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RRR Vs Bahubali 2: 'बाहुबली 2' का रिकॉर्ड तोड़ने में क्यों नाकाम रही 'आरआरआर', इन 5 बिंदुओं से समझिए दोनों फिल्मों का गणित

फिल्म निर्देशक एस एस राजामौली की हालिया रिलीज ‘आरआरआर’ ने पहले दिन ही बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया है। राम चरण , जूनियर एनटीआर और आलिया भट्ट अभिनीत इस फिल्म ने ओपनिंग डे पर ही कई हिंदी फिल्मों जैसे 83, तानाजी और गुड न्यूज आदि का रिकॉर्ड तोड़ दिया। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि निर्देशक एस एस राजामौली की फैन फॉलोइंग का पूरा-पूरा फायेदा उनकी फिल्म ‘आरआरआर’ को मिल रहा है। हालांकि आरआरआर पहले दिन बाहुबली 2 का रिकॉर्ड तोड़ने में नाकाम हो गई है। ऐसा क्यों हुआ यह जानने के लिए हम एस एस राजामौली की दोनों फिल्मों को एक तराजू में नापने की कोशिश कर रहे हैं। चलिए जानते हैं…

किस फिल्म की कहानी ने दर्शकों के दिलों में बनाई जगह?

राजामौली की फ़िल्मों की पृष्ठभूमि काफी अहम होती है। उनकी कहानियां अक्सर कल्पनाओं  और हिंदू पौराणिक कथाओं का मिश्रण होती हैं। यदि हम बाहुबली के दोनों भागों की बात करें तो अक्सर दर्शक इसकी तुलना देश के सबसे पुराने महाकाव्यों रामायण औऱ महाभारत से करते हैं। अपने पिता के.वी. विजेन्द्र प्रसाद के साथ मिलकर गढ़ी इस कहानी में डायरेक्टर राजामौली शुरुआत से लेकर अंत तक माहेष्मति साम्राज्य में राम राज्य बनाने की कोशिश करते नजर आते हैं। वहीं यदि हम हालिया रिलीज आरआरआर की बात करें तो इस फिल्म में एस एस राजामौली ने रामा राजू और भीम के जीवन के बीच के संयोगों को जोड़ते हुए उनकी दोस्ती की कहानी बताने की कोशिश की है। हालांकि आरआरआर की कहानी, बाहुबली जितनी अच्छी नहीं है।

किस फिल्म ने रिलीज से पहले बनाया कैसा वातावरण?

राजामौली ने अपने 21 साल के करियर में 11 फिल्मों का निर्माण किया है। यदि हम उनकी अब तक की फिल्मों के रिलीज ईयर पर नजर डालें तो हमें यह स्पष्ट रूप से नजर आएगा कि निर्देशक कहानी बुन्ने से लेकर फिल्म को दर्शकों तक पहुंचाने तक का काम समय लेकर बड़ी बारिकी से करते हैं। यही कारण है कि उन्हें फिल्म को बड़े पर्दे पर रिलीज करने में कभी एक साल तो कभी पांच साल का वक्त लगता है। जब राजामौली फिल्म का निर्माण कर रहे होते हैं, तब उनकी टीम पूरे देश में एक वातावरण तैयार करने में जुट जाती है। कभी स्टार कास्ट अपनी ही फिल्म को देखने दर्शकों के बीच पहुंच जाते हैं, तो कभी मंदिरों में आर्शीवाद लेते नजर आते हैं। यही कारण है कि एस एस राजमौली की फिल्म लार्जर दैन लाइफ बन जाती हैं और रिलीज से पहले ही हंगामा मच जाता है। हालांकि राजामौली की आरआरआर के हिंदी संस्करण के वितरकर और फिल्म के निर्माताओं के बीच तालमेल की कमी के चलते यह फिल्म हिंदी भाषी राज्यों में वैसा आकर्षण पैदा नहीं कर पाई है जैसी कि फिल्म ‘बाहुबली 2’ के निर्देशक की फिल्म की इन राज्यों में होनी चाहिए थी।

फिल्मों की भव्यता बढ़ाने वाले पार्श्व संगीत में किस फिल्म की हुई जीत?

एस एस राजामौली अपनी फिल्मों की भव्यता को बढ़ाने के लिए पार्श्व संगीत का इस्तेमाल करते हैं। हिंदी फिल्मों के विपरीत राजामौली की फिल्मों के गाने, फिल्म की कहानी और किरदार से जुड़े हुए होते हैं। फिल्म ‘बाहुबली’ का ट्रैक सॉन्ग हो या फिर ‘आरआरआर’ का ‘नाथू-नाथू’, दोनों ही गानों ने दर्शकों का मनोरंजन करने के साथ-साथ किरदारों की विशेषताओं को भी उजागर किया है। हालांकि बाहुबली की तरह आरआरआर का संगीत दर्शकों के दिलों पर राज करने में नाकाम रहा।

किस स्टार कि है कितनी फैन फॉलोइंग?

यदि बाहुबली 2 से पेन इंडिया स्टार बने प्रभास और आरआरआर से हिंदी सिनेमा में अपना पांव जमा रहे राम चरण व जूनियर एनटीआर की फैन फॉलोइंग की बात करें, तो राजामौली की फिल्म आरआरआर के दोनों मुख्य अभिनेताओं के कुल फॉलोअर्स बाहुबली स्टारर प्रभास के बराबर हैं। इंस्टाग्राम पर प्रभास को 8.1 मिलियन, राम चरण को 5.3 मिलियन और जूनियर एनटीआर को 3.6 मिलियन यूजर्स फॉलो करते हैं। इन आंकडों को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि फिल्म आरआरआर में प्रभास की गैर मौजूदगी ने राजामौली का करोड़ो का नुकसान करा दिया है।

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