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कार्रवाई: बाजार नियामक सेबी ने इस कंपनी पर लगाया 17 करोड़ रुपये का जुर्माना, ये रही वजह

कार्रवाई: बाजार नियामक सेबी ने इस कंपनी पर लगाया 17 करोड़ रुपये का जुर्माना, ये रही वजह

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Sat, 25 Dec 2021 02:06 PM IST

सार

SEBI Fined 17 Crore On Cals Refineries:  बाजार नियामक सेबी ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए काल्स रिफाइनरीज लिमिटेड, उसके अधिकारियों और उसकी दूसरी यूनिट पर कुल 17 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। सेबी की ओर से कहा गया कि जांच में कंपनी की धोखाधड़ी उजागर हुई है। 

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बाजार नियामक सेबी ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए काल्स रिफाइनरीज लिमिटेड, उसके अधिकारियों और उसकी दूसरी यूनिट पर कुल 17 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। सेबी ने ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीप्ट (जीडीआर) में हेरा-फेरी करने के आरोप में यह कार्रवाई की है।

जांच में धोखाधड़ी हुई उजागर
दरअसल, जांच के दौरान सेबी ने पाया कि काल्स रिफाइनरीज ने 20 करोड़ डॉलर के 78.8 लाख जीडीआर जारी किए थे और यह 12 दिसंबर, 2007 को बंद हुआ था। इसके बाद कंपनी ने गलत जानकारी देकर उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी की। सेबी की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि कंपनी द्वारा झूठी और भ्रामक कॉरपोरेट घोषणाओं के आधार पर बेहद अहम डिटेल का खुलासा किए बिना जीडीआर जारी किया गया। इस संबंध में आई रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी की ओर से सर्वेश गोरहा ने पुर्तगाल की एक बैंक बैंकों एफिसा में अकाउंट चार्ज एग्रीमेंट में हस्ताक्षर किए हैं।

पुर्तगाल की बैंक से लिया लोन
सेबी ने कहा है कि काल्स की जीडीआर इश्यू अलॉट करने की योजना में केवल एक इकाई ऑनर फाइनेंस लिमिटेड जिसने बैंको एफिसा से लोन लिया था और इस लोन को काल्स रिफाइनरियों द्वारा अपनी जीडीआर आय गिरवी रखकर सुरक्षित किया गया था। इसमें काल्स द्वारा की गई कॉर्पोरेट घोषणाओं में कहा गया है कि जीडीआर जारी किया गया था और इसे अहम डिटेल्स का खुलासा किए बिना अलॉट किया गया था, जिससे यह निष्कर्ष निकला कि यह पूरी प्रक्रिया धोखाधड़ी करते हुए पूरी की गई थी। इसका मालिकाना हक संजय राय मल्होत्रा के पास था।

विस्तार

बाजार नियामक सेबी ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए काल्स रिफाइनरीज लिमिटेड, उसके अधिकारियों और उसकी दूसरी यूनिट पर कुल 17 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। सेबी ने ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीप्ट (जीडीआर) में हेरा-फेरी करने के आरोप में यह कार्रवाई की है।

जांच में धोखाधड़ी हुई उजागर

दरअसल, जांच के दौरान सेबी ने पाया कि काल्स रिफाइनरीज ने 20 करोड़ डॉलर के 78.8 लाख जीडीआर जारी किए थे और यह 12 दिसंबर, 2007 को बंद हुआ था। इसके बाद कंपनी ने गलत जानकारी देकर उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी की। सेबी की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि कंपनी द्वारा झूठी और भ्रामक कॉरपोरेट घोषणाओं के आधार पर बेहद अहम डिटेल का खुलासा किए बिना जीडीआर जारी किया गया। इस संबंध में आई रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी की ओर से सर्वेश गोरहा ने पुर्तगाल की एक बैंक बैंकों एफिसा में अकाउंट चार्ज एग्रीमेंट में हस्ताक्षर किए हैं।

पुर्तगाल की बैंक से लिया लोन

सेबी ने कहा है कि काल्स की जीडीआर इश्यू अलॉट करने की योजना में केवल एक इकाई ऑनर फाइनेंस लिमिटेड जिसने बैंको एफिसा से लोन लिया था और इस लोन को काल्स रिफाइनरियों द्वारा अपनी जीडीआर आय गिरवी रखकर सुरक्षित किया गया था। इसमें काल्स द्वारा की गई कॉर्पोरेट घोषणाओं में कहा गया है कि जीडीआर जारी किया गया था और इसे अहम डिटेल्स का खुलासा किए बिना अलॉट किया गया था, जिससे यह निष्कर्ष निकला कि यह पूरी प्रक्रिया धोखाधड़ी करते हुए पूरी की गई थी। इसका मालिकाना हक संजय राय मल्होत्रा के पास था।

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