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अमेरिका ने कसा चीन पर शिकंजा: राष्ट्रपति बाइडन ने शिनजियांग से आयात पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून पर किए हस्ताक्षर

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Published by: देव कश्यप
Updated Fri, 24 Dec 2021 04:35 AM IST

सार

इस महीने की शुरुआत में, अमेरिकी सीनेट और प्रतिनिधि सभा ने चीन के शिनजियांग से आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए भारी समर्थन के साथ विधेयक पारित किया था।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन
– फोटो : ANI

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अमेरिका की ओर से चीन पर की जा रही दंडात्मक कार्रवाई की श्रृंखला में राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक और नया कदम उठाया है। व्हाइट हाउस ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन के शिनजियांग से आयात पर प्रतिबंध लगाने और क्षेत्र में जबरन श्रम के लिए जिम्मेदार विदेशियों पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को “उइगर जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम” पर हस्ताक्षर किए, जो चीन के शिनजियांग प्रांत में जबरन श्रम के साथ अमेरिका में माल के आयात पर प्रतिबंध लगाता है। 

व्हाइट हाउस ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “गुरुवार, 23 दिसंबर, 2021 को, राष्ट्रपति ने कानून पर हस्ताक्षर किए: एचआर 6256, जो चीन के जनवादी गणराज्य के शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र से आयात और इस क्षेत्र में जबरन श्रम के लिए जिम्मेदार विदेशी व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाता है।

इससे पहले इस महीने की शुरुआत में, अमेरिकी सीनेट और प्रतिनिधि सभा ने भारी समर्थन के साथ विधेयक पारित किया था। कानून शिनजियांग से सीधे आयात किए गए सामान, माल, लेख और व्यापर को लक्षित करता है जो उइगर, कजाख, किर्गिज, तिब्बतियों, या चीन में अन्य सताए गए समूहों के सदस्यों द्वारा बनाया गया है। हालांकि इस कानून में बाइडन को अल्पसंख्यकों को सताने और अनैच्छिक श्रम के उपयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने की भी आवश्यकता है।

अमेरिका का आरोप है कि चीन बड़े पैमाने पर पश्चिमी क्षेत्र में जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न कर रहा है, विशेषतौर पर शिनजियांग में जहां पर उइगर मुस्लिमों का वर्चस्व है। अमेरिका का आरोप है कि चीन उइगरों का जनसंहार कर रहा है जिनमें मानवाधिकार समूहों और और पत्रकारों की खबरों को आधार बनाया है जिनमें बड़े पैमाने पर उइगरों के लिए नसबंदी कार्यक्रम चलाने और लोगों को हिरासत में रखकर जबरन मजदूरी करने के दावे किए गए हैं।

अमेरिका की यह कार्रवाई बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक 2022 के बहिष्कार के बढ़ते अभियान की पृष्ठभूमि से जुड़ी है। संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ पांच अन्य देशों ने पहले ही चीन में मानवाधिकारों के हनन के विरोध में ओलंपिक के राजनयिक बहिष्कार की घोषणा की है। जबकि चीन बंधुआ मजदूरी या अल्पसंख्यक समुदायों के साथ मारपीट के आरोपों से इनकार करता रहा है।

विस्तार

अमेरिका की ओर से चीन पर की जा रही दंडात्मक कार्रवाई की श्रृंखला में राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक और नया कदम उठाया है। व्हाइट हाउस ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन के शिनजियांग से आयात पर प्रतिबंध लगाने और क्षेत्र में जबरन श्रम के लिए जिम्मेदार विदेशियों पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को “उइगर जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम” पर हस्ताक्षर किए, जो चीन के शिनजियांग प्रांत में जबरन श्रम के साथ अमेरिका में माल के आयात पर प्रतिबंध लगाता है। 

व्हाइट हाउस ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “गुरुवार, 23 दिसंबर, 2021 को, राष्ट्रपति ने कानून पर हस्ताक्षर किए: एचआर 6256, जो चीन के जनवादी गणराज्य के शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र से आयात और इस क्षेत्र में जबरन श्रम के लिए जिम्मेदार विदेशी व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाता है।

इससे पहले इस महीने की शुरुआत में, अमेरिकी सीनेट और प्रतिनिधि सभा ने भारी समर्थन के साथ विधेयक पारित किया था। कानून शिनजियांग से सीधे आयात किए गए सामान, माल, लेख और व्यापर को लक्षित करता है जो उइगर, कजाख, किर्गिज, तिब्बतियों, या चीन में अन्य सताए गए समूहों के सदस्यों द्वारा बनाया गया है। हालांकि इस कानून में बाइडन को अल्पसंख्यकों को सताने और अनैच्छिक श्रम के उपयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने की भी आवश्यकता है।

अमेरिका का आरोप है कि चीन बड़े पैमाने पर पश्चिमी क्षेत्र में जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न कर रहा है, विशेषतौर पर शिनजियांग में जहां पर उइगर मुस्लिमों का वर्चस्व है। अमेरिका का आरोप है कि चीन उइगरों का जनसंहार कर रहा है जिनमें मानवाधिकार समूहों और और पत्रकारों की खबरों को आधार बनाया है जिनमें बड़े पैमाने पर उइगरों के लिए नसबंदी कार्यक्रम चलाने और लोगों को हिरासत में रखकर जबरन मजदूरी करने के दावे किए गए हैं।

अमेरिका की यह कार्रवाई बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक 2022 के बहिष्कार के बढ़ते अभियान की पृष्ठभूमि से जुड़ी है। संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ पांच अन्य देशों ने पहले ही चीन में मानवाधिकारों के हनन के विरोध में ओलंपिक के राजनयिक बहिष्कार की घोषणा की है। जबकि चीन बंधुआ मजदूरी या अल्पसंख्यक समुदायों के साथ मारपीट के आरोपों से इनकार करता रहा है।

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