सभी 9 ग्रह एक नियमित अंतराल पर एक से दूसरी राशि में परिवर्तन होते रहते हैं। कुछ ग्रह ढाई दिनों में ही अपनी राशि बदल लेते हैं तो कुछ वर्षों एक राशि में रहने के बाद दूसरी राशि में आते हैं। सभी ग्रहों में शनिदेव सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं। शनि ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने के लिए करीब ढाई वर्ष का समय लगाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में शनिग्रह को न्यायाधिपति और कर्मफलदाता ग्रह माना जाता है। यह व्यक्तियों के उसके द्वारा किए गए कर्मों के आधार पर ही अच्छा या बुरा फल प्रदान करते हैं। जिन जातकों की कुंडली में शनि शुभ भाव में होते हैं वे अक्सर शुभ फल ही प्रदान करते हैं जबकि शनि के अशुभ भाव में होने पर व्यक्ति के ऊपर कई तरह की परेशानियां आती हैं।
इस वर्ष शनिदेव करेंगे राशि परिवर्तन
शनिदेव पिछले लगभग ढाई वर्षों से अपनी स्वराशि मकर में विराजमान हैं। अब इसके बाद इस वर्ष शनि का राशि परिवर्तन होने जा रहा है। 29 अप्रैल 2022 को शनि करीब 30 साल के बाद कुंभ राशि में प्रवेश प्रवेश करने जा रहे हैं। कुंभ राशि भी शनि की स्वराशि है। शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही कुछ राशि के जातकों के शनिदोष से छुटकारा मिल जाएगी तो वहीं कुछ राशि पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाएगी।
शनिदेव मकर राशि की अपनी यात्रा को विराम देते हुए कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। जैसे ही शनिदेव कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे उसके बाद से मकर, कुंभ और मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती के अलग-अलग चरण शुरू हो जाएंगे। कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा, मकर पर तीसरा और मीन राशि पर पहला चरण शुरू हो जाएगा। इसके अलावा कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर ढैय्या आरंभ हो जाएगी। शनि के राशि परिवर्तन होने से धनु राशि से साढ़ेसाती और मिथुन व तुला राशि वालों पर शनि की ढैय्या खत्म हो जाएगी। जिस कारण से इनके जीवन में परेशानियां कम होंगी।
शनि के राशि परिवर्तन करने से कुछ राशियों पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। मेष, तुला, वृष और धनु राशि के जातकों को उनके जीवन में शुभ परिणाम प्राप्त होंगे। सभी तरह के रुके हुए कार्य पूरे होंगे। नौकरी में प्रमोशन और आय में वृद्धि होगी। परिवार में खुशियां आएंगी।