रूस-यूक्रेन युद्ध का असर
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक महीने से ज्यादा समय से जारी रूस और यूक्रेन के बीच जंग के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में जोरदार इजाफा हुआ है। वैसे तो इसका असर पूरी दुनिया में पड़ रहा है, लेकिन भारत इससे सबसे ज्यादा प्रभावित नजर आ रहा है। शुक्रवार को एमपीसी की बैठक के नतीजों को बताते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते देश में महंगाई को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की। यहां बता दें कि देश में बीते कुछ दिनों से पेट्रोल-डीजल समेत एलपीजी, सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में जोरदार इजाफा हुआ है। घरेलू मार्केट में करेंसीज की परचेजिंग पावर की बात करें, तो वर्तमान में भारत में प्रति लीटर एलपीजी की कीमत दुनिया में सबसे ज्यादा है।
पेट्रोल के मामले में तीसरे नंबर पर
इस संबंध में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां एलपीजी पर महंगाई के मामले में भारत पहले पायदान पर है, तो पेट्रोल के मामले में यह टॉप-3 में शामिल है। दुनियाभर में सबसे महंगा पेट्रोल जिन देशों में है , उस सूची में भारत तीसरे स्थान पर काबिज है। इसके अलावा डीजल की बात करें तो भारत डीजल में महंगाई के मामले में आठवें स्थान पर मौजूद है। इसमें कहा गया है कि भारतीय लोग ईंधन के मामले में ज्यादा खर्च करते हैं और उन्हें अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा एलपीजी, पेट्रोल और डीजल समेत अन्य ईंधन पर करना पड़ता है। रिपोर्ट की मानें तो आम आदमी अपनी रोजना कमाई का चौथाई हिस्सा पेट्रोल पर खर्च कर रहा है।
पश्चिमी देशों में खर्च कम
रिपोर्ट के अनुसार, नॉमिनल एक्सचेंज रेट पर कीमत की तुलना करें तो पता चलता है कि अलग-अलग देशों में अलग-अलग करेंसीज की परचेजिंग पावर अलग-अलग होती है। इसके अलावा हर देश में कमाई का स्तर भी अलग-अलग होता है। यही वजह है कि पश्चिमी देशों में एक लीटर पेट्रोल की कीमत लोगों की अपनी रोजाना की आय का मामूली सा हिस्सा खर्च करना होता है, वहीं भारतीयों को रोजाना की औसत आय का एक चौथाई हिस्सा गंवाना पड़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ये बड़ी वजह है कि ईंधन की कीमतों में तेजी का असर भी अलग-अलग देशों में अलग-अलग होता है।
भारत-अमेरिका में तुलना
परचेसिंग पावर पैरिटी के हिसाब से भारत में एक लीटर पेट्रोल का भाव करीब 1.5 डॉलर होता है। इस हिसाब से अमेरिका में 1.5 डॉलर की कीमत में बहुत कम सामान खरीदा जा सकता है, क्योंकि वहां लोगों की औसत आमदनी बहुत अधिक है। जबकि, भारत में इस रकम में या कहें करीब 120 में अमेरिका से ज्यादा सामान खरीदा जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, परचेजिंग पावर पैरिटी के हिसाब से जहां भारत में एलपीजी का भाव दुनिया में सबसे ज्यादा है, वहीं भारत के बाद तुर्की, फिजी, मेलडोवा और फिर यूक्रेन का नंबर आता है। स्विटजरलैंड, फ्रांस, कनाडा और यूके में एलपीजी गैस की कीमत लोगों की परचेसिंग पावर की तुलना में बहुत कम है।
भारत में एलपीजी की कीमत
गौरतलब है कि भारत में रसोई में उपयोग होने वाले 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर के दाम में हाल ही में 50 रुपये का इजाफा किया गया है। इस बढ़ोतरी के बाद फिलहाल, देश में एलपीजी सिलेंडर की कीमत दिल्ली में 949.50 रुपये का हो गई है। इस वृद्धि के बाद कई बड़े शहरों में सिलेंडर की कीमत 1000 रुपये को पार कर गई है और पटना में इस समय 1048 रुपये यानी सबसे महंगा घरेलू गैस सिलेंडर हो गया है। तेल कंपनियों को तर्क है कि रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग के चलते उपजे हालातों को असर सप्लाई पर पड़ा है और यही कारण है कि हम कीमतों में वृद्धि करने को मजबूर हुए हैं।
पेट्रोल-डीजल का ताजा भाव
शुक्रवार की बात करें तो तेल कंपनियों ने लगातार दूसरे दिन पेट्रोल और डीजल के दामों को स्थिर रखा है। लेकिन इससे पहले 22 मार्च से लगातार इसमें इजाफा देखने को मिल रहा था। बीते 18 दिनों में 14 दिन इनके दाम में बढ़ोतरी की गई है और इस अवधि में पेट्रोल-डीजल 10 रुपये महंगा हो चुका है। ताजा रेट की बात करें तो शुक्रवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 105.41 रुपये, जबकि डीजल 96.67 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 120.51 रुपये व डीजल की कीमत 104.77 रुपये प्रति लीटर है। कोलकाता में पेट्रोल का दाम 115.12 रुपये जबकि डीजल का दाम 99.83 रुपये प्रति लीटर है। वहीं चेन्नई में भी पेट्रोल 110.85 रुपये प्रति लीटर तो डीजल 100.94 रुपये प्रति लीटर है।