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इथोपिया: संयुक्त राष्ट्र के नौ कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया, भारत ने कहा- संयम बरतें सभी पक्ष

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, न्यूयॉर्क/संयुक्त राष्ट्र।
Published by: Amit Mandal
Updated Tue, 09 Nov 2021 10:12 PM IST

सार

संयुक्त राष्ट्र ने इथियोपिया के विदेश मंत्रालय से अदीस अबाबा में हिरासत में लिए गए लोगों को तुरंत रिहा करने का अनुरोध किया है।
 

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इथियोपिया की राजधानी में संयुक्त राष्ट्र के कम से कम नौ स्टाफ सदस्यों और उनके आश्रितों को हिरासत में लिया गया है। यूएन ने खुद आज ये जानकारी दी। संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने इथियोपिया के विदेश मंत्रालय से अदीस अबाबा में हिरासत में लिए गए लोगों को तुरंत रिहा करने का अनुरोध किया है।

प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा अधिकारियों ने हिरासत में लिए गए कर्मचारियों से मुलाकात की है। एक साल से उत्तरी तिग्रेयान क्षेत्र की सेनाओं से जूझ रही इथियोपिया की सरकार ने सितंबर के अंत में अपने आंतरिक मामलों में दखल देने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सात वरिष्ठ अधिकारियों को देश से निष्कासित करने का आदेश सुनाया था। 

इथियोपिया में संयम बरतें सभी पक्ष : भारत
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान इथियोपिया में सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया है। भारत ने इथियोपिया की एकता, संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई। 

बैठक के दौरान यूएन में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि आर. रवींद्र ने कहा कि इथियोपिया के उत्तरी हिस्सों में संघर्ष हाल के हफ्तों में बढ़ गया है और यह मध्य हिस्सों में बढ़ने की चेतावनी दे रहा है। यह बहुत खतरनाक होगा। उन्होंने यहां जल्द सहायता शुरू करने की जरूरत पर बल दिया।

बहुपक्षवाद की सफलता महासभा पर निर्भर : भारत
बहुपक्षवाद की सफलता मुख्य रूप से महासभा की सफलता पर निर्भर करती है क्योंकि दुनिया सतत विकास, सुरक्षा, प्रवासन, स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन से संबंधित चुनौतियों का सामना कर रही है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में मंत्री दीपक मिश्रा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) द्वारा जारी एक बयान में यह बात कही।

दीपक मिश्रा ने कहा, किसी भी संस्था की प्रभावकारिता, प्रासंगिकता और स्थायित्व उसके गतिशील चरित्र और बदलते समय के लिए खुद को अनुकूल बनाने की उसकी इच्छा में निहित होती है, ताकि यह न केवल समय-परीक्षित मूल्यों को बनाए रखे बल्कि दिन की उभरती चुनौतियों का भी समाधान करे। सतत विकास, सुरक्षा, प्रवासन, स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन आदि से संबंधित दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों को अलग-थलग करके नहीं समझा जा सकता है। 

उन्होंने कहा- आइए, हम इस मौके का उपयोग वैश्विक एजेंडा तय करने, नीति बनाने और वैश्विक चुनौतियों के समाधान खोजने में महासभा की भूमिका को मजबूत करने के अपने संकल्प को नवीनीकृत करने के लिए करें। बहुपक्षवाद की सफलता मुख्य रूप से महासभा की सफलता पर निर्भर करती है।

विस्तार

इथियोपिया की राजधानी में संयुक्त राष्ट्र के कम से कम नौ स्टाफ सदस्यों और उनके आश्रितों को हिरासत में लिया गया है। यूएन ने खुद आज ये जानकारी दी। संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने इथियोपिया के विदेश मंत्रालय से अदीस अबाबा में हिरासत में लिए गए लोगों को तुरंत रिहा करने का अनुरोध किया है।

प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा अधिकारियों ने हिरासत में लिए गए कर्मचारियों से मुलाकात की है। एक साल से उत्तरी तिग्रेयान क्षेत्र की सेनाओं से जूझ रही इथियोपिया की सरकार ने सितंबर के अंत में अपने आंतरिक मामलों में दखल देने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सात वरिष्ठ अधिकारियों को देश से निष्कासित करने का आदेश सुनाया था। 

इथियोपिया में संयम बरतें सभी पक्ष : भारत

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान इथियोपिया में सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया है। भारत ने इथियोपिया की एकता, संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई। 

बैठक के दौरान यूएन में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि आर. रवींद्र ने कहा कि इथियोपिया के उत्तरी हिस्सों में संघर्ष हाल के हफ्तों में बढ़ गया है और यह मध्य हिस्सों में बढ़ने की चेतावनी दे रहा है। यह बहुत खतरनाक होगा। उन्होंने यहां जल्द सहायता शुरू करने की जरूरत पर बल दिया।

बहुपक्षवाद की सफलता महासभा पर निर्भर : भारत

बहुपक्षवाद की सफलता मुख्य रूप से महासभा की सफलता पर निर्भर करती है क्योंकि दुनिया सतत विकास, सुरक्षा, प्रवासन, स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन से संबंधित चुनौतियों का सामना कर रही है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में मंत्री दीपक मिश्रा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) द्वारा जारी एक बयान में यह बात कही।

दीपक मिश्रा ने कहा, किसी भी संस्था की प्रभावकारिता, प्रासंगिकता और स्थायित्व उसके गतिशील चरित्र और बदलते समय के लिए खुद को अनुकूल बनाने की उसकी इच्छा में निहित होती है, ताकि यह न केवल समय-परीक्षित मूल्यों को बनाए रखे बल्कि दिन की उभरती चुनौतियों का भी समाधान करे। सतत विकास, सुरक्षा, प्रवासन, स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन आदि से संबंधित दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों को अलग-थलग करके नहीं समझा जा सकता है। 

उन्होंने कहा- आइए, हम इस मौके का उपयोग वैश्विक एजेंडा तय करने, नीति बनाने और वैश्विक चुनौतियों के समाधान खोजने में महासभा की भूमिका को मजबूत करने के अपने संकल्प को नवीनीकृत करने के लिए करें। बहुपक्षवाद की सफलता मुख्य रूप से महासभा की सफलता पर निर्भर करती है।

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