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डीआरडीओ: पहले से ज्यादा घातक है 'पिनाक' का नया अवतार, एलएसी पर तैनात होगा शिव के धनुष सा गरजने वाला मिसाइल सिस्टम

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Sat, 11 Dec 2021 10:31 AM IST

सार

पोखरण रेंज में पिनाक-ईआर का सफल परीक्षण पूरा किया गया। यह सेना में एक दशक से सेवा दे रहे पिनाका की जगह लेगा। 

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पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से निर्मित पिनाक गाइडेड रॉकेट लॉन्चर सिस्टम अब अपने नए अवतार के साथ दुश्मन के मंसूबों को ध्वस्त करने के लिए तैयार है। चीन और पाकिस्तान से चल रहे तनाव के बीच डीआरडीओ ने शनिवार को पिनाक के नए संस्करण पिनाक-ईआर(विस्तारित रेंज) का पोखरण में सफल परीक्षण पूरा कर लिया है। इस परीक्षण के सफल होने के बाद यह स्वदेशी मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर और भी ज्यादा खतरनाक हो गया है। 

जानकारी के मुताबिक, डीआरडीओ ने इसे पुणे के आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) व हाई एनर्जी मैटेरियल रिसर्च लेबोरेटी(एचईएमआरएल) के साथ मिलकर डिजाइन किया है। इस तकनीकी को भारतीय उद्योग क्षेत्र को हस्तांतरित भी कर दिया गया है। पिनाक- ईआर, पिछले एक दशक से सेना में सेवा दे रही पिनाक का उन्नत संस्करण है। इस प्रणाली को नई टेक्नोलॉजी के साथ उभरती आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। 

खूबियों से कांप उठेगा दुश्मन
पिनाक पहले 44 सेकेंड में 12 रॉकेट दागने वाला मिसाइल लॉन्चर सिस्टम था। इसकी मारक क्षमता 38 किलोमीटर तक थी, लेकिन अपग्रेड होने के बाद यह 44 सेकेंड में ताबड़तोड़ 72 रॉकेट दाग सकता है। वहीं यह 75 किलोमीटर दूरी तक सटीक निशाना लगा सकने में भी सक्षम है। 

कारगिल युद्ध में सटीक रहा था पिनाका मार्क-1
1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने पिनाक मार्क-1 संस्करण का इस्तेमाल किया था, जिसने पहाड़ की चौकियों पर तैनात पाकिस्तानी चौकियों को सटीकता के साथ निशाना बनाया था और युद्ध में दुश्मन को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था।

विस्तार

पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से निर्मित पिनाक गाइडेड रॉकेट लॉन्चर सिस्टम अब अपने नए अवतार के साथ दुश्मन के मंसूबों को ध्वस्त करने के लिए तैयार है। चीन और पाकिस्तान से चल रहे तनाव के बीच डीआरडीओ ने शनिवार को पिनाक के नए संस्करण पिनाक-ईआर(विस्तारित रेंज) का पोखरण में सफल परीक्षण पूरा कर लिया है। इस परीक्षण के सफल होने के बाद यह स्वदेशी मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर और भी ज्यादा खतरनाक हो गया है। 

जानकारी के मुताबिक, डीआरडीओ ने इसे पुणे के आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) व हाई एनर्जी मैटेरियल रिसर्च लेबोरेटी(एचईएमआरएल) के साथ मिलकर डिजाइन किया है। इस तकनीकी को भारतीय उद्योग क्षेत्र को हस्तांतरित भी कर दिया गया है। पिनाक- ईआर, पिछले एक दशक से सेना में सेवा दे रही पिनाक का उन्नत संस्करण है। इस प्रणाली को नई टेक्नोलॉजी के साथ उभरती आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। 

खूबियों से कांप उठेगा दुश्मन

पिनाक पहले 44 सेकेंड में 12 रॉकेट दागने वाला मिसाइल लॉन्चर सिस्टम था। इसकी मारक क्षमता 38 किलोमीटर तक थी, लेकिन अपग्रेड होने के बाद यह 44 सेकेंड में ताबड़तोड़ 72 रॉकेट दाग सकता है। वहीं यह 75 किलोमीटर दूरी तक सटीक निशाना लगा सकने में भी सक्षम है। 

कारगिल युद्ध में सटीक रहा था पिनाका मार्क-1

1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने पिनाक मार्क-1 संस्करण का इस्तेमाल किया था, जिसने पहाड़ की चौकियों पर तैनात पाकिस्तानी चौकियों को सटीकता के साथ निशाना बनाया था और युद्ध में दुश्मन को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था।

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