बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Fri, 11 Mar 2022 12:32 PM IST
सार
अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टेनली आने वाले नौ महीनों में बीएसई के सेंसेक्स के 75 हजार के पार पहुंचने का अनुमान जताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना के मामले न बढ़ने और आने वाले दिनों में कच्चे तेल के दामोें में कमी आने की संभावना के चलते बीएसई का इंडेक्स लंबी छलांग लगा सकता है।
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विस्तार
सेंसेक्स लगाएगा लंबी छलांग
फिलहाल की बात करें तो सेंसेक्स अभी 55-56 हजार के स्तर पर कारोबार कर रहा है। लेकिन ये आने वाले दिनों में लंबी उछाल भरेगा और 75 हजार का आंकड़ा छू सकता है। मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर कुछ चीजें सही दिशा में चलती रहीं तो दिसंबर तक सेंसेक्स 75 हजार का आंकड़ा छू सकता है। गौरतलब है कि पहले कंपनी ने इसके 70 हजार पर पहुंचने का अनुमान जताया था, जिसे बदलकर अब 75 हजार कर दिया है।
इन वजह से जताई उम्मीद
रिपोर्ट में सेंसेक्स में तेजी की संभावना कुछ कारकों के चलते जताई गई है। इसमें कहा गया है कि वैश्विक बॉन्ड सूचकांकों में भारत को शामिल हो गया, जिसके चलते 12 महीनों में करीब 20 अरब डॉलर आएंगे। इसके अलावा कच्चे तेल में अभी जो उछाल आया है वो उसी तेजी से गिरता है तो बाजार का फायदा होगा। इसके अलावा कोविड-19 टीकाकरण में तेजी के कारण संक्रमण के मामलों में जो कमी आई है वो ऐसे ही रहे इसमें बढ़ोतरी न होने पर निवेशकों की धारणाओं को बल मिलेगा। इसके अलावा अगर आरबीआई लंबे समय तक नीतिगत दरों को स्थिर रखता है तो इसका भी फायदा होगा।
जीडीपी वृद्धि का अनुमान घटाया
कोरोना से ऊबर रही भारतीय अर्थव्यवस्था पर हालांकि रूस-यूक्रेन युद्ध का असर दिखाई दिया है। इसके चलते सबसे बड़ी चिंता महंगाई के बढ़ने की सामने आई है। भारत जो अपनी जरूरत का 85 फीसदी तेल आयात करता है उसके लिए इसके दाम में आ रही तेजी एक बड़ी चुनौती है। इसकी वजह से देश में पेट्रोल-डीजल के दामों में इजाफा संभव है और अगर ईंधन के दाम बढ़ते तो फिर खुदरा महंगाई बढ़ने का भी खतरा है। इसके मद्देनजर मॉर्गन स्टेनली ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को भी घटाकर 7.9 फीसदी कर दिया है।
महंगाई बढ़ने का खतरा अधिक
इसके साथ ही विश्लेषकों ने भारत में महंगाई के अनुमान को भी बढ़ाकर छह फीसदी कर दिया है जो कि भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक दायरे का ऊपरी स्तर है। कंपनी ने कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव बाह्य जोखिमों को बढ़ा रहे हैं और अर्थव्यवस्था के लिए महंगाई-जनित मंदी की आशंका भी पैदा हो रही है।