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Festive Season: पर्सनल लोन लेने की जल्दबाजी फीका न कर दे त्योहार का रंग, सुरक्षिक कर्ज के लिए ये सावधानी जरूरी

Festive Season: पर्सनल लोन लेने की जल्दबाजी फीका न कर दे त्योहार का रंग, सुरक्षिक कर्ज के लिए ये सावधानी जरूरी

सार

फिनटेक फर्म अपवर्ड्स के सह संस्थापक निमेष वर्मा ने बताया कि प्रमाणित फिनटेक कंपनियों को सिर्फ ग्राहक की केवाईसी और बैंकिंग डिटेल की जरूरत पड़ती है। ऐसे फिनटेक फर्म कोई अतिरिक्त शुल्क या अन्य जानकारियां नहीं मांगते हैं। फिनटेक से सुरक्षित कर्ज लेने की जानकारी देती प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला

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धनतेरस, दिवाली पर नए सामान खरीदने के लिए लोग पर्सनल लोन जैसे विकल्प अपनाते हैं। नए विकल्प के रूप में फिनटेक के जरिये ग्राहकों को कम समय में कर्ज तो मिल जाता है, लेकिन जरा सी चूक त्योहार का रंग फीका कर सकती है। फिनटेक से सुरक्षित कर्ज लेने की जानकारी देती प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-

अतिरिक्त शुल्क या अन्य जानकारियां नहीं मांगती हैं प्रमाणित फिनटेक कंपनियां

सिर्फ केवाईसी और बैंकिंग की जरूरत
फिनटेक फर्म अपवर्ड्स के सह संस्थापक निमेष वर्मा ने बताया कि प्रमाणित फिनटेक कंपनियों को सिर्फ ग्राहक की केवाईसी और बैंकिंग डिटेल की जरूरत पड़ती है। ऐसे फिनटेक फर्म कोई अतिरिक्त शुल्क या अन्य जानकारियां नहीं मांगते हैं। ग्राहक से तीन महीने का बैंक स्टेटमेंट, आधार या पैन कार्ड की कॉपी लेकर कुछ ही मिनटों में ही लोन दे देते हैं। कुछ फिनटेक बिना दस्तावेज के ही लोन देने की बात करते हैं, जिनसे सावधान रहने की जरूरत है। ऐसे एप का किसी बैंक या एनबीएफसी से संबंध नहीं होता। ये ग्राहक को लालच देकर फंसा लेते हैं और उनसे शुल्क व अन्य प्रॉसेस के नाम पर पैसे वसूलते हैं।

ऐसे फंसाते हैं ग्राहकों को
जब कर्जदार गूगल प्ले स्टोर से ऐसे एप डाउनलोड करते हैं, तभी यह शर्त स्वीकार कराई जाती है कि एप को उनकी पर्सनल डिटेल और कॉन्टैक्ट लिस्ट साझा की जा रही है। जब ग्राहक एप को डाउनलोड कर जरूरी दस्तावेज अपलोड करता है तो कुछ मिनटों बाद ही उसके खाते में रकम डाल दी जाती है। इसके बाद शुरू होता है, फंसाने का सिलसिला। फिर 20-30 एप के टेलीकॉलर ग्राहक को फोन कर बताते हैं कि उनके अच्छे रिकॉर्ड के कारण उनकी कंपनी भी लोन देना चाहती है। इस लालच में ग्राहक फंसकर बिना जरूरत ढेर सारा लोन लेते हैं।

भारी पड़ता है ऐसा कर्ज
ऐसे एप 30 से 35 फीसदी का सालाना ब्याज तो लेते ही हैं। साथ ही ड्यू डेट पर पुनर्भगतान न करने पर प्रतिदिन 3,000 रुपये तक का जुर्माना लगाते हैं। कई एप तो लोन देने के पहले ही प्रोसेसिंग शुल्क और जीएसटी के नाम पर बड़ी रकम काट देते हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई 10 हजार रुपये का लोन ले रहा है तो उससे प्रोसेसिंग और जीएसटी के नाम पर 2,300 रुपये तक की रकम काटकर महज 7,700 रुपये दिए जाते हैं।

