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रिपोर्ट : आयकर रिटर्न भरने की जल्दबाजी में न भूले टैक्स छूट के ये चार उपाय 

रिपोर्ट : आयकर रिटर्न भरने की जल्दबाजी में न भूले टैक्स छूट के ये चार उपाय 

सार

इस साल आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है। अभी तक रिटर्न नहीं भरने वाले करदाता जल्दबाजी में कई गलतियां कर सकते हैं। सावधानी के अभाव में कर छूट का पूरा लाभ भी नहीं उठा सकेंगे। आप भी शेष समय में रिटर्न भरने की तैयारी कर रहे हैं तो कौन-से चार उपाय आपको टैक्स छूट दिला सकते हैं, पेश है प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-

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आयकर रिटर्न भरने का समय अगले सप्ताह खत्म हो रहा है। अभी तक रिटर्न नहीं भरने वाले करदाता जल्दबाजी में कई गलतियां कर सकते हैं। सावधानी के अभाव में कर छूट का पूरा लाभ भी नहीं उठा सकेंगे। आप भी शेष समय में रिटर्न भरने की तैयारी कर रहे हैं तो कौन-से चार उपाय आपको टैक्स छूट दिला सकते हैं, पेश है प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-

ब्याज : अन्य स्रोत से आय है बचत खाते पर कमाई 
बीपीएन फिनकैप के निदेशक एके निगम का कहना है कि आयकर रिटर्न में करदाताओं की कमाई को मुख्य रूप से पांच भागों में बांटा जाता है। वेतन, कारोबार, आवास संपत्ति, पूंजीगत लाभ हानि और अन्य स्रोत से आय। जो भी कमाई पहले चार के तहत नहीं आती है, उसे अन्य स्रोत से आय की श्रेणी में रखा जाता है।

10,000 रुपये तक मिलती है आयकर छूट बचत खातों से मिले ब्याज पर
इसमें सबसे पहला नंबर बचत खातों के ब्याज का आता है। अधिकतर करदाता अपने बचत खातों में साल भर बैंक की ओर से आने वाले ब्याज को रिटर्न भरते समय भूल जाते हैं। ऐसे खातों पर सालाना 10,000 तक का ब्याज आयकर के दायरे से बाहर माना जाता है और इस पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। क्योंकि अन्य स्रोत से आय आपकी कमाई का हिस्सा है। लिहाजा इस पर स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है ध्यान रहे की छूट की यह सीमा सभी खातों से प्राप्त कुल ब्याज पर लागू होती है। 

लाभांश : इस साल से बदल गए टैक्स छूट के नियम 
मौजूदा आकलन वर्ष 2021-22 से लाभांश पर टैक्स के नियमों में बदलाव कर दिया गया है। इससे पहले 10 लाख का सालाना लाभांश पूरी तरह कर मुक्त होता था। क्योंकि कंपनियां इस पर लाभांश वितरण कर का भुगतान करती थी।

31 दिसंबर है इस साल आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि
10 लाख से ज्यादा के लाभांश पर करदाताओं को 10 फ़ीसदी की दर से टैक्स देना पड़ता था। अब इस पर टैक्स की देनदारी कंपनियों से हटाकर करदाताओं पर डाल दी गई है। और 10 लाख रुपये की सीमा भी खत्म हो गई। करदाता को लाभांश के रूप में मिलने वाली किसी भी राशि का आईटीआर में खुलासा करना होगा और उस पर स्लैब के हिसाब से देनदारी बनेगी।

पारिवारिक पेंशन पर 15,000 तक है छूट 
नौकरीपेशा व्यक्ति के न रहने पर उसके कानूनी वारिस को पारिवारिक पेंशन के रूप में होने वाली आय भी टैक्स के दायरे में आती है। हालांकि आयकर कानून के तहत इस राशि के कुछ हिस्से पर भी टैक्स छूट का लाभ मिलता है। वारिस के रूप में पेंशन पाने वाले को कुल पेंशन का 33.33 फीसदी या 15,000 रुपये (दोनों में जो भी कम हो) तक की राशि पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है। शेष राशि को अन्य स्रोत से आय माना जाएगा और उस पर स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा। इसका भुगतान वारिस के रूप में पेंशन लेने वाला करेगा।

