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वीर तुम बढ़े चलो: गलवान संघर्ष में शहीद दीपक सिंह की पत्नी ने पास की परीक्षा, सेना में देंगी सेवाएं

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Sat, 05 Feb 2022 08:42 AM IST

सार

शहीद दीपक सिंह बिहार रेजीमेंट की 16 वीं बटालियन में नायक थे। वह गलवान घाटी में चीनी सैनिकों को खदेड़ने के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए थे। बीते साल नवंबर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया था। दीपक सिंह की पत्नी रेखा देवी ने यह सम्मान ग्रहण किया था। 

नायक दीपक सिंह को मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति कोविंद ने रेखा देवी को दिया था यह सम्मान।
– फोटो : social media

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पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून 2020 को  चीन से संघर्ष में शहीद बिहार के नायक दीपक सिंह की 23 साल की पत्नी रेखा देवी ने भी अपने पति की राह पर चलने का फैसला किया है। मप्र के रीवा की रहने वाली रेखा देवी ने सेना में शामिल होने के लिए महत्वपूर्ण परीक्षा पास कर ली है। वह सेना में अधिकारी के रूप में सेवाएं देंगी। 

शहीद दीपक सिंह बिहार रेजीमेंट की 16 वीं बटालियन में नायक थे। वह गलवान घाटी में चीनी सैनिकों को खदेड़ने के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए थे। बीते साल नवंबर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया था। दीपक सिंह की पत्नी रेखा देवी ने यह सम्मान ग्रहण किया था। वीर चक्र (VrC) देश का तीसरा सबसे बड़ा सैन्य सम्मान है। परम वीर चक्र (PVC) व महावीर चक्र  (MVC) के बाद इसका स्थान है। 

रेखा देवी ने शुक्रवार को सर्विसेस सिलेक्शन बोर्ड (SSB) की परीक्षा पास कर ली। एक सैन्य अधिकारी के अनुसार इलाहाबाद में पांच दिन चले इंटरव्यू के बाद उनका चयन किया गया। अब उन्हें सेवा पूर्व प्रशिक्षण  (OTA) दिया जाएगा। चयनित प्रत्याशियों की सूची संघ लोक सेवा आयोग द्वारा जारी किए जाने के पूर्व रेखा देवी को मेडिकल टेस्ट पास करना होगा। 

शहीदों की पत्नियों को यह छूट
शहीद सैन्य जवानों व अधिकारियों की पत्नियों को सेना में भर्ती होने के लिए यूपीएससी द्वारा कराई जाने वाली सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा सीडीएस में शामिल होने से छूट दी जाती है। यह पास करने के बाद ही एसएसबी इंटरव्यू की पात्रता होती है। शहीदों की पत्नियों को आयु सीमा में छूट मिलती है। वैसे ओटीए के लिए आयु सीमा 19 से 25 साल तय है। 

नायक दीपक सिंह सेना में चिकित्सा सहायक थे
नायक दीपक सिंह सेना में चिकित्सा सहायक थे। उन्होंने समय पर इलाज कर 30 भारतीय जवानों की जान बचाई थी। सात घंटे चले गलवान घाटी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे। वहीं चीन के भी 40 से ज्यादा जवान व अधिकारी मारे गए थे। संघर्ष के दौरान ही नायक दीपक सिंह घायल जवानों की मदद के लिए मोर्चे पर पहुंचे थे, इसी दौरान चीनी सैनिकों की ओर से मारा गया एक पत्थर सिर में आकर लगा था। इसके बाद भी उन्होंने कई घायल जवानों की मदद की, हालांकि बाद में दीपक सिंह ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। 

विस्तार

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून 2020 को  चीन से संघर्ष में शहीद बिहार के नायक दीपक सिंह की 23 साल की पत्नी रेखा देवी ने भी अपने पति की राह पर चलने का फैसला किया है। मप्र के रीवा की रहने वाली रेखा देवी ने सेना में शामिल होने के लिए महत्वपूर्ण परीक्षा पास कर ली है। वह सेना में अधिकारी के रूप में सेवाएं देंगी। 

शहीद दीपक सिंह बिहार रेजीमेंट की 16 वीं बटालियन में नायक थे। वह गलवान घाटी में चीनी सैनिकों को खदेड़ने के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए थे। बीते साल नवंबर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया था। दीपक सिंह की पत्नी रेखा देवी ने यह सम्मान ग्रहण किया था। वीर चक्र (VrC) देश का तीसरा सबसे बड़ा सैन्य सम्मान है। परम वीर चक्र (PVC) व महावीर चक्र  (MVC) के बाद इसका स्थान है। 

रेखा देवी ने शुक्रवार को सर्विसेस सिलेक्शन बोर्ड (SSB) की परीक्षा पास कर ली। एक सैन्य अधिकारी के अनुसार इलाहाबाद में पांच दिन चले इंटरव्यू के बाद उनका चयन किया गया। अब उन्हें सेवा पूर्व प्रशिक्षण  (OTA) दिया जाएगा। चयनित प्रत्याशियों की सूची संघ लोक सेवा आयोग द्वारा जारी किए जाने के पूर्व रेखा देवी को मेडिकल टेस्ट पास करना होगा। 

शहीदों की पत्नियों को यह छूट

शहीद सैन्य जवानों व अधिकारियों की पत्नियों को सेना में भर्ती होने के लिए यूपीएससी द्वारा कराई जाने वाली सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा सीडीएस में शामिल होने से छूट दी जाती है। यह पास करने के बाद ही एसएसबी इंटरव्यू की पात्रता होती है। शहीदों की पत्नियों को आयु सीमा में छूट मिलती है। वैसे ओटीए के लिए आयु सीमा 19 से 25 साल तय है। 

नायक दीपक सिंह सेना में चिकित्सा सहायक थे

नायक दीपक सिंह सेना में चिकित्सा सहायक थे। उन्होंने समय पर इलाज कर 30 भारतीय जवानों की जान बचाई थी। सात घंटे चले गलवान घाटी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे। वहीं चीन के भी 40 से ज्यादा जवान व अधिकारी मारे गए थे। संघर्ष के दौरान ही नायक दीपक सिंह घायल जवानों की मदद के लिए मोर्चे पर पहुंचे थे, इसी दौरान चीनी सैनिकों की ओर से मारा गया एक पत्थर सिर में आकर लगा था। इसके बाद भी उन्होंने कई घायल जवानों की मदद की, हालांकि बाद में दीपक सिंह ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। 

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