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आयकर विभाग ने कहा: प्रमोटरों के व्यक्तिगत लाभ के लिए शैक्षणिक ट्रस्ट के फंड का गबन किया गया, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में हुई छापेमारी

आयकर विभाग ने कहा: प्रमोटरों के व्यक्तिगत लाभ के लिए शैक्षणिक ट्रस्ट के फंड का गबन किया गया, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में हुई छापेमारी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Thu, 24 Mar 2022 08:47 PM IST

सार

सीबीडीटी ने एक बयान में कहा कि छापे की कार्रवाई एक शैक्षणिक संस्थानों के पॉपुलर चेन के खिलाफ की गई। यह समूह भारत और विदेशों में कई स्कूल और कॉलेजों का संचालन करता है।

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आयकर विभाग ने अपनी जांच में पाया कि एक शैक्षणिक ट्रस्ट के फंड की बड़ी रकम का गबन इसके प्रमोटरों के व्यक्तिगत लाभ के लिए गया गया। इस ट्रस्ट का मालिकाना हक रहने वाले समूह के देश और विदेशों में कई स्कूल और कॉलेज हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि 14 मार्च को इस समूह के महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु स्थित 25 से अधिक परिसरों पर छापे मारे गए।   

सीबीडीटी ने एक बयान में कहा कि छापे की कार्रवाई एक शैक्षणिक संस्थानों के पॉपुलर चेन के खिलाफ की गई। यह समूह भारत और विदेशों में कई स्कूल और कॉलेजों का संचालन करता है। जांच में पाया गया कि ट्रस्ट के फंड की बड़ी रकम समूह के प्रमोटरों और उनके परिजनों के व्यक्तिगत फायदे के लिए चोरी की गई। यह सब आयकर कानून के तहत ट्रस्ट को मिली छूट संबंधी नियमों का उल्लंघन कर किया गया। छापे के दौरान 27 लाख अघोषित नकदी और 3.90 करोड़ कीमत के आभूषण जब्त किए गए।

बयान में दावा किया गया है कि ट्रस्ट के फंड से गबन के लिए जो मॉडस ऑपरेंडी अपनाई गई उसके तहत विभिन्न डमी कंपनियों से सामान व सेवाओं की खरीद के फर्जी बिल दिखाकर पैसा लिया गया। जांच में पता चला कि इन कंपनियों या अन्य से कोई सामान या सेवा वास्तव में ली ही नहीं गई। गबन किए गए पैसों का इस्तेमाल बेनामी संपत्ति की खरीद और अनुचित भुगतान में किया गया।

महाराष्ट्र, पुडुचेरी और तमिलनाडु में खरीदी गई दो दर्जन से अधिक अचल संपत्तियों का भी पता चला है। ये या तो बेनामी संपत्तियां हैं या फिर इनका आयकर रिटर्न में जिक्र नहीं किया गया। छापे में हुंडी पर 55 करोड़ रुपये का उधार लेने के साक्ष्य (व्यापार और क्रेडिट लेनदेन का एक अवैध रूप) और उनका भुगतान नकद में डिस्चार्ज्ड प्रॉमिसरी नोट्स, जारी किए गए वचन पत्र और विनिमय के बिल हैं। इन्हें भी जब्त किया गया है। 

विस्तार

आयकर विभाग ने अपनी जांच में पाया कि एक शैक्षणिक ट्रस्ट के फंड की बड़ी रकम का गबन इसके प्रमोटरों के व्यक्तिगत लाभ के लिए गया गया। इस ट्रस्ट का मालिकाना हक रहने वाले समूह के देश और विदेशों में कई स्कूल और कॉलेज हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि 14 मार्च को इस समूह के महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु स्थित 25 से अधिक परिसरों पर छापे मारे गए।   

सीबीडीटी ने एक बयान में कहा कि छापे की कार्रवाई एक शैक्षणिक संस्थानों के पॉपुलर चेन के खिलाफ की गई। यह समूह भारत और विदेशों में कई स्कूल और कॉलेजों का संचालन करता है। जांच में पाया गया कि ट्रस्ट के फंड की बड़ी रकम समूह के प्रमोटरों और उनके परिजनों के व्यक्तिगत फायदे के लिए चोरी की गई। यह सब आयकर कानून के तहत ट्रस्ट को मिली छूट संबंधी नियमों का उल्लंघन कर किया गया। छापे के दौरान 27 लाख अघोषित नकदी और 3.90 करोड़ कीमत के आभूषण जब्त किए गए।

बयान में दावा किया गया है कि ट्रस्ट के फंड से गबन के लिए जो मॉडस ऑपरेंडी अपनाई गई उसके तहत विभिन्न डमी कंपनियों से सामान व सेवाओं की खरीद के फर्जी बिल दिखाकर पैसा लिया गया। जांच में पता चला कि इन कंपनियों या अन्य से कोई सामान या सेवा वास्तव में ली ही नहीं गई। गबन किए गए पैसों का इस्तेमाल बेनामी संपत्ति की खरीद और अनुचित भुगतान में किया गया।

महाराष्ट्र, पुडुचेरी और तमिलनाडु में खरीदी गई दो दर्जन से अधिक अचल संपत्तियों का भी पता चला है। ये या तो बेनामी संपत्तियां हैं या फिर इनका आयकर रिटर्न में जिक्र नहीं किया गया। छापे में हुंडी पर 55 करोड़ रुपये का उधार लेने के साक्ष्य (व्यापार और क्रेडिट लेनदेन का एक अवैध रूप) और उनका भुगतान नकद में डिस्चार्ज्ड प्रॉमिसरी नोट्स, जारी किए गए वचन पत्र और विनिमय के बिल हैं। इन्हें भी जब्त किया गया है। 

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