इस्राइल और फलस्तीन की सुरक्षा चिंताओं को लेकर भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने यूएनएससी की बैठक में कहा कि इन्हें सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वार्ता करने से ही हल किया जा सकता है। दोनों पक्षों के बीच शांति बनाए रखने का कोई अन्य विकल्प नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा है कि इस्राइल और फलस्तीन की सुरक्षा चिंताओं को सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वार्ता से ही हल किया जा सकता है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में फलस्तीन पर बोलते हुए कहा कि दोनों पक्षों के बीच शांति बनाए रखने का कोई अन्य विकल्प नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने कहा, शांति के लिए दूसरा कोई विकल्प नहीं
तिरुमूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र में बताया कि तीस साल पहले विश्व बिरादरी ने मैड्रिड शांति सम्मेलन के माध्यम से इस्राइल-फलस्तीन के बीच वार्ता का एक रास्ता बनाने में मदद की थी। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच के विवाद को दूर करने के लिए अब भी इस तरह का कदम उठाने की जरूरत है और भारत इसका खुले तौर पर समर्थन करने के लिए तैयार है।
तिरुमूर्ति ने कहा, यूएनएससी द्वारा 2323 संकल्प द्वि-राष्ट्र विवाद को सुलाझाने की पुष्टि के लिए अपनाया गया था, जो हिंसा रोकने की पैरवी करता है। उन्होंने भारत की तरफ से दोनों देशों के बीच जारी हिंसात्मक गतिविधियों की निंदा की। उन्होंने कहा, शेख जराह से फलस्तीनी परिवारों को हटाने की आशंकाएं हैं। येरूशलम के पवित्र स्थलों पर तनाव का माहौल है। उन्होंने कहा कि हम दोनों पक्षों से हिंसा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आह्वान करते है।
इस्राइली फायरिंग में फलस्तीन के नागरिक की मौत
इस्राइली सैनिकों ने एक फलस्तीनी नागरिक की इसलिए हत्या कर दी क्योंकि वह कथित तौर पर अपना वाहन वेस्ट बैंक में एक सैन्य चौकी में घुसाने की कोशिश कर रहा था। सैनिकों ने वाहन पर गोलियां चलाईं, जिसमें व्यक्ति की मौत हो गई। इस दौरान उसकी कार अनियंत्रित होकर एक सैन्य वाहन से टकरा गई और जेनिन के उत्तरी वेस्ट बैंक शहर के पास आग की लपटों में घिर गई। मृतक की पहचान उजागर नहीं की गई है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के लिए प्रतिबंधों में छूट देने संबंधी प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। प्रस्ताव में यह रेखांकित किया गया है कि सुरक्षा परिषद को प्रदान की जाने वाली सहायता की निगरानी के साथ ही कोष के सही उपयोग को सुनिश्चित करना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने बुधवार को कहा, ‘भारत ने अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के लिए प्रतिबंधों से छूट देने के प्रस्ताव का समर्थन किया।’
उन्होंने कहा, ‘यह महत्वपूर्ण है कि सहायता में तत्काल तेजी लाई जाए और संयुक्त राष्ट्र एवं अन्य एजेंसियों को निर्बाध पहुंच प्रदान की जाए। इस परिपेक्ष्य में भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के आह्वान का समर्थन किया है कि अफगानिस्तान के लिए मानवीय सहायता तक पहुंच प्रत्यक्ष और बिना किसी बाधा के होनी चाहिए।’
तिरुमूर्ति ने कहा, ‘अफगानिस्तान के लिए मानवीय सहायता तटस्थता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों पर आधारित होनी चाहिए। साथ ही सहायता का वितरण जातीयता, धर्म या राजनीतिक विश्वास को दरकिनार कर गैर-भेदभावपूर्ण होना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि विशेष रूप से सहायता सबसे पहले सबसे कमजोर लोगों तक पहुंचनी चाहिए। जिनमें महिलाएं, बच्चे और अल्पसंख्यक शामिल हैं। साथ ही, इस परिषद को सहायता के वितरण पर भी समान रूप से अपनी निगरानी रखनी चाहिए और साथ ही धन के किसी भी संभावित दुरुपयोग से बचना चाहिए क्योंकि इसका प्रभाव प्रतिकूल हो सकता है।
टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि अफगानिस्तान के सबसे बड़े क्षेत्रीय विकास भागीदार के रूप में भारत अफगानिस्तान के लोगों को अति आवश्यक सहायता के त्वरित प्रावधान को सक्षम करने की दिशा में काम करने के लिए अन्य हितधारकों के साथ समन्वय करने के लिए तैयार है। तिरुमूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि पिछले दो दशकों में, भारत ने अफगानिस्तान के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हमने अभी-अभी टीकों की पांच लाख खुराक और 1.6 मीट्रिक टन जीवन रक्षक दवाएं एयरलिफ्ट की हैं। हम और दवाएं और खाद्यान्न भेजने की प्रक्रिया में हैं।
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संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा है कि इस्राइल और फलस्तीन की सुरक्षा चिंताओं को सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वार्ता से ही हल किया जा सकता है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में फलस्तीन पर बोलते हुए कहा कि दोनों पक्षों के बीच शांति बनाए रखने का कोई अन्य विकल्प नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने कहा, शांति के लिए दूसरा कोई विकल्प नहीं
तिरुमूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र में बताया कि तीस साल पहले विश्व बिरादरी ने मैड्रिड शांति सम्मेलन के माध्यम से इस्राइल-फलस्तीन के बीच वार्ता का एक रास्ता बनाने में मदद की थी। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच के विवाद को दूर करने के लिए अब भी इस तरह का कदम उठाने की जरूरत है और भारत इसका खुले तौर पर समर्थन करने के लिए तैयार है।
तिरुमूर्ति ने कहा, यूएनएससी द्वारा 2323 संकल्प द्वि-राष्ट्र विवाद को सुलाझाने की पुष्टि के लिए अपनाया गया था, जो हिंसा रोकने की पैरवी करता है। उन्होंने भारत की तरफ से दोनों देशों के बीच जारी हिंसात्मक गतिविधियों की निंदा की। उन्होंने कहा, शेख जराह से फलस्तीनी परिवारों को हटाने की आशंकाएं हैं। येरूशलम के पवित्र स्थलों पर तनाव का माहौल है। उन्होंने कहा कि हम दोनों पक्षों से हिंसा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आह्वान करते है।
इस्राइली फायरिंग में फलस्तीन के नागरिक की मौत
इस्राइली सैनिकों ने एक फलस्तीनी नागरिक की इसलिए हत्या कर दी क्योंकि वह कथित तौर पर अपना वाहन वेस्ट बैंक में एक सैन्य चौकी में घुसाने की कोशिश कर रहा था। सैनिकों ने वाहन पर गोलियां चलाईं, जिसमें व्यक्ति की मौत हो गई। इस दौरान उसकी कार अनियंत्रित होकर एक सैन्य वाहन से टकरा गई और जेनिन के उत्तरी वेस्ट बैंक शहर के पास आग की लपटों में घिर गई। मृतक की पहचान उजागर नहीं की गई है।