एजेंसी, अल्माटी/मॉस्को।
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 07 Jan 2022 12:18 AM IST
सार
रूसी नेतृत्व वाले गठबंधन ‘सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन’ (सीएसटीओ) ने कहा है कि वह राष्ट्रपति कासिम-जोमार्त तोकायेव के अनुरोध पर कजाखस्तान में शांतिसैनिकों की तैनाती करेगा।
सांकेतिक तस्वीर….
– फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
पुलिस ने बताया कि इन हिंसक झड़पों में अब तक 18 पुलिस वाले मारे गए हैं जबकि एक का शव सिर कलम किया हुआ मिला। पुलिस की प्रवक्ता सल्तनत अजीरबेक ने बृहस्पतिवार को बताया कि अल्माटी में इमारतों पर धावा बोलने के प्रयास के दौरान दर्जनों हमलावरों को मार गिराया गया। देश के पश्चिम में शुरू हुआ प्रदर्शन अल्माटी और राजधानी नूर-सुल्तान तक फैल गया है।
प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के आवास पर तोड़फोड़ की और अल्माटी के मेयर के आवास पर कब्जा करने की कोशिश करते हुए इमारत में आग लगा दी गई। तीन दशक पहले आजादी हासिल करने के बाद से कजाखस्तान सबसे भीषण प्रदर्शनों का सामना कर रहा है।
इस बीच, रूसी नेतृत्व वाले गठबंधन ‘सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन’ (सीएसटीओ) ने कहा है कि वह राष्ट्रपति कासिम-जोमार्त तोकायेव के अनुरोध पर कजाखस्तान में शांतिसैनिकों की तैनाती करेगा।
कड़ाके की सर्दी में पानी की बौछार
कजाखस्तान के सबसे बड़े शहर अल्माटी में देर रात तक हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर गोलियां भी चलानी पड़ीं। इससे पहले गैस की मूल्य वृद्धि का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पुलिस ने ठंडे पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। बता दें, कजाखस्तान में इन दिनों भीषण सर्दी पड़ रही है। सरकारी इमारतों पर कब्जे के बाद राष्ट्रपति ने प्रदर्शनकारियों की गतिविधियों को आतंकी करार दिया।
इंटरनेट ब्लैकआउट जैसे हालात
पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच इस हिंसक झड़प में करीब 300 लोग घायल हुए हैं। हालांकि कजाखस्तान की सरकार ने हताहत हुए आम नागरिकों का कोई आंकड़ा जारी नहीं किया है। वैश्विक निगरानी संगठन नेटब्लॉक्स ने कहा कि देश में व्यापक स्तर पर इंटरनेट ब्लैकआउट जैसा महसूस किया जा रहा है। फिलहाल कजाखस्तान में समाचार वेबसाइटों तक पहुंच बनाना भी मुश्किल हो गया है।
