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महाराष्ट्र : लातूर जिले में फसल बर्बादी से हताश और कर्ज में डूबे किसान ने की आत्महत्या 

पीटीआई, लातुर (महाराष्ट्र)
Published by: Kuldeep Singh
Updated Mon, 08 Nov 2021 12:44 AM IST

सार

पुलिस अधिकारी ने कहा, किसान के पास चार एकड़ जमीन थी। हालांकि, वह किसान अवसाद में था क्योंकि कुछ महीने पहले मराठवाड़ा क्षेत्र में हुई भारी बारिश के कारण उसकी पूरी फसल बह गई थी। उसने बीज खरीदने के लिए हजारों रुपये खर्च किए थे और बैंकों से 8 लाख रुपये का ऋण लिया था।

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महाराष्ट्र के लातूर जिले में कर्ज में डूबे 24 वर्षीय एक किसान ने भारी बारिश के कारण फसल बर्बाद होने पर परेशान होकर कथित तौर पर एक जलाशय (बैराज) में कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना शिरूर अनंतपाल तहसील के डोंगरगांव गांव में शुक्रवार रात हुई। मृतक की पहचान अजीत विक्रम बान के रूप में हुई है।

पुलिस अधिकारी ने कहा, किसान के पास चार एकड़ जमीन थी। हालांकि, वह किसान अवसाद में था क्योंकि कुछ महीने पहले मराठवाड़ा क्षेत्र में हुई भारी बारिश के कारण उसकी पूरी फसल बर्बाद हो गई थी। उसने बीज खरीदने के लिए हजारों रुपये खर्च किए थे और बैंकों से आठ लाख रुपये का कर्ज लिया था।
 

पुलिस के अनुसार, उसने अपनी बर्बाद हुई फसल के मुआवजे की मांग करने के लिए जिला अधिकारियों और स्थानीय राजनेताओं को एक पत्र लिखा था, क्योंकि उसे केवल 7,000 रुपये की सहायता मिली थी।

पुलिस ने बताया कि उसने बैराज में कूदकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने बताया कि इस संबंध में शिरूर अनंतपाल पुलिस थाने में दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि मृतक के परिवार में उसके माता-पिता, पत्नी और डेढ़ साल की बेटी है।

विस्तार

महाराष्ट्र के लातूर जिले में कर्ज में डूबे 24 वर्षीय एक किसान ने भारी बारिश के कारण फसल बर्बाद होने पर परेशान होकर कथित तौर पर एक जलाशय (बैराज) में कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना शिरूर अनंतपाल तहसील के डोंगरगांव गांव में शुक्रवार रात हुई। मृतक की पहचान अजीत विक्रम बान के रूप में हुई है।

पुलिस अधिकारी ने कहा, किसान के पास चार एकड़ जमीन थी। हालांकि, वह किसान अवसाद में था क्योंकि कुछ महीने पहले मराठवाड़ा क्षेत्र में हुई भारी बारिश के कारण उसकी पूरी फसल बर्बाद हो गई थी। उसने बीज खरीदने के लिए हजारों रुपये खर्च किए थे और बैंकों से आठ लाख रुपये का कर्ज लिया था।

 

पुलिस के अनुसार, उसने अपनी बर्बाद हुई फसल के मुआवजे की मांग करने के लिए जिला अधिकारियों और स्थानीय राजनेताओं को एक पत्र लिखा था, क्योंकि उसे केवल 7,000 रुपये की सहायता मिली थी।

पुलिस ने बताया कि उसने बैराज में कूदकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने बताया कि इस संबंध में शिरूर अनंतपाल पुलिस थाने में दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि मृतक के परिवार में उसके माता-पिता, पत्नी और डेढ़ साल की बेटी है।

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