कई बैंकों में न करें आवेदन
जब पैसे की तुरंत जरूरत होती है तो लोग एक साथ कई बैंकों में लोन का आवेदन कर देते हैं ताकि पैसा कहीं से भी मिल जाए। ऐसा लोग इसलिए करते हैं कि लोन रिजेक्शन कम-से-कम हो, लेकिन इससे बचना चाहिए। पर्सनल लोन के लिए एक साथ कई बैंकों में आवेदन करते समय आवेदन प्रभावित हो सकता है क्योंकि सभी प्रमुख वित्तीय संस्थान सिबिल स्कोर से क्रेडिट स्कोर जांचते हैं। ज्यादा बैंक के पास जाने से यह संदेश जाएगा कि आपको पर्सनल लोन की सख्त जरूरत है। इससे आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचेगा।

जब पैसे की तुरंत जरूरत होती है तो लोग एक साथ कई बैंकों में लोन का आवेदन कर देते हैं ताकि पैसा कहीं से भी मिल जाए। ऐसा लोग इसलिए करते हैं कि लोन रिजेक्शन कम-से-कम हो, लेकिन इससे बचना चाहिए। पर्सनल लोन के लिए एक साथ कई बैंकों में आवेदन करते समय आवेदन प्रभावित हो सकता है क्योंकि सभी प्रमुख वित्तीय संस्थान सिबिल स्कोर से क्रेडिट स्कोर जांचते हैं। ज्यादा बैंक के पास जाने से यह संदेश जाएगा कि आपको पर्सनल लोन की सख्त जरूरत है। इससे आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचेगा।

सुरक्षित कर्ज के लिए ये सावधानी जरूरी

  • ग्राहकों को कभी भी केवाईसी दस्तावेजों की प्रति बगैर पहचान वाले व्यक्ति, अपुष्ट/अनाधिकृत एप को नहीं देना चाहिए। ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के लिए ऐसे एप व बैंक खाते की सूचना सचेत पोर्टल के माध्यम से संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों को देनी चाहिए।
  • सभी डिजिटल लेंडिंग मंच उस बैंक या एनबीएफसी का खुलासा ग्राहकों के सामने करते हैं, जिनके जरिये वे लोन देने का वादे करते हैं।
  • आरबीआई की वेबसाइट में पंजीकृत एनबीएफसी का नाम और पता देख सकते हैं। पोर्टल से इकाइयों के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं।
  • नए ग्राहक को लोन आवेदन से पहले फिनटेक की जानकारी एकत्र करनी चाहिए। खासकर पुनर्भुगतान के तरीके और शुल्क के बारे में।
एप डाउनलोड से पहले जुटाएं जानकारी
फर्जीवाड़ा करने वाले फिनटेक ग्राहकों की व्यक्तिगत-वित्तीय जानकारियों का गलत इस्तेमाल करते हैं। एप के जरिये फोन या लैपटॉप से बैंकिंग जानकारियां चुरा लेते हैं। इसलिए एप डाउनलोड से पहले उसके बारे में जानकारी जरूर जुटाएं।

जोश में आकर न करें जल्दबाजी
पहली बार लोन आवेदन करने वाले ग्राहक जोश में रहते हैं, इसलिए वे बिना रिसर्च व्यक्तिगत जानकारी किसी भी एप से साझा कर देते हैं, जो वित्तीय सेहत के लिए खतरनाक है। ऐसे में गैर-पंजीकृत एप और फटाफट लोन देने वाले या कम अथवा बिना शुल्क लोन की पेशकश करने वाले फिनटेक से दूर रहना ही बेहतर है। -अनिल पिनापला, सीईओ, विविफाई इंडिया फाइनेंस

