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मोदी इफैक्ट: पीएम की अपील के बाद यूएन की रिपोर्ट में भी जिक्र, डब्ल्यूटीओ की गाइडलाइन में रियायत देने की सिफारिश

एएनआई, न्यूयॉर्क
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 15 Apr 2022 11:43 PM IST

सार

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का वैश्विक असर हुआ है, खाने-पीने से लेकर ऊर्जा जैसी अन्य चीजें भी महंगी हुई हैं। वहीं संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में तत्काल प्रभाव से खाद्य निर्यात प्रतिबंधों से मानवीय सहायता के लिए विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) द्वारा खरीद को छूट देने का आह्वान किया गया है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूरी दुनिया को खाद्य सामग्री की आपूर्ति के प्रस्ताव के बाद संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में विश्व व्यापार संगठन के नियमों में ढील देने की सिफारिश की गई है। वहीं पीएम मोदी इससे पहले अमरिकी राष्ट्रपति को इस मामले पर जानकारी दे चुके हैं।

पीएम मोदी कर चुके हैं आह्वान
गुजरात के अडलाज में श्री अन्नपूर्णाधाम न्यास के छात्रावास एवं शिक्षा परिसर का वीडियो कांफ्रेंस से उद्घाटन और जनसहायक ट्रस्ट के हीरामणि आरोग्यधाम का भूमिपूजन करने के बाद अपने संबोधन में मोदी ने कहा था कि युद्ध (रूस-यूक्रेन) के चलते दुनिया के विभिन्न हिस्सों में खाद्य भंडार कम होता जा रहा है तो भारत खाद्य संकट की समस्या से निपटने मदद के लिए दूसरे देशों को खाद्यान्न भेज सकता है।

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का वैश्विक असर हुआ है, खाने पीने से लेकर ऊर्जा जैसी अन्य चीजें भी महंगी हुई हैं। वहीं संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में तत्काल प्रभाव से खाद्य निर्यात प्रतिबंधों से मानवीय सहायता के लिए विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) द्वारा खरीद को छूट देने का आह्वान किया गया है।

जून में होने जा रहा विश्व व्यापार संगठन का मंत्रिस्तरीय सम्मेलन
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) द्वारा अनुमति को लेकर इस साल जून में होने जा रहे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में औपचारिक रूप से घोषणा हो सकती है।  संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि मानवीय सहायता के लिए डब्ल्यूएफपी द्वारा खाद्यान्न खरीद के लिए निर्यात पर प्रतिबंधों में तत्काल ढील दिए जाने की जरूरत है।

जानें क्या कहा था पीएम मोदी ने 
वीडियो कांफ्रेंस के दौरान पीएम मोदी ने कहा था दुनिया आज अनिश्चय की स्थिति का सामना कर रही है क्योंकि जिसे जो चाहिए वह मिल नहीं रहा है। पेट्रोल, तेल, खाद की खरीदी में कठिनाई आ रही है क्योंकि सभी दरवाजे बंद होते जा रहे हैं। इस युद्ध (रूस-यूक्रेन) के बाद हर कोई अपने भंडार को सुरक्षित रखना चाहता है। 

साथ ही कहा था कि दुनिया अब एक नये संकट का सामना कर रही है। दुनिया का खाद्य भंडार खाली होता जा रहा है। मैं अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन से बात कर रहा था। उन्होंने भी यह मुद्दा उठाया। मैंने सुझाव दिया कि यदि डब्ल्यूटीओ अनुमति देता है तो भारत कल से ही दुनिया को खाद्य भंडार की आपूर्ति शुरु करने को तैयार है। 

विस्तार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूरी दुनिया को खाद्य सामग्री की आपूर्ति के प्रस्ताव के बाद संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में विश्व व्यापार संगठन के नियमों में ढील देने की सिफारिश की गई है। वहीं पीएम मोदी इससे पहले अमरिकी राष्ट्रपति को इस मामले पर जानकारी दे चुके हैं।

पीएम मोदी कर चुके हैं आह्वान

गुजरात के अडलाज में श्री अन्नपूर्णाधाम न्यास के छात्रावास एवं शिक्षा परिसर का वीडियो कांफ्रेंस से उद्घाटन और जनसहायक ट्रस्ट के हीरामणि आरोग्यधाम का भूमिपूजन करने के बाद अपने संबोधन में मोदी ने कहा था कि युद्ध (रूस-यूक्रेन) के चलते दुनिया के विभिन्न हिस्सों में खाद्य भंडार कम होता जा रहा है तो भारत खाद्य संकट की समस्या से निपटने मदद के लिए दूसरे देशों को खाद्यान्न भेज सकता है।

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का वैश्विक असर हुआ है, खाने पीने से लेकर ऊर्जा जैसी अन्य चीजें भी महंगी हुई हैं। वहीं संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में तत्काल प्रभाव से खाद्य निर्यात प्रतिबंधों से मानवीय सहायता के लिए विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) द्वारा खरीद को छूट देने का आह्वान किया गया है।

जून में होने जा रहा विश्व व्यापार संगठन का मंत्रिस्तरीय सम्मेलन

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) द्वारा अनुमति को लेकर इस साल जून में होने जा रहे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में औपचारिक रूप से घोषणा हो सकती है।  संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि मानवीय सहायता के लिए डब्ल्यूएफपी द्वारा खाद्यान्न खरीद के लिए निर्यात पर प्रतिबंधों में तत्काल ढील दिए जाने की जरूरत है।

जानें क्या कहा था पीएम मोदी ने 

वीडियो कांफ्रेंस के दौरान पीएम मोदी ने कहा था दुनिया आज अनिश्चय की स्थिति का सामना कर रही है क्योंकि जिसे जो चाहिए वह मिल नहीं रहा है। पेट्रोल, तेल, खाद की खरीदी में कठिनाई आ रही है क्योंकि सभी दरवाजे बंद होते जा रहे हैं। इस युद्ध (रूस-यूक्रेन) के बाद हर कोई अपने भंडार को सुरक्षित रखना चाहता है। 

साथ ही कहा था कि दुनिया अब एक नये संकट का सामना कर रही है। दुनिया का खाद्य भंडार खाली होता जा रहा है। मैं अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन से बात कर रहा था। उन्होंने भी यह मुद्दा उठाया। मैंने सुझाव दिया कि यदि डब्ल्यूटीओ अनुमति देता है तो भारत कल से ही दुनिया को खाद्य भंडार की आपूर्ति शुरु करने को तैयार है। 

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