वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Sat, 09 Apr 2022 07:48 AM IST
सार
अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति ने पिछले सप्ताह विदेश नीति संबंधी मुद्दों को लेकर सुनवाई की थी। इसके समक्ष उपमंत्री वेंडी शरमन पेश हुए थे। इस दौरान डेमोक्रेट सांसद इल्हान उमर ने भारत में मुस्लिमों के मानवाधिकारों के हनन का मुद्दा उठाया।
भारत में कथित मुस्लिम विरोधी नीतियों को लेकर लगातार आरोप लगाने वाली अमेरिकी डेमोक्रेट सांसद इल्हान उमर अब्दुल्लाही ने अब बाइडन प्रशासन से सवाल किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही है और बाइडन प्रशासन इसकी आलोचना को लेकर इतना अनिच्छुक क्यों है? अमेरिकी विदेश उप मंत्री वेंडी शरमन ने उन्हें इस पर उपयुक्त जवाब दिया।
अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति ने पिछले सप्ताह विदेश नीति संबंधी मुद्दों को लेकर सुनवाई की थी। इसके समक्ष उपमंत्री वेंडी शरमन पेश हुई थीं। इस दौरान डेमोक्रेट सांसद उमर ने भारत में मुस्लिमों के मानवाधिकारों के हनन का मुद्दा उठाया। शरमन ने उनके आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि बाइडन प्रशासन भारत समेत सभी देशों के समक्ष मानवाधिकारों के मुद्दे उठा रहा है।
उमर ने बुधवार को अमेरिकी संसद की समिति के समक्ष कहा था कि भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ लंबे समय से अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने उप विदेश मंत्री शरमन से पूछा कि वह मोदी सरकार की आलोचना क्यों नहीं कर रही हैं? उमर ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने भारत में मुस्लिम होना अपराध जैसा बना दिया है। बाइडन प्रशासन को दुनियाभर में मानवाधिकारों के हनन के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।
अमेरिकी विदेश उपमंत्री शरमन ने कहा कि हम उन देशों में मानवाधिकारों के लिए आवाज बुलंद करते हैं, जहां की सरकार के साथ हमारे कई अन्य एजेंडे हैं। आप इसे हर जगह देखेंगे। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि हमारे जिन देशों से बहुत से हित हैं, उनसे मानवाधिकारों की चिंता को लेकर हमें बात करना चाहिए। हम सिविल सोसायटी से इन मुद्दों पर बात करते हैं। हम मानवाधिकारों के लिए दबाव डालने वाले एनजीओ का समर्थन करते हैं। हम पत्रकारों व उनकी आजादी का समर्थन करते हैं। जब मैं पिछली बार उप विदेश मंत्री के रूप में भारत गई थी तो मैं एलजीबीटीक्यूआई प्लस समुदाय से मिली थी।
शरमन ने यह भी कहा कि जब जो बाइडन राष्ट्रपति बने थे तब उन्होंने साफ कहा था कि मानवाधिकार उनकी विदेश नीति का प्रमुख मुद्दा होगा। शरमन ने कहा कि मैंने जब भी किसी देश की सरकार के साथ बातचीत की है, हमने उनके मानवाधिकार का मुद्दा उठाया है। हमें उन देशों के मानवाधिकार रिकॉर्ड के बारे में चिंता है। वह उस बातचीत का हिस्सा रही हैं। हालांकि उमर शरमन के जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आईं।
विस्तार
भारत में कथित मुस्लिम विरोधी नीतियों को लेकर लगातार आरोप लगाने वाली अमेरिकी डेमोक्रेट सांसद इल्हान उमर अब्दुल्लाही ने अब बाइडन प्रशासन से सवाल किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही है और बाइडन प्रशासन इसकी आलोचना को लेकर इतना अनिच्छुक क्यों है? अमेरिकी विदेश उप मंत्री वेंडी शरमन ने उन्हें इस पर उपयुक्त जवाब दिया।
अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति ने पिछले सप्ताह विदेश नीति संबंधी मुद्दों को लेकर सुनवाई की थी। इसके समक्ष उपमंत्री वेंडी शरमन पेश हुई थीं। इस दौरान डेमोक्रेट सांसद उमर ने भारत में मुस्लिमों के मानवाधिकारों के हनन का मुद्दा उठाया। शरमन ने उनके आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि बाइडन प्रशासन भारत समेत सभी देशों के समक्ष मानवाधिकारों के मुद्दे उठा रहा है।
उमर ने बुधवार को अमेरिकी संसद की समिति के समक्ष कहा था कि भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ लंबे समय से अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने उप विदेश मंत्री शरमन से पूछा कि वह मोदी सरकार की आलोचना क्यों नहीं कर रही हैं? उमर ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने भारत में मुस्लिम होना अपराध जैसा बना दिया है। बाइडन प्रशासन को दुनियाभर में मानवाधिकारों के हनन के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।
अमेरिकी विदेश उपमंत्री शरमन ने कहा कि हम उन देशों में मानवाधिकारों के लिए आवाज बुलंद करते हैं, जहां की सरकार के साथ हमारे कई अन्य एजेंडे हैं। आप इसे हर जगह देखेंगे। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि हमारे जिन देशों से बहुत से हित हैं, उनसे मानवाधिकारों की चिंता को लेकर हमें बात करना चाहिए। हम सिविल सोसायटी से इन मुद्दों पर बात करते हैं। हम मानवाधिकारों के लिए दबाव डालने वाले एनजीओ का समर्थन करते हैं। हम पत्रकारों व उनकी आजादी का समर्थन करते हैं। जब मैं पिछली बार उप विदेश मंत्री के रूप में भारत गई थी तो मैं एलजीबीटीक्यूआई प्लस समुदाय से मिली थी।
शरमन ने यह भी कहा कि जब जो बाइडन राष्ट्रपति बने थे तब उन्होंने साफ कहा था कि मानवाधिकार उनकी विदेश नीति का प्रमुख मुद्दा होगा। शरमन ने कहा कि मैंने जब भी किसी देश की सरकार के साथ बातचीत की है, हमने उनके मानवाधिकार का मुद्दा उठाया है। हमें उन देशों के मानवाधिकार रिकॉर्ड के बारे में चिंता है। वह उस बातचीत का हिस्सा रही हैं। हालांकि उमर शरमन के जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आईं।
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