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BJP On Rafale Deal : कमीशन के खुलासों पर भाजपा का पलटवार, कहा- 2007 से 2012 में दी गई घूस, तब भारत में किस की सरकार थी?

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुभाष कुमार
Updated Tue, 09 Nov 2021 12:39 PM IST

सार

BJP On Rafale Deal: भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने रिपोर्ट में एक बिचौलिए के नाम का जिक्र करते हुए कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि जिस मिडिलमैन का नाम अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में सामने आया था, उसी का नाम राफेल डील में भी आया है।

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राफेल मामले में फ्रांस की पत्रिका मीडियापार्ट की तरफ से हुए खुलासों पर कांग्रेस एक बार फिर भाजपा पर हमलावर हुई है। हालांकि, इस बार भाजपा ने जबरदस्त पलटवार किया है और मीडियापार्ट की रिपोर्ट का ही जिक्र करते हुए कांग्रेस पर राफेल डील में कमीशन लेने का आरोप लगाया है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने रिपोर्ट में एक बिचौलिए के नाम का जिक्र करते हुए कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि जिस मिडिलमैन का नाम अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में सामने आया था, उसी का नाम राफेल डील में भी आया है।

क्या रहा संबित पात्रा का बयान?
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “राफेल का विषय कमीशन की कहानी थी, बहुत बड़े घोटाले की साजिश थी। ये पूरा मामला 2007 से 2012 के बीच हुआ। आज हम आपके सामने कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज रखने वाले हैं, ताकि भ्रष्टाचार किसके कालखंड में हुआ ये बताएगा। फ्रांस के एक मीडिया संस्थान ने कुछ वक्त पहले ये खुलासा किया कि राफेल में भ्रष्टाचार हुआ था।”

अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में शामिल बिचौलिए का नाम राफेल से भी जुड़ा
पात्रा ने आगे कहा, “आज ये खुलासा हुआ है कि 2007 से 2012 के बीच में राफेल में ये कमीशनखोरी हुई है, जिसमें बिचौलिए का नाम भी सामने आया है- सुषेण गुप्ता। यह कोई नया खिलाड़ी नहीं है। ये पुराना खिलाड़ी है, जिसे अगस्ता वेस्टलैंड केस का किंगपिन माना जाता है। एक मिडिलमैन जो कि अगस्ता वेस्टलैंड केस में बिचौलिया था, वो 2007 से 2012 के बीच राफेल केस में घूस में बिचौलिया था। बहुत ज्यादा इत्तेफाक हकीकत होती है।

राहुल गांधी से मांगा जवाब
पात्रा ने आगे कहा- राहुल गांधी शायद हिंदुस्तान में नहीं है। वे इटली में हैं। इटली से वे जवाब दें, जो भ्रम फैलाने की कोशिश उनकी पार्टी ने की है। उन्हीं की पार्टी पर खुलासा हुआ है कि घूसखोरी 2007 से लेकर 2012 तक हुई। 10 साल तक भारतीय वायुसेना के पास फाइटर एयरक्राफ्ट नहीं थे। 10 साल तक सिर्फ समझौता किया गया और डील को अटकाए रखा गया। ये समझौता सिर्फ कमीशन के लिए अटकाए रखा गया। ये समझौता एयरक्राफ्ट के लिए नहीं हो रहा था। बल्कि कमीशन के लिए हो रहा था। 

एग्रीमेंट फॉर कमीशन कांग्रेस के कालखंड में एग्रीमेंट ऑफ पर्चेज तो हमने देखा नहीं, लेकिन एक एग्रीमेंट ऑफ कमीशन जरूर हमारे सामने आ गया। इसके कंटेंट को आप पढ़ेंगे तो चौंक जाएंगे। यह कमीशन कोई 2 से 4 फीसदी की नहीं थी। राहुल जी, सोनिया जी बधाई। विश्व में कमीशन के रिकॉर्ड को आपने तोड़ा है। 40 फीसदी की दर से कमीशन लेंगे। यह तो विश्व रिकॉर्ड है। उल्टा चोर चौकीदार को डांट रहा था।

विस्तार

राफेल मामले में फ्रांस की पत्रिका मीडियापार्ट की तरफ से हुए खुलासों पर कांग्रेस एक बार फिर भाजपा पर हमलावर हुई है। हालांकि, इस बार भाजपा ने जबरदस्त पलटवार किया है और मीडियापार्ट की रिपोर्ट का ही जिक्र करते हुए कांग्रेस पर राफेल डील में कमीशन लेने का आरोप लगाया है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने रिपोर्ट में एक बिचौलिए के नाम का जिक्र करते हुए कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि जिस मिडिलमैन का नाम अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में सामने आया था, उसी का नाम राफेल डील में भी आया है।

क्या रहा संबित पात्रा का बयान?

भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “राफेल का विषय कमीशन की कहानी थी, बहुत बड़े घोटाले की साजिश थी। ये पूरा मामला 2007 से 2012 के बीच हुआ। आज हम आपके सामने कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज रखने वाले हैं, ताकि भ्रष्टाचार किसके कालखंड में हुआ ये बताएगा। फ्रांस के एक मीडिया संस्थान ने कुछ वक्त पहले ये खुलासा किया कि राफेल में भ्रष्टाचार हुआ था।”

अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में शामिल बिचौलिए का नाम राफेल से भी जुड़ा

पात्रा ने आगे कहा, “आज ये खुलासा हुआ है कि 2007 से 2012 के बीच में राफेल में ये कमीशनखोरी हुई है, जिसमें बिचौलिए का नाम भी सामने आया है- सुषेण गुप्ता। यह कोई नया खिलाड़ी नहीं है। ये पुराना खिलाड़ी है, जिसे अगस्ता वेस्टलैंड केस का किंगपिन माना जाता है। एक मिडिलमैन जो कि अगस्ता वेस्टलैंड केस में बिचौलिया था, वो 2007 से 2012 के बीच राफेल केस में घूस में बिचौलिया था। बहुत ज्यादा इत्तेफाक हकीकत होती है।

राहुल गांधी से मांगा जवाब

पात्रा ने आगे कहा- राहुल गांधी शायद हिंदुस्तान में नहीं है। वे इटली में हैं। इटली से वे जवाब दें, जो भ्रम फैलाने की कोशिश उनकी पार्टी ने की है। उन्हीं की पार्टी पर खुलासा हुआ है कि घूसखोरी 2007 से लेकर 2012 तक हुई। 10 साल तक भारतीय वायुसेना के पास फाइटर एयरक्राफ्ट नहीं थे। 10 साल तक सिर्फ समझौता किया गया और डील को अटकाए रखा गया। ये समझौता सिर्फ कमीशन के लिए अटकाए रखा गया। ये समझौता एयरक्राफ्ट के लिए नहीं हो रहा था। बल्कि कमीशन के लिए हो रहा था। 

एग्रीमेंट फॉर कमीशन कांग्रेस के कालखंड में एग्रीमेंट ऑफ पर्चेज तो हमने देखा नहीं, लेकिन एक एग्रीमेंट ऑफ कमीशन जरूर हमारे सामने आ गया। इसके कंटेंट को आप पढ़ेंगे तो चौंक जाएंगे। यह कमीशन कोई 2 से 4 फीसदी की नहीं थी। राहुल जी, सोनिया जी बधाई। विश्व में कमीशन के रिकॉर्ड को आपने तोड़ा है। 40 फीसदी की दर से कमीशन लेंगे। यह तो विश्व रिकॉर्ड है। उल्टा चोर चौकीदार को डांट रहा था।

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