, भूमि क्षरण, प्रदूषण और जैव विविधता की हानि, जैसी तमाम चुनौतियों को सतत विकास की मदद से कम करने और इस क्षेत्र में नित्य नए विचारों और आयामों के साथ काम करने की आवश्यकता है।’ पर्यावरण मंत्री ने प्रशिक्षुओं को कार्बन उत्सर्जन डेट लाइन, ऊर्जा मिश्रण, सौर ऊर्जा और अन्य पर्यावरणीय रूप से कुशल स्रोतों के अनुपात, जैव विविधता के संरक्षण और मरुस्थलीकरण का मुकाबला करने के साथ ही तेजी से बंजर हो रही भूमि की बहाली की प्रतिबद्धताओं पर प्रकाश डाला।
उन्होंने अधिकारियों से रचनात्मक और नवीन विचारों के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया। इस अवसर पर राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने भी अपने विचार साझा किए। इस मौके पर पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सचिव लीला नंदन, सी पी गोयल महानिदेशक वन और विशेष सचिव एमओएफसीसी ने भी शिरकत की है।