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चिंताजनक: एशिया को तेजी से अपनी गिरफ्त में लेता जा रहा है ओमिक्रॉन, छह खाड़ी देशों में ज्यादा संक्रमण 

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, हांगकांग
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Sat, 25 Dec 2021 03:14 PM IST

सार

जापान में ओमिक्रॉन के पहले मरीज की पहचान 30 नवंबर को हुई थी। बुधवार तक वहां ये संख्या 160 से ज्यादा हो चुकी थी। बुधवार को वहां कम्युनिटी ट्रांसमिशन का पहला केस सामने आया।

ओमिक्रॉन वैरिएंट (प्रतीकात्मक फोटो)
– फोटो : Social Media

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कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वैरिएंट का पश्चिमी एशिया में तेजी से फैल गया है। छह खाड़ी देशों में इसका खास असर देखने को देखने को मिला है, जहां महीनों से संक्रमण में गिरावट दर्ज की जा रही थी। इधर पूर्वी एशिया में सरकारों को फिर से महामारी संबंधी प्रतिबंध लगाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

जापान में ओमिक्रॉन के पहले मरीज की पहचान 30 नवंबर को हुई थी। बुधवार तक वहां ये संख्या 160 से ज्यादा हो चुकी थी। बुधवार को वहां कम्युनिटी ट्रांसमिशन का पहला केस सामने आया। यानी एक ऐसा व्यक्ति ओमिक्रॉन से संक्रमित पाया गया, जिसने विदेश यात्रा नहीं की थी। इस खबर से जापान में चिंता बढ़ गई है। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अस्पतालों में ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों के लिए बेड आरक्षित रखने का इंतजाम करें।

दक्षिण कोरिया में ओमिक्रॉन संक्रमित मरीजों की संख्या लगभग ढाई सौ तक पहुंच गई है। गुरुवार को वहां 12 ऐसे मरीजों की पहचान हुई। दक्षिण कोरिया के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक गुरुवार को सामने आए ज्यादा मामले ऐसे हैं, जिनमें संक्रमण देश के अंदर ही लगा। इससे नई चिंता पैदा हो गई है।

जापान और दक्षिण कोरिया में कोरोना टीकाकरण की रिकॉर्ड बेहतर रहा है। दक्षिण  कोरिया में गुरुवात तक 81.5 फीसदी आबादी को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके थे। जापान में ये संख्या 78.8 है। लेकिन इन खबरों ने दोनों देशों की चिंताएं बढ़ा दी हैं कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से टीके का दोनों डोज लगवा चुके लोग भी पूर्ण सुरक्षित नहीं हैँ। दक्षिण कोरिया ने नवंबर में सोशल डिस्टेसिंग के नियमों में छूट दे दी थी। अब उन नियमों को वहां फिर से सख्ती से लागू किया जा रहा है।

पश्चिम एशिया में ओमिक्रॉन वैरिएंट सबसे पहले छह खाड़ी देशों में तेजी से फैला है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में बीते तीन दिन में संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है। गुरुवार को वहां नए संक्रमण के 1,002 मामले सामने आए। जबकि दो दिसंबर को वहां ऐसे मामलों की संख्या सिर्फ 68 रही थी। यूएई के प्रमुख शहर दुबई में अभी एक्सपो-2020 चल रहा है। इसके लिए यहां बड़ी संख्या में विदेशों से लोग आते-जाते रहे हैँ। यहां नए संक्रमण के मामलों में तेजी से हुए इजाफे की वजह इसे ही बताया गया है।

सऊदी अरब में सितंबर के बाद से कोविड संक्रमण के औसतन रोज 50 केस सामने आ रहे थे। लेकिन गुरुवार को वहां 252 नए मामले सामने आए। ओमान, कतर, औऱ बहरीन में भी नए संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैँ। कुवैत में बुधवार को 143 नए केस सामने आए। ये अगस्त के बाद की सबसे बड़ी संख्या है।

अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप के कुछ देशों में ओमिक्रॉन पहले ही सबसे प्रमुख वैरिएंट बन चुका है। इस वैरिएंट की सबसे पहले पहचान दक्षिण अफ्रीका में हुई थी। उसके बाद अफ्रीका महाद्वीप में इसकी वजह से कोरोना महामारी की नई लहर आई। अब ये वैरिएंट एशिया भी पर कहर ढाता दिख रहा है। 

विस्तार

कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वैरिएंट का पश्चिमी एशिया में तेजी से फैल गया है। छह खाड़ी देशों में इसका खास असर देखने को देखने को मिला है, जहां महीनों से संक्रमण में गिरावट दर्ज की जा रही थी। इधर पूर्वी एशिया में सरकारों को फिर से महामारी संबंधी प्रतिबंध लगाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

जापान में ओमिक्रॉन के पहले मरीज की पहचान 30 नवंबर को हुई थी। बुधवार तक वहां ये संख्या 160 से ज्यादा हो चुकी थी। बुधवार को वहां कम्युनिटी ट्रांसमिशन का पहला केस सामने आया। यानी एक ऐसा व्यक्ति ओमिक्रॉन से संक्रमित पाया गया, जिसने विदेश यात्रा नहीं की थी। इस खबर से जापान में चिंता बढ़ गई है। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अस्पतालों में ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों के लिए बेड आरक्षित रखने का इंतजाम करें।

दक्षिण कोरिया में ओमिक्रॉन संक्रमित मरीजों की संख्या लगभग ढाई सौ तक पहुंच गई है। गुरुवार को वहां 12 ऐसे मरीजों की पहचान हुई। दक्षिण कोरिया के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक गुरुवार को सामने आए ज्यादा मामले ऐसे हैं, जिनमें संक्रमण देश के अंदर ही लगा। इससे नई चिंता पैदा हो गई है।

जापान और दक्षिण कोरिया में कोरोना टीकाकरण की रिकॉर्ड बेहतर रहा है। दक्षिण  कोरिया में गुरुवात तक 81.5 फीसदी आबादी को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके थे। जापान में ये संख्या 78.8 है। लेकिन इन खबरों ने दोनों देशों की चिंताएं बढ़ा दी हैं कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से टीके का दोनों डोज लगवा चुके लोग भी पूर्ण सुरक्षित नहीं हैँ। दक्षिण कोरिया ने नवंबर में सोशल डिस्टेसिंग के नियमों में छूट दे दी थी। अब उन नियमों को वहां फिर से सख्ती से लागू किया जा रहा है।

पश्चिम एशिया में ओमिक्रॉन वैरिएंट सबसे पहले छह खाड़ी देशों में तेजी से फैला है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में बीते तीन दिन में संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है। गुरुवार को वहां नए संक्रमण के 1,002 मामले सामने आए। जबकि दो दिसंबर को वहां ऐसे मामलों की संख्या सिर्फ 68 रही थी। यूएई के प्रमुख शहर दुबई में अभी एक्सपो-2020 चल रहा है। इसके लिए यहां बड़ी संख्या में विदेशों से लोग आते-जाते रहे हैँ। यहां नए संक्रमण के मामलों में तेजी से हुए इजाफे की वजह इसे ही बताया गया है।

सऊदी अरब में सितंबर के बाद से कोविड संक्रमण के औसतन रोज 50 केस सामने आ रहे थे। लेकिन गुरुवार को वहां 252 नए मामले सामने आए। ओमान, कतर, औऱ बहरीन में भी नए संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैँ। कुवैत में बुधवार को 143 नए केस सामने आए। ये अगस्त के बाद की सबसे बड़ी संख्या है।

अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप के कुछ देशों में ओमिक्रॉन पहले ही सबसे प्रमुख वैरिएंट बन चुका है। इस वैरिएंट की सबसे पहले पहचान दक्षिण अफ्रीका में हुई थी। उसके बाद अफ्रीका महाद्वीप में इसकी वजह से कोरोना महामारी की नई लहर आई। अब ये वैरिएंट एशिया भी पर कहर ढाता दिख रहा है। 

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