तोहफे : 50,000 तक राहत
वित्त वर्ष में 50,000 रुपये तक के तोहफे को कर मुक्त माना जाता है। आयकर अधिनियम की धारा 56 (2) के तहत सीमा से ज्यादा के तोहफे को अन्य स्रोत से आय मानकर टैक्स वसूला जाता है। इस पर टैक्स दर आपकी स्लैबब के हिसाब से लागू होती है। रिटर्न भरते समय ध्यान रहे कि अगर तोहफे की राशि 50,000 से ऊपर जाती है तो आपको पूरी कीमत पर टैक्स देना पड़ेगा।

मसलन, किसी वित्त वर्ष में 70,000 का तोहफा मिलता है तो आपको 20,000 पर टैक्स देने के बजाय पूरी राशि पर भुगतान करना होगा। आयकर कानून के तहत बिना किसी सेवा के मिलने वाली नगद राशि या वस्तु को उपहार माना जाएगा।

  • शेयर, ज्वेलरी या पेंटिंग्स पर टेक्स्ट गणना उसके बाजार मूल्य के आधार पर होगी।
  • आवास, भूमि जैसी अचल संपत्ति पर टैक्स गणना के लिए स्टांप शुल्क का विवरण मांगा जाता है।

लॉटरी में जीती राशि का रिटर्न में खुलासा
जुए, लॉटरी, हॉर्स रेसिंग, क्रॉसवर्ड पजल बेटिंग व अन्य तरह के कार्ड वाले गेम्स के जरिए हुई कमाई भी अन्य स्रोतों से आय के दायरे में आती है और इस पर स्लैब के हिसाब से टैक्स देना पड़ता है। आजकल क्रिकेट व खेल से जुड़े कई गेमिंग एप है जिससे लोग इनाम जीतते हैं। आयकर नोटिस या अन्य किसी कार्रवाई से बचने के लिए रिटर्न भरते समय इस राशि का भी खुलासा करना होगा।  – गिरीश नारंग, कर सलाहकार

विस्तार

आयकर रिटर्न भरने का समय अगले सप्ताह खत्म हो रहा है। अभी तक रिटर्न नहीं भरने वाले करदाता जल्दबाजी में कई गलतियां कर सकते हैं। सावधानी के अभाव में कर छूट का पूरा लाभ भी नहीं उठा सकेंगे। आप भी शेष समय में रिटर्न भरने की तैयारी कर रहे हैं तो कौन-से चार उपाय आपको टैक्स छूट दिला सकते हैं, पेश है प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-

ब्याज : अन्य स्रोत से आय है बचत खाते पर कमाई 

बीपीएन फिनकैप के निदेशक एके निगम का कहना है कि आयकर रिटर्न में करदाताओं की कमाई को मुख्य रूप से पांच भागों में बांटा जाता है। वेतन, कारोबार, आवास संपत्ति, पूंजीगत लाभ हानि और अन्य स्रोत से आय। जो भी कमाई पहले चार के तहत नहीं आती है, उसे अन्य स्रोत से आय की श्रेणी में रखा जाता है।

10,000 रुपये तक मिलती है आयकर छूट बचत खातों से मिले ब्याज पर

इसमें सबसे पहला नंबर बचत खातों के ब्याज का आता है। अधिकतर करदाता अपने बचत खातों में साल भर बैंक की ओर से आने वाले ब्याज को रिटर्न भरते समय भूल जाते हैं। ऐसे खातों पर सालाना 10,000 तक का ब्याज आयकर के दायरे से बाहर माना जाता है और इस पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। क्योंकि अन्य स्रोत से आय आपकी कमाई का हिस्सा है। लिहाजा इस पर स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है ध्यान रहे की छूट की यह सीमा सभी खातों से प्राप्त कुल ब्याज पर लागू होती है। 

