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रिपोर्ट: पाकिस्तानी सेना के जनरलों में भ्रष्टाचार का बोलबाला, अफगानिस्तान पर सोवियत कब्जे के खिलाफ किया भ्रष्टाचार

एजेंसी, रावलपिंडी।
Published by: देव कश्यप
Updated Sun, 06 Mar 2022 12:23 AM IST

सार

द टाइम्स ऑफ इस्राइल ने कहा कि यह लीक डाटा दस्तावेज बताते हैं कि पाकिस्तानी सेना के शीर्ष जनरलों ने अफगानिस्तान पर सोवियत कब्जे के खिलाफ युद्ध के नाम पर कितना भ्रष्टाचार किया था।

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स्विटजरलैंड में पंजीकृत एक निवेश बैंकिंग फर्म ‘क्रेडिट सुइस’ से हाल ही में लीक हुए डाटा में पता चलता है कि पाकिस्तान की सेना में भ्रष्टाचार और लालच का बोलबाला है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पूर्व आईएसआई प्रमुख जनरल अख्तर अब्दुर्रहमान खान को फंसाया गया था।

पाकिस्तानी जनरलों की यह रिपोर्ट शुक्रवार को सामने आई। इसके मुताबिक, जनरल रहमान ने 1980 के दशक में सोवियत संघ के खिलाफ अपनी लड़ाई का समर्थन करने के लिए अफगानिस्तान में मुजाहिदीन को अमेरिका व अन्य देशों से हासिल अरबों डॉलर नकद और अन्य सहायता दी थी।

द टाइम्स ऑफ इस्राइल ने कहा कि यह लीक डाटा दस्तावेज बताते हैं कि पाकिस्तानी सेना के शीर्ष जनरलों ने अफगानिस्तान पर सोवियत कब्जे के खिलाफ युद्ध के नाम पर कितना भ्रष्टाचार किया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाक सेना के अफसरों का आदर्श वाक्य ‘लालच अच्छा है’ लगता है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, निजी लाभ के लिए सेवारत और सेवानिवृत्त जनरलों द्वारा वित्तीय गड़बड़ी, रिश्वतखोरी, जबरन वसूली से संबंधित असंख्य घिनौनी कहानियां हैं। उनके तस्करी रैकेट और नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल होने की भी खबरें हैं।

काफी लाभ अर्जित करते हैं सैन्य अफसर
रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा नहीं कि पाकिस्तान में सेना के अफसरों को कम वेतन मिलता है इसलिए वे भ्रष्टाचार करते हैं। इसमें कहा गया है कि पाक सेना में तीन-स्टार जनरल भी पाकिस्तानी रुपये में अरबपति होता है। उसे रिटायरमेंट के बाद न सिर्फ आवासीय बल्कि व्यावसायिक भूखंड बेहद रियायती दरों पर दिया जाता है। जबकि उनके किसी भी मामले की जांच भी ठीक तरह से नहीं होती है।

विस्तार

स्विटजरलैंड में पंजीकृत एक निवेश बैंकिंग फर्म ‘क्रेडिट सुइस’ से हाल ही में लीक हुए डाटा में पता चलता है कि पाकिस्तान की सेना में भ्रष्टाचार और लालच का बोलबाला है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पूर्व आईएसआई प्रमुख जनरल अख्तर अब्दुर्रहमान खान को फंसाया गया था।

पाकिस्तानी जनरलों की यह रिपोर्ट शुक्रवार को सामने आई। इसके मुताबिक, जनरल रहमान ने 1980 के दशक में सोवियत संघ के खिलाफ अपनी लड़ाई का समर्थन करने के लिए अफगानिस्तान में मुजाहिदीन को अमेरिका व अन्य देशों से हासिल अरबों डॉलर नकद और अन्य सहायता दी थी।

द टाइम्स ऑफ इस्राइल ने कहा कि यह लीक डाटा दस्तावेज बताते हैं कि पाकिस्तानी सेना के शीर्ष जनरलों ने अफगानिस्तान पर सोवियत कब्जे के खिलाफ युद्ध के नाम पर कितना भ्रष्टाचार किया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाक सेना के अफसरों का आदर्श वाक्य ‘लालच अच्छा है’ लगता है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, निजी लाभ के लिए सेवारत और सेवानिवृत्त जनरलों द्वारा वित्तीय गड़बड़ी, रिश्वतखोरी, जबरन वसूली से संबंधित असंख्य घिनौनी कहानियां हैं। उनके तस्करी रैकेट और नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल होने की भी खबरें हैं।

काफी लाभ अर्जित करते हैं सैन्य अफसर

रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा नहीं कि पाकिस्तान में सेना के अफसरों को कम वेतन मिलता है इसलिए वे भ्रष्टाचार करते हैं। इसमें कहा गया है कि पाक सेना में तीन-स्टार जनरल भी पाकिस्तानी रुपये में अरबपति होता है। उसे रिटायरमेंट के बाद न सिर्फ आवासीय बल्कि व्यावसायिक भूखंड बेहद रियायती दरों पर दिया जाता है। जबकि उनके किसी भी मामले की जांच भी ठीक तरह से नहीं होती है।

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