न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हैदराबाद
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Sat, 08 Jan 2022 10:43 AM IST
सार
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने कहा कि संघ के सम विचारी संगठन सभी स्वतंत्र संगठन हैं। सभी अपने अपने स्तर पर निर्णय लेते हैं। समाज में मिलकर सभी संगठन काम करते हैं।
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बैठक का प्रारम्भ पू. सरसंघचालक डॉ. मोहनजी भागवत और मा. सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले जी ने भारत माता के चित्र पर पुष्पार्चन करके किया। pic.twitter.com/ALzhZzcRGg
— RSS (@RSSorg) January 5, 2022
कोरोना की तीसरी लहर के लिए 10 लाख लोगों को प्रशिक्षण: मनमोहन वैद्य
मनमोहन वैद्य ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी के लिए 10 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने कहा कि महामारी की पहली लहर के दौरान संघ शकों को बंद कर दिया गया था, लेकिन अब उनमें से 55,000 सक्रिय हैं और चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अक्तूबर 2019 की तुलना में 93 फीसदी जगहों पर आरएसएस का काम फिर से शुरू हो गया है।
आरएसएस की साठ फीसदी शाखाएं छात्रों और युवाओं के लिए: मनमोहन वैद्य
मनमोहन वैद्य ने कहा कि कई युवा संगठन की वेबसाइट के माध्यम से आरएसएस में शामिल होने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2017 से 2021 के बीच एक लाख से अधिक लोगों ने आरएसएस में शामिल होने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि आरएसएस की साठ फीसदी शाखाएं छात्रों और युवाओं के लिए हैं जबकि बाकी सभी के लिए हैं।
भारत को दुनिया का सबसे महान और महान राष्ट्र बनाना है: मनमोहन वैद्य
मनमोहन वैद्य ने यह भी दावा किया कि स्वयंसेवक समाजिक समरसता पहल के माध्यम से जातिगत भेदभाव को मिटाने के लिए काम कर रहे थे। भारत ऐतिहासिक रूप से एक कल्याणकारी राज्य नहीं रहा है। जरूरत पड़ने पर समाज ने सरकार से मदद मांगी है। रवींद्रनाथ टैगोर ने भी यही व्यक्त किया था। अंत में, मनमोहन वैद्य ने कहा कि आरएसएस का लक्ष्य भारत को दुनिया का सबसे महान और महान राष्ट्र बनाना है।