स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Mon, 08 Nov 2021 01:25 AM IST
सार
मंत्रालय ने अपने अधिकार के तहत सात द्रोणाचार्य और चार ध्यानचंद पुरस्कार के नाम काट दिए।
बजरंग पूनिया
– फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
इस बार राष्ट्रीय खेल पुरस्कार विवादों में घिर गए हैं। खेल मंत्रालय की ओर से 11 द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कार के लिए सिफारिश किए गए नामों काटने के बाद कुश्ती कोच के समर्थन में ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग उतर आए हैं। उन्होंने साफ किया पुरस्कारों में कुश्ती की उपेक्षा हुई है। द्रोणाचार्य के लिए जिन दो कुश्ती गुरुओं का नाम काटा गया है। वह गलत हैं। इस संबंध में वह खेल मंत्री से मिलेंगे।
चयन के बाद सूची से हटाए गए कुश्ती कोच जगरूप राठी का कहना है कि उनके साथ अन्याय हुआ है। वह और अन्य खिलाड़ी खेल मंत्री से मिलेंगे। जस्टिस मुकंदकम शर्मा की अगुवाई वाली कमेटी ने द्रोणाचार्य के लिए 17 और ध्यानचंद पुरस्कार के लिए नौ नामों की सिफारिश की थी। मंत्रालय ने अपने अधिकार के तहत सात द्रोणाचार्य और चार ध्यानचंद पुरस्कार के नाम काट दिए।
अमूमन कमेटी की सिफारिश को मंत्रालय स्वीकार कर लेता है। सूत्र बताते हैं कि खेलमंत्री के समक्ष मंत्रालय और साई के उच्चाधिकारियों ने कहा कि द्रोणाचार्य के लिए ऐसे नामों की सिफारिश की है जिनके शिष्यों पर पहले यह पुरस्कार दिए जा चुके हैं। इसके बाद नाम में कटौती की गई।
जिससे हुई रिकवरी उसे दिया पुरस्कार
हालांकि मंत्रालय कई विवादित नाम बरकरार रखे। एक कोच के खिलाफ अदालत ने लाखों की रिकवरी के आदेश दिए हैं। इस कोच के खिलाफ कई आपराधिक मामले भी चल रहे हैं। इसकी शिकायत पीएमओ को भी की गई, लेकिन मंत्रालय ने उस पर कोई संज्ञान नहीं लिया। सूत्र यहां तक बताते हैं कि एक कोच के खिलाफ यौन शोषण की भी शिकायत हुई। इस पर भी जांच नहीं हुई।