Desh

केरल हाईकोर्ट: प्रमाणपत्र पर पीएम मोदी की तस्वीर से शर्मिंदा न हों, वे देश के नेता, याचिकाकर्ता पर जुर्माना

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, तिरुवनंतपुरम
Published by: प्रशांत कुमार झा
Updated Tue, 21 Dec 2021 11:41 AM IST

सार

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि निर्धारित अवधि के भीतर अगर राशि जमा नहीं कराई गई तो केएलएसए याचिकाकर्ता के खिलाफ राजस्व वसूली की कार्रवाई शुरू करेगी। 

ख़बर सुनें

केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटाने की मांग की गई थी। उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने इसे राजनीति से प्रेरित और प्रचार प्रसार के लिए याचिका दायर करने का दोषी भी माना। उच्च न्यायालय ने कहा कि प्रधानमंत्री किसी राजनीतिक दल के नेता नहीं हैं, बल्कि वे देश के नेता हैं। उनकी तस्वीर से नागरिकों को शर्मिंदा होने की जरूरत नहीं है। प्रमाणपत्र पर ‘मनोबल बढ़ाने वाला संदेश’ है। 

न्यायमूर्ति पी वी कुन्हीकृष्णन ने याचिकाकर्ता पीटर मायलीपरम्पिल को छह सप्ताह के भीतर केरल राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (केएलएसए) को एक लाख रुपये जमा करने का निर्देश भी दिया है। साथ ही अदालत ने अपने आदेश में कहा कि निर्धारित अवधि के भीतर अगर राशि जमा नहीं कराई गई तो केएलएसए याचिकाकर्ता के खिलाफ राजस्व वसूली की कार्रवाई शुरू करेगी।

इस तरह की याचिका कोर्ट का वक्त बर्बाद करती 
कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा  कि लोगों और समाज को यह बताने के लिए जुर्माना लगाया जा रहा है कि इस तरह की तुच्छ दलीलें जो न्यायिक समय बर्बाद करती हैं, उन पर अदालत विचार नहीं करेगी। अदालत ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने प्रधानमंत्री की तस्वीर और टीकाकरण प्रमाण पत्र पर “मनोबल बढ़ाने वाले उनके संदेश” पर जो आपत्ति जताई है, ऐसा करने की “देश के किसी नागरिक से अपेक्षा नहीं’’ है।

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘कोई यह नहीं कह सकता कि एक प्रधानमंत्री कांग्रेस का प्रधानमंत्री या भाजपा का प्रधानमंत्री या किसी राजनीतिक दल का प्रधानमंत्री है। लेकिन एक बार संविधान के अनुसार एक प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद, वह हमारे देश का प्रधानमंत्री होता है और वह पद हर नागरिक का गौरव होना चाहिए।’  जब कोविड-19 महामारी को केवल टीकाकरण से ही समाप्त किया जा सकता है, तो पीएम ने प्रमाणपत्र में अपनी तस्वीर के साथ संदेश दिया कि दवा और सख्त नियंत्रण की मदद से भारत वायरस को हरा देगा, तो क्या गलत है। याचिका तुच्छ थी, गलत उद्देश्यों और प्रचार के लिए दायर की गई थी। 

विस्तार

केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटाने की मांग की गई थी। उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने इसे राजनीति से प्रेरित और प्रचार प्रसार के लिए याचिका दायर करने का दोषी भी माना। उच्च न्यायालय ने कहा कि प्रधानमंत्री किसी राजनीतिक दल के नेता नहीं हैं, बल्कि वे देश के नेता हैं। उनकी तस्वीर से नागरिकों को शर्मिंदा होने की जरूरत नहीं है। प्रमाणपत्र पर ‘मनोबल बढ़ाने वाला संदेश’ है। 

न्यायमूर्ति पी वी कुन्हीकृष्णन ने याचिकाकर्ता पीटर मायलीपरम्पिल को छह सप्ताह के भीतर केरल राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (केएलएसए) को एक लाख रुपये जमा करने का निर्देश भी दिया है। साथ ही अदालत ने अपने आदेश में कहा कि निर्धारित अवधि के भीतर अगर राशि जमा नहीं कराई गई तो केएलएसए याचिकाकर्ता के खिलाफ राजस्व वसूली की कार्रवाई शुरू करेगी।

इस तरह की याचिका कोर्ट का वक्त बर्बाद करती 

कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा  कि लोगों और समाज को यह बताने के लिए जुर्माना लगाया जा रहा है कि इस तरह की तुच्छ दलीलें जो न्यायिक समय बर्बाद करती हैं, उन पर अदालत विचार नहीं करेगी। अदालत ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने प्रधानमंत्री की तस्वीर और टीकाकरण प्रमाण पत्र पर “मनोबल बढ़ाने वाले उनके संदेश” पर जो आपत्ति जताई है, ऐसा करने की “देश के किसी नागरिक से अपेक्षा नहीं’’ है।

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘कोई यह नहीं कह सकता कि एक प्रधानमंत्री कांग्रेस का प्रधानमंत्री या भाजपा का प्रधानमंत्री या किसी राजनीतिक दल का प्रधानमंत्री है। लेकिन एक बार संविधान के अनुसार एक प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद, वह हमारे देश का प्रधानमंत्री होता है और वह पद हर नागरिक का गौरव होना चाहिए।’  जब कोविड-19 महामारी को केवल टीकाकरण से ही समाप्त किया जा सकता है, तो पीएम ने प्रमाणपत्र में अपनी तस्वीर के साथ संदेश दिया कि दवा और सख्त नियंत्रण की मदद से भारत वायरस को हरा देगा, तो क्या गलत है। याचिका तुच्छ थी, गलत उद्देश्यों और प्रचार के लिए दायर की गई थी। 

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
%d bloggers like this: