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यूक्रेन संकट: युद्ध के चलते खतरे में पड़ी 19 सरोगेट शिशुओं की सुरक्षा, बायोलॉजिकल माता-पिता यात्रा करने में असमर्थ

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कीव
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Sun, 13 Mar 2022 11:42 AM IST

सार

यूक्रेन की राजधानी कीव के एक बेसमेंट में 19 सरोगेट बच्चे फंस गए हैं जिसकी देखभाल कुछ केयरटेकर द्वारा तो की जा रही है लेकिन इनकी जान को अभी भी खतरा है। सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि इनके बायोलॉजिकल माता-पिता यात्रा करने में असमर्थ हो रहे हैं।

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रूस-यूक्रेन के बीच आज लगातार 18वें दिन भी जंग जारी है। दोनों देशों के बीच तीन से अधिक बार की वार्ता के बावजूद युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा। दोनों में से कोई देश झुकने को तैयार नही है जिसके चलते इसका खामियाजा आम लोगों के साथ-साथ बच्चों को भी भुगतना पड़ रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक लगातार बमबारी से कीव शहर में तबाही मची हुई है। कई लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं। इन सब के बीच एक मार्मिक घटना सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार कीव के एक बेसमेंट में 19 सरोगेट बच्चे फंस गए हैं जिसकी देखभाल कुछ केयरटेकर द्वारा तो की जा रही है लेकिन इनकी जान को अभी भी खतरा है। सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि इनके बायोलॉजिकल माता-पिता यात्रा करने में असमर्थ हो रहे हैं। वे सभी युद्ध संकट के कारण यहां नहीं आ पा रहे हैं। 

बायोलॉजिकल माता-पिता यात्रा की मजबूरी
दरअसल, अधिकांश बायोलॉजिकल माता-पिता दूसरे देश के निवासी होते हैं लेकिन जब उन्हें सरोगेसी के जरिए बच्चे की जरूरत होती है तो वे यूक्रेन में आते हैं और फिर समझौता करके चले जाते हैं। फिर जब बच्चे जन्म लेते हैं तो उसे लेने के लिए आते हैं। लेकिन इस बार समस्या यह है कि रूस और यूक्रेन में युद्ध छिड़ चुका है जो कि लगातार 18 दिन से जारी है। ऐसे में यूक्रेन में प्रवेश करना मुश्किल हो रहा है। 

यूक्रेन में सरोगेसी के जरिए सबसे ज्यादा बच्चे जन्म लेते हैं
दरअसल, दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले यूक्रेन में सरोगेसी के जरिए सबसे ज्यादा बच्चे पैदा होते हैं, लेकिन युद्ध शुरू होने के चलते इसका असर सरोगेसी इंडस्ट्री पर भी पड़ने लगा है। रिपोर्ट के अनुसार आस-पास के देश के लोग भी सरोगेसी के जरिए बच्चे प्राप्त करने के लिए यूक्रेन में आते थे लेकिन युद्ध संकट के चलते अब नहीं आ पा रहे हैं।

विस्तार

रूस-यूक्रेन के बीच आज लगातार 18वें दिन भी जंग जारी है। दोनों देशों के बीच तीन से अधिक बार की वार्ता के बावजूद युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा। दोनों में से कोई देश झुकने को तैयार नही है जिसके चलते इसका खामियाजा आम लोगों के साथ-साथ बच्चों को भी भुगतना पड़ रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक लगातार बमबारी से कीव शहर में तबाही मची हुई है। कई लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं। इन सब के बीच एक मार्मिक घटना सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार कीव के एक बेसमेंट में 19 सरोगेट बच्चे फंस गए हैं जिसकी देखभाल कुछ केयरटेकर द्वारा तो की जा रही है लेकिन इनकी जान को अभी भी खतरा है। सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि इनके बायोलॉजिकल माता-पिता यात्रा करने में असमर्थ हो रहे हैं। वे सभी युद्ध संकट के कारण यहां नहीं आ पा रहे हैं। 

बायोलॉजिकल माता-पिता यात्रा की मजबूरी

दरअसल, अधिकांश बायोलॉजिकल माता-पिता दूसरे देश के निवासी होते हैं लेकिन जब उन्हें सरोगेसी के जरिए बच्चे की जरूरत होती है तो वे यूक्रेन में आते हैं और फिर समझौता करके चले जाते हैं। फिर जब बच्चे जन्म लेते हैं तो उसे लेने के लिए आते हैं। लेकिन इस बार समस्या यह है कि रूस और यूक्रेन में युद्ध छिड़ चुका है जो कि लगातार 18 दिन से जारी है। ऐसे में यूक्रेन में प्रवेश करना मुश्किल हो रहा है। 

यूक्रेन में सरोगेसी के जरिए सबसे ज्यादा बच्चे जन्म लेते हैं

दरअसल, दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले यूक्रेन में सरोगेसी के जरिए सबसे ज्यादा बच्चे पैदा होते हैं, लेकिन युद्ध शुरू होने के चलते इसका असर सरोगेसी इंडस्ट्री पर भी पड़ने लगा है। रिपोर्ट के अनुसार आस-पास के देश के लोग भी सरोगेसी के जरिए बच्चे प्राप्त करने के लिए यूक्रेन में आते थे लेकिन युद्ध संकट के चलते अब नहीं आ पा रहे हैं।

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