Desh

कर्नाटक: धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित हिंसा को लेकर 34 हस्तियों ने सीएम और विधायकों को लिखा पत्र

कर्नाटक में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित हिंसा को लेकर 34 हस्तियों ने मुख्यमंत्री और विधायकों को पत्र लिखा है। लेखकों, शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों, पर्यावरणविदों और कलाकारों सहित 34 लोगों के एक समूह ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और विधायकों को एक पत्र लिखकर राज्य में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार हिंसा और बिगड़ती शासन व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की है।

पत्र के हस्ताक्षरकर्ताओं में इतिहासकार रामचंद्र गुहा और प्रो. जानकी नायर समेत पर्यावरणविद नागेश हेगड़े, अलमित्रा पटेल, समाजशास्त्री एआर वासवी और प्रो. सतीश देशपांडे; वैज्ञानिक प्रो. शरदचंद्र लेले, प्रो. विनोद गौर और प्रो. विद्यानंद नंजुंदिया; लेखक विवेक शानभाग, पुरुषोत्तम बिलिमले और के पी सुरेशा और कार्यकर्ता बेजवाड़ा विल्सन और अन्य शामिल हैं।

उन्होंने कहा है कि पिछले कुछ महीनों में, राज्य ने कई जिलों में नृशंस हत्याएं, नफरत भरे भाषण, धार्मिक अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों पर धमकी और हमले, ऑनर किलिंग, नैतिक पुलिसिंग, विधायकों द्वारा गलत बयानबाजी और धार्मिक समूहों के बीच शत्रुता और कलह की घटनाएं सामने आई हैं।

उन्होंने कहा कि “विधायकों द्वारा दिए गए असंवैधानिक बयानों और असामाजिक समूहों पर लगाम लगाने में राज्य मशीनरी की अक्षमता ने ऐसी घटनाओं को प्रोत्साहित किया है।”

हस्ताक्षरकर्ताओं ने कहा कि इस तरह की घटनाओं ने एक प्रगतिशील राज्य के रूप में कर्नाटक के लंबे इतिहास पर एक धब्बा लगा दिया है। यह राज्य अब कई मोर्चों पर अपनी पहचान खो रहा है। उन्होंने कहा कि “वित्तीय, प्रशासनिक और राजनीतिक मोर्चों पर, कर्नाटक अपनी संघीय ताकत खो रहा है।”

इसके अलावा हाल के कानूनों जैसे गौ संरक्षण और धर्मांतरण विरोधी अधिनियमों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि “वे अल्पसंख्यक विरोधी हैं और धार्मिक अल्पसंख्यकों के आर्थिक और सांस्कृतिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं। अब सद्भाव, शांति और सहिष्णुता राज्य की पहचान नहीं रह गई है।”

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इन मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया गया तो निवेश के लिए पहचाने जाने वाले राज्य के रूप में कर्नाटक की प्रतिष्ठा और उद्योग भी प्रभावित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक सद्भाव और सौहार्दपूर्ण माहौल होने पर आर्थिक गतिविधियां बढ़ सकती हैं।

हस्ताक्षरकर्ताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री और विधायकों से राज्य में इन नकारात्मक घटनाओं की गंभीरता से समीक्षा करने और कानून का शासन, संविधान के सिद्धांत, नागरिकों के अधिकार और मानवता की मूल भावना को फिर से स्थापित करने का आग्रह किया गया है। 

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
%d bloggers like this: