एजेंसी, वाशिंगटन।
Published by: Jeet Kumar
Updated Sat, 25 Dec 2021 02:20 AM IST
सार
मूल रूप से पेंटागन द्वारा 9/11 के बाद इस्लामी आतंकवाद से निपटने के लिए अनुशंसित बदलाव के बतौर लाई गई नीति में 6 जनवरी को अमेरिकी संसद भवन पर हमले के बाद इसे संशोधित किया गया है।
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) ने अपनी नीतियों को आगे बढ़ाने के मकसद से ‘चरमपंथ’ (एक्सट्रीमिज्म) शब्द का दायरा बढ़ाते हुए इसे आतंकवाद में शामिल किया है। अब चरमपंथी गतिविधियों का मतलब, अमेरिका या विदेश में आतंकवाद की वकालत करना, उसमें शामिल होना या उसका समर्थन करना माना जाएगा।
द जिनेवा डेली की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय एक सख्त चरमपंथ विरोधी नीति लेकर आया है जिसमें चरमपंथी सामग्री को ‘पसंद’ करने या किसी भी तरह के आतंकवाद का समर्थन करने पर संबंधित सदस्य को दंडित किया जा सकता है।
मूल रूप से पेंटागन द्वारा 9/11 के बाद इस्लामी आतंकवाद से निपटने के लिए अनुशंसित बदलाव के बतौर लाई गई नीति में 6 जनवरी को अमेरिकी संसद भवन पर हमले के बाद इसे संशोधित किया गया है।
रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने चरमपंथी की सीमा खोजने के लिए नीति की समीक्षा की और लोगों को चरमपंथी विचारों से रोकने के उपायों पर चर्चा की थी। यह नीति ऐसे नियम पेश करती है जो विशेष रूप से सोशल मीडिया पर सैनिकों की गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं। नई नीति के तहत, चरमपंथी सामग्री को ‘पसंद’ करने पर सैन्य दंड दिया जा सकता है।
विस्तार
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) ने अपनी नीतियों को आगे बढ़ाने के मकसद से ‘चरमपंथ’ (एक्सट्रीमिज्म) शब्द का दायरा बढ़ाते हुए इसे आतंकवाद में शामिल किया है। अब चरमपंथी गतिविधियों का मतलब, अमेरिका या विदेश में आतंकवाद की वकालत करना, उसमें शामिल होना या उसका समर्थन करना माना जाएगा।
द जिनेवा डेली की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय एक सख्त चरमपंथ विरोधी नीति लेकर आया है जिसमें चरमपंथी सामग्री को ‘पसंद’ करने या किसी भी तरह के आतंकवाद का समर्थन करने पर संबंधित सदस्य को दंडित किया जा सकता है।
मूल रूप से पेंटागन द्वारा 9/11 के बाद इस्लामी आतंकवाद से निपटने के लिए अनुशंसित बदलाव के बतौर लाई गई नीति में 6 जनवरी को अमेरिकी संसद भवन पर हमले के बाद इसे संशोधित किया गया है।
रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने चरमपंथी की सीमा खोजने के लिए नीति की समीक्षा की और लोगों को चरमपंथी विचारों से रोकने के उपायों पर चर्चा की थी। यह नीति ऐसे नियम पेश करती है जो विशेष रूप से सोशल मीडिया पर सैनिकों की गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं। नई नीति के तहत, चरमपंथी सामग्री को ‘पसंद’ करने पर सैन्य दंड दिया जा सकता है।
Source link
Share this:
-
Click to share on Facebook (Opens in new window)
-
Like this:
Like Loading...