विस्तार

धनतेरस, दिवाली पर नए सामान खरीदने के लिए लोग पर्सनल लोन जैसे विकल्प अपनाते हैं। नए विकल्प के रूप में फिनटेक के जरिये ग्राहकों को कम समय में कर्ज तो मिल जाता है, लेकिन जरा सी चूक त्योहार का रंग फीका कर सकती है। फिनटेक से सुरक्षित कर्ज लेने की जानकारी देती प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-

अतिरिक्त शुल्क या अन्य जानकारियां नहीं मांगती हैं प्रमाणित फिनटेक कंपनियां

सिर्फ केवाईसी और बैंकिंग की जरूरत

फिनटेक फर्म अपवर्ड्स के सह संस्थापक निमेष वर्मा ने बताया कि प्रमाणित फिनटेक कंपनियों को सिर्फ ग्राहक की केवाईसी और बैंकिंग डिटेल की जरूरत पड़ती है। ऐसे फिनटेक फर्म कोई अतिरिक्त शुल्क या अन्य जानकारियां नहीं मांगते हैं। ग्राहक से तीन महीने का बैंक स्टेटमेंट, आधार या पैन कार्ड की कॉपी लेकर कुछ ही मिनटों में ही लोन दे देते हैं। कुछ फिनटेक बिना दस्तावेज के ही लोन देने की बात करते हैं, जिनसे सावधान रहने की जरूरत है। ऐसे एप का किसी बैंक या एनबीएफसी से संबंध नहीं होता। ये ग्राहक को लालच देकर फंसा लेते हैं और उनसे शुल्क व अन्य प्रॉसेस के नाम पर पैसे वसूलते हैं।

ऐसे फंसाते हैं ग्राहकों को

जब कर्जदार गूगल प्ले स्टोर से ऐसे एप डाउनलोड करते हैं, तभी यह शर्त स्वीकार कराई जाती है कि एप को उनकी पर्सनल डिटेल और कॉन्टैक्ट लिस्ट साझा की जा रही है। जब ग्राहक एप को डाउनलोड कर जरूरी दस्तावेज अपलोड करता है तो कुछ मिनटों बाद ही उसके खाते में रकम डाल दी जाती है। इसके बाद शुरू होता है, फंसाने का सिलसिला। फिर 20-30 एप के टेलीकॉलर ग्राहक को फोन कर बताते हैं कि उनके अच्छे रिकॉर्ड के कारण उनकी कंपनी भी लोन देना चाहती है। इस लालच में ग्राहक फंसकर बिना जरूरत ढेर सारा लोन लेते हैं।

भारी पड़ता है ऐसा कर्ज

ऐसे एप 30 से 35 फीसदी का सालाना ब्याज तो लेते ही हैं। साथ ही ड्यू डेट पर पुनर्भगतान न करने पर प्रतिदिन 3,000 रुपये तक का जुर्माना लगाते हैं। कई एप तो लोन देने के पहले ही प्रोसेसिंग शुल्क और जीएसटी के नाम पर बड़ी रकम काट देते हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई 10 हजार रुपये का लोन ले रहा है तो उससे प्रोसेसिंग और जीएसटी के नाम पर 2,300 रुपये तक की रकम काटकर महज 7,700 रुपये दिए जाते हैं।

कई बैंकों में न करें आवेदन

जब पैसे की तुरंत जरूरत होती है तो लोग एक साथ कई बैंकों में लोन का आवेदन कर देते हैं ताकि पैसा कहीं से भी मिल जाए। ऐसा लोग इसलिए करते हैं कि लोन रिजेक्शन कम-से-कम हो, लेकिन इससे बचना चाहिए। पर्सनल लोन के लिए एक साथ कई बैंकों में आवेदन करते समय आवेदन प्रभावित हो सकता है क्योंकि सभी प्रमुख वित्तीय संस्थान सिबिल स्कोर से क्रेडिट स्कोर जांचते हैं। ज्यादा बैंक के पास जाने से यह संदेश जाएगा कि आपको पर्सनल लोन की सख्त जरूरत है। इससे आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचेगा।

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