लाभांश : इस साल से बदल गए टैक्स छूट के नियम 

मौजूदा आकलन वर्ष 2021-22 से लाभांश पर टैक्स के नियमों में बदलाव कर दिया गया है। इससे पहले 10 लाख का सालाना लाभांश पूरी तरह कर मुक्त होता था। क्योंकि कंपनियां इस पर लाभांश वितरण कर का भुगतान करती थी।

31 दिसंबर है इस साल आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि

10 लाख से ज्यादा के लाभांश पर करदाताओं को 10 फ़ीसदी की दर से टैक्स देना पड़ता था। अब इस पर टैक्स की देनदारी कंपनियों से हटाकर करदाताओं पर डाल दी गई है। और 10 लाख रुपये की सीमा भी खत्म हो गई। करदाता को लाभांश के रूप में मिलने वाली किसी भी राशि का आईटीआर में खुलासा करना होगा और उस पर स्लैब के हिसाब से देनदारी बनेगी।

पारिवारिक पेंशन पर 15,000 तक है छूट 

नौकरीपेशा व्यक्ति के न रहने पर उसके कानूनी वारिस को पारिवारिक पेंशन के रूप में होने वाली आय भी टैक्स के दायरे में आती है। हालांकि आयकर कानून के तहत इस राशि के कुछ हिस्से पर भी टैक्स छूट का लाभ मिलता है। वारिस के रूप में पेंशन पाने वाले को कुल पेंशन का 33.33 फीसदी या 15,000 रुपये (दोनों में जो भी कम हो) तक की राशि पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है। शेष राशि को अन्य स्रोत से आय माना जाएगा और उस पर स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा। इसका भुगतान वारिस के रूप में पेंशन लेने वाला करेगा।

तोहफे : 50,000 तक राहत

वित्त वर्ष में 50,000 रुपये तक के तोहफे को कर मुक्त माना जाता है। आयकर अधिनियम की धारा 56 (2) के तहत सीमा से ज्यादा के तोहफे को अन्य स्रोत से आय मानकर टैक्स वसूला जाता है। इस पर टैक्स दर आपकी स्लैबब के हिसाब से लागू होती है। रिटर्न भरते समय ध्यान रहे कि अगर तोहफे की राशि 50,000 से ऊपर जाती है तो आपको पूरी कीमत पर टैक्स देना पड़ेगा।

मसलन, किसी वित्त वर्ष में 70,000 का तोहफा मिलता है तो आपको 20,000 पर टैक्स देने के बजाय पूरी राशि पर भुगतान करना होगा। आयकर कानून के तहत बिना किसी सेवा के मिलने वाली नगद राशि या वस्तु को उपहार माना जाएगा।

  • शेयर, ज्वेलरी या पेंटिंग्स पर टेक्स्ट गणना उसके बाजार मूल्य के आधार पर होगी।
  • आवास, भूमि जैसी अचल संपत्ति पर टैक्स गणना के लिए स्टांप शुल्क का विवरण मांगा जाता है।

लॉटरी में जीती राशि का रिटर्न में खुलासा

जुए, लॉटरी, हॉर्स रेसिंग, क्रॉसवर्ड पजल बेटिंग व अन्य तरह के कार्ड वाले गेम्स के जरिए हुई कमाई भी अन्य स्रोतों से आय के दायरे में आती है और इस पर स्लैब के हिसाब से टैक्स देना पड़ता है। आजकल क्रिकेट व खेल से जुड़े कई गेमिंग एप है जिससे लोग इनाम जीतते हैं। आयकर नोटिस या अन्य किसी कार्रवाई से बचने के लिए रिटर्न भरते समय इस राशि का भी खुलासा करना होगा।  – गिरीश नारंग, कर सलाहकार

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