वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Thu, 09 Dec 2021 09:31 PM IST
सार
लोकतंत्र को बचाने और इसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वालों से निपटने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सामूहिक प्रयास करने का आह्वान किया। वह लोकतंत्र शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन
– फोटो : पीटीआई
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को लोकतंत्र के लिए सम्मेलन (Summit for Democracy) को संबोधित किया। यहां बाइडन ने कहा कि साल 2020 में आई फ्रीडम हाउस रिपोर्ट और इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि पिछले 10 वर्षों में आधे लोकतांत्रिक देशों ने लोकतंत्र के कम से कम एक पक्ष में गिरावट का अनुभव किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे देशों में अमेरिका भी शामिल है।
बाइडन ने कहा कि लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वाले तत्व वैश्विक चुनौतियों की वजह से बढ़ रहे हैं, जो पहले से कहीं अधिक जटिल हैं। निरंकुश लोगों के दबाव के जरिए ऐसे तत्व अपनी ताकत बढ़ाना और इन चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी दमनकारी नीतियों को सही साबित करना चाहते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि मेरे हिसाब से यह हमारे समय की निर्णायक चुनौती है। इन चिंताओं को दूर करने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है।
चीन को नहीं दिया गया सम्मेलन के लिए निमंत्रण
लोकतंत्र की रक्षा के लिए दुनियाभर की सरकारों और नागरिक समाज के नेताओं को एक मंच पर लाने के लिए आयोजित हो रहे इस सम्मेलन की मेजबाई बाइडन कर रहे हैं। इस सम्मेलन के लिए एशिया-प्रशांत क्षेत्र से भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, मालदीव और फिलीपीन को आमंत्रित किया गया है। हालांकि, अमेरिका ने चीन को इस शिखर सम्मलेन के लिए न्योता नहीं भेजा है। इस कदम को लेकर चीन ने अपनी ओर से नाराजगी भी जताई थी।
110 देशों के नेता और विशेषज्ञ कर रहे हैं शिरकत
दो दिन तक चलने वाले इस शिखर सम्मेलन में 110 देशों के नेता व नागरिक समूहों के विशषज्ञ भ्रष्टाचार की समस्या को रोकने और मानवाधिकारों का सम्मान जैसे मुद्दों पर साथ काम करेंगे और विचार-विमर्श करेंगे। यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका को ही अपने संस्थानों और परंपराओं को लेकर गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बाइडन प्रशासन ने इसे लकर कहा कि दुनिया भर में आजादी समाप्त होने का चलन सा चल रहा है।
विस्तार
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को लोकतंत्र के लिए सम्मेलन (Summit for Democracy) को संबोधित किया। यहां बाइडन ने कहा कि साल 2020 में आई फ्रीडम हाउस रिपोर्ट और इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि पिछले 10 वर्षों में आधे लोकतांत्रिक देशों ने लोकतंत्र के कम से कम एक पक्ष में गिरावट का अनुभव किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे देशों में अमेरिका भी शामिल है।
बाइडन ने कहा कि लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वाले तत्व वैश्विक चुनौतियों की वजह से बढ़ रहे हैं, जो पहले से कहीं अधिक जटिल हैं। निरंकुश लोगों के दबाव के जरिए ऐसे तत्व अपनी ताकत बढ़ाना और इन चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी दमनकारी नीतियों को सही साबित करना चाहते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि मेरे हिसाब से यह हमारे समय की निर्णायक चुनौती है। इन चिंताओं को दूर करने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है।
चीन को नहीं दिया गया सम्मेलन के लिए निमंत्रण
लोकतंत्र की रक्षा के लिए दुनियाभर की सरकारों और नागरिक समाज के नेताओं को एक मंच पर लाने के लिए आयोजित हो रहे इस सम्मेलन की मेजबाई बाइडन कर रहे हैं। इस सम्मेलन के लिए एशिया-प्रशांत क्षेत्र से भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, मालदीव और फिलीपीन को आमंत्रित किया गया है। हालांकि, अमेरिका ने चीन को इस शिखर सम्मलेन के लिए न्योता नहीं भेजा है। इस कदम को लेकर चीन ने अपनी ओर से नाराजगी भी जताई थी।
110 देशों के नेता और विशेषज्ञ कर रहे हैं शिरकत
दो दिन तक चलने वाले इस शिखर सम्मेलन में 110 देशों के नेता व नागरिक समूहों के विशषज्ञ भ्रष्टाचार की समस्या को रोकने और मानवाधिकारों का सम्मान जैसे मुद्दों पर साथ काम करेंगे और विचार-विमर्श करेंगे। यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका को ही अपने संस्थानों और परंपराओं को लेकर गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बाइडन प्रशासन ने इसे लकर कहा कि दुनिया भर में आजादी समाप्त होने का चलन सा चल रहा है।
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