वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कीव
Published by: Amit Mandal
Updated Fri, 15 Apr 2022 10:06 PM IST
सार
यूक्रेन को घेरने और उसके बंदरगाहों को निष्क्रिय करने के लिए रूसी नौसेना ने युद्ध शुरू होने से पहले ही काला सागर पर कब्जा कर लिया था। यहीं पर उसका युद्धपोत तैनात था।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार देर रात रूसी नौसेना का युद्धपोत समुद्र में डूब गया जिसके बाद संघर्ष और बढ़ गया है। हालांकि, रूस ने दावा किया था कि युद्धपोत में लगी आग के उसके शस्त्रागार तक पहुंच जाने से यह हादसा हुआ। हालांकि यूक्रेनी नौसेना का दावा था कि उसके मिसाइल क्रूजर के हमले में मस्कवा तबाह हुआ था। इससे बौखलाए रूस ने अब पूरे यूक्रेन पर हमले का एलान कर दिया और शुक्रवार तड़के कीव के नजदीक स्थित मिसाइल फैक्ट्री को निशाना बनाया। इस फैक्ट्री में एंटी शिप मिसाइल का निर्माण और उनकी मरम्मत होती थी।
रूसी नौसेना का बड़ा युद्धपोत था मस्कवा
मस्कवा काला सागर में मौजूद रूसी नौसेना के बड़े युद्धपोतों में से एक था। इससे क्रूज मिसाइल छोड़कर जमीन और आकाश के लक्ष्यों को निशाना बनाया जा सकता था। इसमें रडार लगा हुआ था और वह एयर डिफेंस सिस्टम से लैस था। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने चेताया कि काला सागर में मौजूद रूसी युद्धपोत वापस चले जाएं, अगर वे बने रहते हैं तो उनके डूबने का खतरा है।
रूस ने काला सागर पर किया था कब्जा
यूक्रेन को घेरने और उसके बंदरगाहों को निष्क्रिय करने के लिए रूसी नौसेना ने युद्ध शुरू होने से पहले ही काला सागर पर कब्जा कर लिया था। इसके कारण यूक्रेन का बाकी दुनिया से समुद्री संपर्क लगभग खत्म हो गया। अगर मस्कवा यूक्रेनी हमले से डूबा है तो यह यूक्रेन के लिए बड़ी सफलता है और रूस के लिए बड़ा नुकसान। रूसी रक्षा मामलों के जानकार माइकल काफमैन के अनुसार पिछले 40 साल में समुद्र में डूबा यह सबसे बड़ा युद्धपोत है।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार तड़के कीव की मिसाइल फैक्ट्री पर हुए हमले को रूसी सीमा में हुए हवाई हमले का जवाब बताया है। गुरुवार को रूसी क्षेत्र में दो हेलीकाप्टरों से हुई बमबारी में सात रूसी नागरिक घायल हुए थे। शुक्रवार के रूसी हमले के चश्मदीद कार मैकेनिक किरिल किरिलो के अनुसार कुछ क्षणों के अंतर से फैक्ट्री में तीन धमाके हुए और उसमें आग लग गई।
विस्तार
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार देर रात रूसी नौसेना का युद्धपोत समुद्र में डूब गया जिसके बाद संघर्ष और बढ़ गया है। हालांकि, रूस ने दावा किया था कि युद्धपोत में लगी आग के उसके शस्त्रागार तक पहुंच जाने से यह हादसा हुआ। हालांकि यूक्रेनी नौसेना का दावा था कि उसके मिसाइल क्रूजर के हमले में मस्कवा तबाह हुआ था। इससे बौखलाए रूस ने अब पूरे यूक्रेन पर हमले का एलान कर दिया और शुक्रवार तड़के कीव के नजदीक स्थित मिसाइल फैक्ट्री को निशाना बनाया। इस फैक्ट्री में एंटी शिप मिसाइल का निर्माण और उनकी मरम्मत होती थी।
रूसी नौसेना का बड़ा युद्धपोत था मस्कवा
मस्कवा काला सागर में मौजूद रूसी नौसेना के बड़े युद्धपोतों में से एक था। इससे क्रूज मिसाइल छोड़कर जमीन और आकाश के लक्ष्यों को निशाना बनाया जा सकता था। इसमें रडार लगा हुआ था और वह एयर डिफेंस सिस्टम से लैस था। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने चेताया कि काला सागर में मौजूद रूसी युद्धपोत वापस चले जाएं, अगर वे बने रहते हैं तो उनके डूबने का खतरा है।
रूस ने काला सागर पर किया था कब्जा
यूक्रेन को घेरने और उसके बंदरगाहों को निष्क्रिय करने के लिए रूसी नौसेना ने युद्ध शुरू होने से पहले ही काला सागर पर कब्जा कर लिया था। इसके कारण यूक्रेन का बाकी दुनिया से समुद्री संपर्क लगभग खत्म हो गया। अगर मस्कवा यूक्रेनी हमले से डूबा है तो यह यूक्रेन के लिए बड़ी सफलता है और रूस के लिए बड़ा नुकसान। रूसी रक्षा मामलों के जानकार माइकल काफमैन के अनुसार पिछले 40 साल में समुद्र में डूबा यह सबसे बड़ा युद्धपोत है।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार तड़के कीव की मिसाइल फैक्ट्री पर हुए हमले को रूसी सीमा में हुए हवाई हमले का जवाब बताया है। गुरुवार को रूसी क्षेत्र में दो हेलीकाप्टरों से हुई बमबारी में सात रूसी नागरिक घायल हुए थे। शुक्रवार के रूसी हमले के चश्मदीद कार मैकेनिक किरिल किरिलो के अनुसार कुछ क्षणों के अंतर से फैक्ट्री में तीन धमाके हुए और उसमें आग लग गई।
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