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'सब की कांग्रेस' v/s 'घर की कांग्रेस' : सिब्बल के बयान पर मीडिया ने राहुल से किया सवाल, नजरअंदाज कर चल दिए

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Tue, 15 Mar 2022 11:56 AM IST

सार

कांग्रेस में अगले कुछ दिनों में सियासी घमासान तेज होने के आसार हैं। पांच राज्यों की ताजा हार के बाद पार्टी की औपचारिक बैठक में सोनिया गांधी के इस्तीफे की पेशकश व उसे खारिज करने की रस्म पूरी हो गई है, लेकिन अब अंदरूनी असंतोष मीडिया के मार्फत बाहर आ रहा है। 
 

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पंजाब में कांग्रेस की करारी हार और चार अन्य राज्यों में बची जमीन खोने को लेकर पार्टी में घमासान तेज हो गया है। इस बीच वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल व जी-23 ने नेतृत्व के प्रति फिर खुले आम असंतोष प्रकट करना शुरू कर दिया है। सिब्बल ने ‘घर की कांग्रेस’ को ‘सबकी कांग्रेस’ बनाने का आह्वान किया है। इस पर जब संसद भवन में पत्रकारों ने राहुल गांधी पर सवाल उछाला तो वह बगैर कोई जवाब दिए सदन में चले गए। 

कांग्रेस में अगले कुछ दिनों में सियासी घमासान तेज होने के आसार हैं। पांच राज्यों की ताजा हार के बाद पार्टी की औपचारिक बैठक में सोनिया गांधी के इस्तीफे की पेशकश व उसे खारिज करने की रस्म पूरी हो गई है, लेकिन अब अंदरूनी असंतोष मीडिया के मार्फत बाहर आ रहा है। 

राहुल गांधी से पूछे गए सवाल पर प्रतिक्रया, देखें वीडियो
 

गांधी परिवार छोड़े नेतृत्व : कपिल सिब्बल
मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने एक बार फिर से पार्टी नेतृत्व को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कांग्रेस के खराब प्रदर्शन को लेकर गांधी परिवार पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बोला है। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को दिए साक्षात्कार में सिब्बल ने गांधी परिवार को नेतृत्व छोड़ने के लिए कहा है और किसी अन्य नेता को लीडरशिप देने की बात कही है।

‘घर की कांग्रेस’ को ‘सबकी कांग्रेस’ बनाने का वक्त आया
कपिल सिब्बल ने गांधी परिवार पर हमला बोलते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि ‘घर की कांग्रेस’ की जगह ‘सब की कांग्रेस’ हो। उन्होंने कहा कि इस बार के परिणामों ने मुझे आश्चर्यचकित नहीं किया क्योंकि मुझे इसका अंदाजा पहले से था। हम 2014 से लगातार नीचे की ओर जा रहे हैं। हमने राज्य दर राज्य खोया है। जहां हम सफल हुए वहां भी हम अपने कार्यकर्ता को एक साथ नहीं रख पाए। 

कांग्रेस जैसा पलायन किसी दल में नहीं हुआ
इस बीच कांग्रेस से कुछ प्रमुख लोगों का पलायन हुआ है। जिनमें नेतृत्व का भरोसा था वह कांग्रेस से दूर जा रहे थे। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी नेतृत्व के करीबी लोगों ने उनका साथ छोड़ दिया। मैं आंकड़े देख रहा था। यह ध्यान रखना वाकई दिलचस्प है कि 2014 से अब तक लगभग 177 सांसद, विधायक के साथ-साथ 222 उम्मीदवार कांग्रेस छोड़ चुके हैं। हमने इतिहास में किसी अन्य राजनीतिक दल में इस तरह का पलायन नहीं देखा है।

 

विस्तार

पंजाब में कांग्रेस की करारी हार और चार अन्य राज्यों में बची जमीन खोने को लेकर पार्टी में घमासान तेज हो गया है। इस बीच वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल व जी-23 ने नेतृत्व के प्रति फिर खुले आम असंतोष प्रकट करना शुरू कर दिया है। सिब्बल ने ‘घर की कांग्रेस’ को ‘सबकी कांग्रेस’ बनाने का आह्वान किया है। इस पर जब संसद भवन में पत्रकारों ने राहुल गांधी पर सवाल उछाला तो वह बगैर कोई जवाब दिए सदन में चले गए। 

कांग्रेस में अगले कुछ दिनों में सियासी घमासान तेज होने के आसार हैं। पांच राज्यों की ताजा हार के बाद पार्टी की औपचारिक बैठक में सोनिया गांधी के इस्तीफे की पेशकश व उसे खारिज करने की रस्म पूरी हो गई है, लेकिन अब अंदरूनी असंतोष मीडिया के मार्फत बाहर आ रहा है। 

राहुल गांधी से पूछे गए सवाल पर प्रतिक्रया, देखें वीडियो

 

गांधी परिवार छोड़े नेतृत्व : कपिल सिब्बल

मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने एक बार फिर से पार्टी नेतृत्व को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कांग्रेस के खराब प्रदर्शन को लेकर गांधी परिवार पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बोला है। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को दिए साक्षात्कार में सिब्बल ने गांधी परिवार को नेतृत्व छोड़ने के लिए कहा है और किसी अन्य नेता को लीडरशिप देने की बात कही है।

‘घर की कांग्रेस’ को ‘सबकी कांग्रेस’ बनाने का वक्त आया

कपिल सिब्बल ने गांधी परिवार पर हमला बोलते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि ‘घर की कांग्रेस’ की जगह ‘सब की कांग्रेस’ हो। उन्होंने कहा कि इस बार के परिणामों ने मुझे आश्चर्यचकित नहीं किया क्योंकि मुझे इसका अंदाजा पहले से था। हम 2014 से लगातार नीचे की ओर जा रहे हैं। हमने राज्य दर राज्य खोया है। जहां हम सफल हुए वहां भी हम अपने कार्यकर्ता को एक साथ नहीं रख पाए। 

कांग्रेस जैसा पलायन किसी दल में नहीं हुआ

इस बीच कांग्रेस से कुछ प्रमुख लोगों का पलायन हुआ है। जिनमें नेतृत्व का भरोसा था वह कांग्रेस से दूर जा रहे थे। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी नेतृत्व के करीबी लोगों ने उनका साथ छोड़ दिया। मैं आंकड़े देख रहा था। यह ध्यान रखना वाकई दिलचस्प है कि 2014 से अब तक लगभग 177 सांसद, विधायक के साथ-साथ 222 उम्मीदवार कांग्रेस छोड़ चुके हैं। हमने इतिहास में किसी अन्य राजनीतिक दल में इस तरह का पलायन नहीं देखा है।

 

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