मैं इतना काम नहीं करना चाहती थीं
काजोल ने शो के दौरान इस बात का खुलासा करते हुए बताया कि मेरी मां बहुत काम करती थीं और उन्हें कितना काम करते हुए देख के मैं हमेशा यही सोचती थी कि फिल्म जगत में लोग बहुत काम करते हैं। मैं एक ऐसा जॉब करना चाहती थी, जहां लोगों को इतना ज्यादा काम न करना पड़े। लेकिन चीजें कुछ ऐसी हुईं कि मुझे ये काम करना पड़ा। मैंने मजाक-मजाक में ही फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था।
काजोल ने आगे बातचीत में बताया कि जब उन्हें उनकी पहली फिल्म ‘बेखुदी’ का ऑफर मिला था, तो उस दौरान वो कॉलेज में पढ़ती थीं। इस फिल्म का निर्देशन राहुल रवैल ने किया था। काजोल ने बताया कि उस दौरान उन्होंने फिल्म के लिए मस्ती में हां कर दिया था। दरअसल काजोल को लगा कि वो फिल्म जगत में कुछ खास नहीं कर रही हैं इसलिए उन्होंने सोचा था वो एक फिल्म ही कर लें।
काजोल ने बताया कि जब उनकी पहली फिल्म का मुहूर्त था तो उस दौरान उनके पिता ने उन्हें सलाह देते हुए कहा था कि अगर एक बार चेहरे पर फिल्म का मेकअप लगा तो वो जीवन में कभी नहीं उतरेगा। जब अनुपम खेर ने काजोल से ये सवाल पूछा कि आपके पिता ने आपको सलाह दी थी तो काजोल ने जवाब देते हुए कहा, ‘मेरे पिता ने कहा कि ये ग्रीज अगर चेहरे पर लग जाए तो नहीं उतरेगा, लेकिन उस वक्त मुझे लगा ये बकवास हैं, मैं जब चाहूं अपना चेहरा धो लूंगी।
हालांकि काजोल की ये फिल्म पर्दे पर सफल नहीं हुई। 1992 में आई इस फिल्म में काजोल के साथ कमल सदाना ने काम किया था। लेकिन इसके बाद काजोल को फिल्म ‘बाजीगर’ में काम करने का मौका मिला। जिसमें उनके साथ शाहरुख खान नजर आए थे, इस फिल्म में काजोल के काम को काफी सराहा गया था।
बाजीगर की सफलता के बाद काजोल ने कभी भी पीछे पलटकर नहीं देखा और उन्होंने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया। काजोल ने भारतीय सिनेमा में ‘दिलवाले दुलहनियां ले जाएंगे, कुछ-कुछ होता है, कभी खुशी कभी गम जैसी कई सुपरहिट फिल्में दी। काजोल और शाहरुख खान की जोड़ी को बड़े पर्दे पर काफी पसंद किया गया।
