एजेंसी, वाशिंगटन।
Published by: Jeet Kumar
Updated Mon, 07 Feb 2022 06:24 AM IST
सार
यूक्रेन की राजधानी से 75 किमी दूर रूसी बॉम्बरों ने बरसाए बम इसके साथ ही अधिकारियों ने कहा कि वे नहीं जानते कूटनीतिक प्रयासों की संभावना शेष होने के बाद भी रूस के राष्ट्रपति इस तरह का आत्मघाती फैसला क्यों लेने जा रहे हैं।
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विस्तार
हालांकि, अमेरिका और नाटो सहयोगियों का मानना है कि इसके पीछे रूस का इरादा यही है कि यूक्रेन को अपनी रक्षा के लिए तैयार होने का मौका नहीं दिया जाए। यूक्रेन की राजधानी से 75 किमी दूर रूसी बॉम्बरों ने बरसाए बम इसके साथ ही अधिकारियों ने कहा कि वे नहीं जानते कूटनीतिक प्रयासों की संभावना शेष होने के बाद भी रूस के राष्ट्रपति इस तरह का आत्मघाती फैसला क्यों लेने जा रहे हैं।
नाम गोपनीय रखने की शर्त पर अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल रूस मौसमी हालात की वजह से हमला नहीं कर रहा है। 15 फरवरी से मार्च के अंततक हमले के लिए सबसे अनुकूल मौसम होगा और तभी रूस आगे बढ़ेगा।
इसके साथ ही अधिकारियों ने बताया कि रूस पर यूक्रेन के हमले में 50 हजार आम लोगों की मौत होने की आशंका है। इसके अलावा हमले के कुछ दिनों के भीतर ही यूक्रेन की राजधानी रूस के कब्जे में होगी, जिसके बाद यूरोप में एक बड़ा शरणार्थी संकट सामने आ सकता है।
यूक्रेन की राजधानी से 75 किमी दूर रूसी बॉम्बरों ने बरसाए बम
रूस के टीयू22एम3 बम वर्षक विमानों ने यूक्रेन की राजधानी कीव से महज 75 किलोमीटर की दूरी पर बेलारूस में युद्धाभ्यास के दौरान चार घंटे तक बम गिराए। रूसी रक्षा मंत्रालय ने इसके संबंध में बयान जारी कर बताया कि शनिवार को बेलारूस की वायु सेना के रूस अभ्यास किया। रूस ने साइबेरिया और बेलारूस में यूक्रेन की सीमा के पास सैनिक तैनात कर रखे हैं। इस युद्धाभ्यास को रूस की तरफ यूक्रेन की राजधानी पर हमले के अभ्यास के तौर पर देखा जा रहा है।
पोलैंड पहुंचे अमेरिकी सैनिक
यूक्रेन पर रूस के हमले की सूरत में जवाबी कारवाई और हमले को रोकने के लिए नाटो और अमेरिकी सैनिकों की पोलैंड में तैनाती बढ़ती जा रही है। नाटो सैनिकों का पहला जत्था शनिवार को रेजजो पहुंचा। इसके अलावा और सैनिक जल्द पहुंचने वाले हैं।
रूस का आरोप यूक्रेन ने समझौता तोड़ा
रूस ने यूक्रेनी सरकार पर मिन्स्क समझौते को लागू करने में विफल रहने का आरोप लगाया है। शांति बहाल करने के लिए इस समझौते कि तहत स्वाथों क्षेत्र को रूसी समर्थित विद्रोहियों को सौंपना तय हुआ था। 2014 से यहां यूक्रेनी बलों और विद्रोहियों की झड़पों में 14,000 लोग मारे जा चुके हैं। इसके अलवा रूस चाहता है कि यूक्रेन नाटो में शामिल नहीं हो।
