Sports

खेल मंत्रालय : बेटियों की ओलंपिक सफलता से निकला खेलों में महिला लीग के आयोजन का मंत्र, अब होंगी सिर्फ बेटियों की लीग

हेमंत रस्तोगी, नई दिल्ली
Published by: Kuldeep Singh
Updated Thu, 23 Dec 2021 06:55 AM IST

सार

टोक्यो ओलंपिक की सफलता और अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां अर्जित करने के बाद बेटियों को खेलों में आगे लाने के लिए मंत्रालय ने कुछ खेल संघों से लीग के आयोजन का खाका खीचने को भी कह दिया है। खास बात यह है कि लीग में अच्छी ईनामी राशि दांव पर रखी जाएगी जिसमें खेल संघों के साथ खेल मंत्रालय भी अपना योगदान देगा।

ख़बर सुनें

अब वह दिन दूर नहीं जब देश में सिर्फ बेटियों की स्पोट्र्स लीग का आयोजन होगा। भारतीय बेटियों की ओलंपिक की सफलता और अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां अर्जित करने के बाद खेल मंत्रालय ने एक नहीं कई खेलों में एक साथ महिला लीग के आयोजन की तैयारी कर ली है।

खेल मंत्रालय ने खेल संघों से महिला लीग का खाका खीचने को कहा
बेटियों को खेलों में आगे लाने के लिए मंत्रालय ने कुछ खेल संघों से लीग के आयोजन का खाका खीचने को भी कह दिया है। खास बात यह है कि लीग में अच्छी ईनामी राशि दांव पर रखी जाएगी जिसमें खेल संघों के साथ खेल मंत्रालय भी अपना योगदान देगा।

मंत्रालय ने खेल संघों से लेना शुरू किया हिसाब गांव में खेलों के लिए क्या किया
यही नहीं मंत्रालय ने खेल संघों से यह भी हिसाब लेना शुरू कर दिया है कि उन्होंने गांवों में खेलों के विकास के लिए क्या किया है।

मंत्रालय करेगा लीग के आयोजन में मदद
क्रिकेट, बैडमिंटन या कुछ खेलों को छोड़ दें तो महिलाओं को समर्पित कोई लीग नहीं है, जबकि बेटियां लगातार ओलंपिक, एशियाई, राष्ट्रमंडल स्तर पर शानदार प्रदर्शन कर रही हैं। खेल मंत्रालय ने बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए खेल संघों के समक्ष महिला लीग के आयोजन की जिम्मेदारी रखी है। कुछ खेल संघों को खेल मंत्रालय ने अपने साथ हुई बैठक में महिला लीग के आयोजन की जिम्मेदारी सौंप भी दी है। लीग का आयोजन खेलो इंडिया के तहत कराया जाएगा, जिसमें जूनियर बेटियां ही शिरकत कर सकेंगी। लीग में अच्छे प्रदर्शन के आधार पर उनका चयन कर उन्हें नेशनल सेंटर ऑफ एक्सिलेंस (एनसीओई) में भेजा जाएगा।

हॉकी का प्रयोग रहा सफल
हालांकि मंत्रालय ने अंडर-21 महिला हॉकी लीग के जरिए प्रयोग शुरू किया है, जो उसे सफल होता दिखाई देता है। यही कारण है कि अब दूसरे खेल संघों को भी यह जिम्मेदारी देने का फैसला लिया गया है। मंत्रालय के एजेंडे में कुश्ती, वेटलिफ्टिंग, बॉक्सिंग, शूटिंग, बैडमिंटन, एथलेटिक्स जैसे खेलों में बेटियों की लीग का आयोजन प्रमुख है

खेल संघों पर कसा शिकंजा
खेल मंत्रालय ने अब ग्रामीण और जिला स्तर पर खेलों के विकास के लिए खेल संघों से जोनल स्तर पर टूर्नामेंटों की जानकारी लेना शुरू कर दिया है। जो भी खेल संघ जोनल स्तर पर खेल टूर्नामेंट नहीं कराएंगे उनकी आर्थिक मदद में कटौती भी की जा सकती है।

विस्तार

अब वह दिन दूर नहीं जब देश में सिर्फ बेटियों की स्पोट्र्स लीग का आयोजन होगा। भारतीय बेटियों की ओलंपिक की सफलता और अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां अर्जित करने के बाद खेल मंत्रालय ने एक नहीं कई खेलों में एक साथ महिला लीग के आयोजन की तैयारी कर ली है।

खेल मंत्रालय ने खेल संघों से महिला लीग का खाका खीचने को कहा

बेटियों को खेलों में आगे लाने के लिए मंत्रालय ने कुछ खेल संघों से लीग के आयोजन का खाका खीचने को भी कह दिया है। खास बात यह है कि लीग में अच्छी ईनामी राशि दांव पर रखी जाएगी जिसमें खेल संघों के साथ खेल मंत्रालय भी अपना योगदान देगा।

मंत्रालय ने खेल संघों से लेना शुरू किया हिसाब गांव में खेलों के लिए क्या किया

यही नहीं मंत्रालय ने खेल संघों से यह भी हिसाब लेना शुरू कर दिया है कि उन्होंने गांवों में खेलों के विकास के लिए क्या किया है।

मंत्रालय करेगा लीग के आयोजन में मदद

क्रिकेट, बैडमिंटन या कुछ खेलों को छोड़ दें तो महिलाओं को समर्पित कोई लीग नहीं है, जबकि बेटियां लगातार ओलंपिक, एशियाई, राष्ट्रमंडल स्तर पर शानदार प्रदर्शन कर रही हैं। खेल मंत्रालय ने बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए खेल संघों के समक्ष महिला लीग के आयोजन की जिम्मेदारी रखी है। कुछ खेल संघों को खेल मंत्रालय ने अपने साथ हुई बैठक में महिला लीग के आयोजन की जिम्मेदारी सौंप भी दी है। लीग का आयोजन खेलो इंडिया के तहत कराया जाएगा, जिसमें जूनियर बेटियां ही शिरकत कर सकेंगी। लीग में अच्छे प्रदर्शन के आधार पर उनका चयन कर उन्हें नेशनल सेंटर ऑफ एक्सिलेंस (एनसीओई) में भेजा जाएगा।

हॉकी का प्रयोग रहा सफल

हालांकि मंत्रालय ने अंडर-21 महिला हॉकी लीग के जरिए प्रयोग शुरू किया है, जो उसे सफल होता दिखाई देता है। यही कारण है कि अब दूसरे खेल संघों को भी यह जिम्मेदारी देने का फैसला लिया गया है। मंत्रालय के एजेंडे में कुश्ती, वेटलिफ्टिंग, बॉक्सिंग, शूटिंग, बैडमिंटन, एथलेटिक्स जैसे खेलों में बेटियों की लीग का आयोजन प्रमुख है

खेल संघों पर कसा शिकंजा

खेल मंत्रालय ने अब ग्रामीण और जिला स्तर पर खेलों के विकास के लिए खेल संघों से जोनल स्तर पर टूर्नामेंटों की जानकारी लेना शुरू कर दिया है। जो भी खेल संघ जोनल स्तर पर खेल टूर्नामेंट नहीं कराएंगे उनकी आर्थिक मदद में कटौती भी की जा सकती है।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
%d bloggers like this: