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Zomato-Blinkit Deal: जोमैटो में होगा ब्लिंकिट का विलय, दोनों कंपनियों के बीच हुआ समझौता, जानें डील से जुड़ी पूरी जानकारी

Zomato-Blinkit Deal: जोमैटो में होगा ब्लिंकिट का विलय, दोनों कंपनियों के बीच हुआ समझौता, जानें डील से जुड़ी पूरी जानकारी

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Wed, 16 Mar 2022 09:51 AM IST

सार

Blinkit To Merge With Zomato: ऑनलाइन फूड डिलेवरी कंपनी जोमैटो और सॉफ्टबैंक समर्थित ब्लिंकिट, जिसे पहले ग्रोफर्स के नाम से जाना जाता था, के बीच विलय को लेकर एक बड़ा समझौता किया गया है। ब्लिंकिट का जोमैटो में करीब 70 से 80 करोड़ डॉलर में विलय होगा। इस समझौते के 60 दिनों में पूरा होने की संभावना है। 

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सॉफ्टबैंक समर्थित ब्लिंकिट, जिसे पहले ग्रोफर्स के नाम से जाना जाता था, ने फूड डिलीवरी यूनिकॉर्न जोमैटो के साथ एक विलय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यानी आर्थिक तंगी से जूझ रही ब्लिंकिट का अब ऑनलाइन फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो में विलय हो जाएगा। दोनों कंपनियों के बीच हुई ये डील पूरी तरह स्टॉक आधारित होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, यह डील लगभग 70 से 80 करोड़ डॉलर में होने जा रही है।  

60 दिन में पूरी हो सकती है डील
इस ऑल-स्टॉक डील के तहत ब्लिंकिट के निवेशक जोमैटो में आनुपातिक शेयर हासिल करेंगे। रिपोर्ट के अनुसार, यह सौदा 60 दिनों के समय में पूरा होने की संभावना है। बता दें कि यह विलय ऐसे समय में होने जा रहा है जब ब्लिंकिट ने बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच अपने कर्मचारियों की छंटनी की है, स्टोर बंद किए हैं। इसके साथ ही कंपनी ने कुछ वेंडरों के भुगतान में भी देरी की है। पिछले साल जुलाई में ब्लिंकिट ने अपनी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच कर जोमैटो से 10 करोड़ डॉलर जुटाए थे।

पहले एक अरब डॉलर लगाई थी वैल्यू 
गौरतलब है कि यह सौदा इससे पहले लगाई गई ब्लिंकिट की वैल्यू से कम है क्योंकि पिछली बार इसकी वैल्यू एक अरब डॉलर लगाई गई थी। ब्लिंकिट ने इसी वैल्यूएशन के आधार पर जोमैटो से 10 करोड़ डॉलर भी जुटाए थे। इसके बाद कंपनी को यूनिकॉर्न का स्टेटस मिल गया था।  इस विलय समझौते की मंजूरी लेने के लिए जोमैटो जल्द ही कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया से संपर्क करेगी।

मर्जर की टर्म शीट पर हस्ताक्षर
जोमैटो और क्विक कॉमर्स प्लेयर ब्लिंकिट ने दो -तीन हफ्ते पहले मर्जर की टर्म सीट में हस्ताक्षर किए हैं। अगस्त 2021 में जोमैटो को ब्लिंकिट में 9.3 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 10 करोड़ डॉलर के निवेश के लिए सीसीआई की मंजूरी मिली थी। एक हफ्ते पहले जोमैटो ने ब्लिंकिट को ऋण साधनों के माध्यम से लगभग इस राशि का वित्तपोषण करने पर सहमति व्यक्त की थी, जिसे बाद में इक्विटी में परिवर्तित किया जा सकता है।

सौदे के बाद जोमैटो के शेयर चढ़े
विलय की इस डील के बाद बुधवार को जोमैटो के शेयरों ने 2 प्रतिशत से अधिक की छलांग लगाई।कंपनी ने ऑनलाइन किराना पोर्टल ब्लिंकिट को एक ऑल-स्टॉक सौदे में खुद के साथ विलय करने के लिए एक समझौता किया है। इस डील को लेकर निवेशकों की धारणाओं पर सकारात्मक असर पड़ा है और इस स्टॉक में एक दाम से पंख लग गए। 

डील पर ब्रोकरेज फर्मों की राय
जोमैटो और ब्लिंकिट के बीच हुए सौदे को लेकर ब्रोकरेज फर्म एचएसबीसी सिक्योरिटीज इंडिया ने कहा कि जोमैटो के साथ ब्लिंकिट के संभावित विलय से फूड डिलीवरी एग्रीगेटर के ग्राहकों को ऑनलाइन ग्रॉसरी एक्सेस मिलेगा, जबकि जोमैटो को ऑनलाइन ग्रॉसरी मार्केट में प्रवेश करने में मदद मिलेगी, जिसका कुल एड्रेसेबल मार्केट बड़ा है। वहीं ब्रोकरेज फर्म बोफा सिक्योरिटीज ने कहा कि यह सौदा निकट अवधि में जोमैटो के लिए नकारात्मक हो सकता है।
 

विस्तार

सॉफ्टबैंक समर्थित ब्लिंकिट, जिसे पहले ग्रोफर्स के नाम से जाना जाता था, ने फूड डिलीवरी यूनिकॉर्न जोमैटो के साथ एक विलय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यानी आर्थिक तंगी से जूझ रही ब्लिंकिट का अब ऑनलाइन फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो में विलय हो जाएगा। दोनों कंपनियों के बीच हुई ये डील पूरी तरह स्टॉक आधारित होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, यह डील लगभग 70 से 80 करोड़ डॉलर में होने जा रही है।  

60 दिन में पूरी हो सकती है डील

इस ऑल-स्टॉक डील के तहत ब्लिंकिट के निवेशक जोमैटो में आनुपातिक शेयर हासिल करेंगे। रिपोर्ट के अनुसार, यह सौदा 60 दिनों के समय में पूरा होने की संभावना है। बता दें कि यह विलय ऐसे समय में होने जा रहा है जब ब्लिंकिट ने बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच अपने कर्मचारियों की छंटनी की है, स्टोर बंद किए हैं। इसके साथ ही कंपनी ने कुछ वेंडरों के भुगतान में भी देरी की है। पिछले साल जुलाई में ब्लिंकिट ने अपनी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच कर जोमैटो से 10 करोड़ डॉलर जुटाए थे।

पहले एक अरब डॉलर लगाई थी वैल्यू 

गौरतलब है कि यह सौदा इससे पहले लगाई गई ब्लिंकिट की वैल्यू से कम है क्योंकि पिछली बार इसकी वैल्यू एक अरब डॉलर लगाई गई थी। ब्लिंकिट ने इसी वैल्यूएशन के आधार पर जोमैटो से 10 करोड़ डॉलर भी जुटाए थे। इसके बाद कंपनी को यूनिकॉर्न का स्टेटस मिल गया था।  इस विलय समझौते की मंजूरी लेने के लिए जोमैटो जल्द ही कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया से संपर्क करेगी।

मर्जर की टर्म शीट पर हस्ताक्षर

जोमैटो और क्विक कॉमर्स प्लेयर ब्लिंकिट ने दो -तीन हफ्ते पहले मर्जर की टर्म सीट में हस्ताक्षर किए हैं। अगस्त 2021 में जोमैटो को ब्लिंकिट में 9.3 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 10 करोड़ डॉलर के निवेश के लिए सीसीआई की मंजूरी मिली थी। एक हफ्ते पहले जोमैटो ने ब्लिंकिट को ऋण साधनों के माध्यम से लगभग इस राशि का वित्तपोषण करने पर सहमति व्यक्त की थी, जिसे बाद में इक्विटी में परिवर्तित किया जा सकता है।

सौदे के बाद जोमैटो के शेयर चढ़े

विलय की इस डील के बाद बुधवार को जोमैटो के शेयरों ने 2 प्रतिशत से अधिक की छलांग लगाई।कंपनी ने ऑनलाइन किराना पोर्टल ब्लिंकिट को एक ऑल-स्टॉक सौदे में खुद के साथ विलय करने के लिए एक समझौता किया है। इस डील को लेकर निवेशकों की धारणाओं पर सकारात्मक असर पड़ा है और इस स्टॉक में एक दाम से पंख लग गए। 

डील पर ब्रोकरेज फर्मों की राय

जोमैटो और ब्लिंकिट के बीच हुए सौदे को लेकर ब्रोकरेज फर्म एचएसबीसी सिक्योरिटीज इंडिया ने कहा कि जोमैटो के साथ ब्लिंकिट के संभावित विलय से फूड डिलीवरी एग्रीगेटर के ग्राहकों को ऑनलाइन ग्रॉसरी एक्सेस मिलेगा, जबकि जोमैटो को ऑनलाइन ग्रॉसरी मार्केट में प्रवेश करने में मदद मिलेगी, जिसका कुल एड्रेसेबल मार्केट बड़ा है। वहीं ब्रोकरेज फर्म बोफा सिक्योरिटीज ने कहा कि यह सौदा निकट अवधि में जोमैटो के लिए नकारात्मक हो सकता है।

 

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